केवल आईपीएल स्टार नहीं हैं रिंकू और वह उन पांच छक्कों से कहीं अधिक हैं
लेकिन उन पांच छक्कों से उनकी ज़िंंदगी पूरी तरह से बदल गई

6 जुलाई अलुर।
यह भारतीय टीम के वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए चुनी गई टी20 टीम का अगला दिन था। रिंकू सिंह के चुने जाने की पूरी संभावना थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। लेकिन जब वह मैदान से बाहर निकले तो वह शांत थे। उन्होंने कुछ मिमिक्री या मज़ाक किया जिससे उनके साथी हंस पड़े। इससे यह दिखा कि जे उनके हाथ में नहीं है वह उसके बारे में नहीं सोचते हैं।
मैदान पर कुछ पत्रकारों ने सेंट्रल ज़ोन के सपोर्ट स्टाफ़ से रिंकू से बात कराने की मांग की, लेकिन उन्होंने शांति से मना कर दिया, इसका मतलब यह नहीं था कि वह अभिमानी या असभ्य थे, बल्कि वह शर्माते हैं क्योंकि वह जानते थे कि सवाल उनके चयन नहीं होने पर ही आएंगे, क्योंकि उस मैच में उन्होंने बल्लेबाज़ी नहीं की थी जिससे कि वह अपने प्रदर्शन पर बात कर सकें।
सपोर्ट स्टाफ़ के सदस्य ने उसका मेसेज पहुंचाया, "वह निराश है लेकिन उसने कहा है कि वह बड़ी चुनौतियों के लिए तैयार हैं। वह वेस्टइंडीज़ के लिए नहीं चुने गए इस वजह से उन्होंने बात करने से मना नहीं किया है। वह अपने खेल का लुत्फ़ उठाना चाहता है और बेंगलुरु में अच्छा करना चाहता है। वह बाद में बात करके ख़ुश होंगे।" उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी के लिए बेंगलुरु में दो सप्ताह और निकाले लेकिन यह बाद कभी नहीं आया। इसके बाद हालांकि पहले उन्होंने चीन में होने वाले एशियन गेम्स और बाद में आयरलैंड में टी20 के लिए चुन लिया गया।
रिंकू बहुत कम शब्दों में बात करते हैं। जैसा कि आयरलैंड के ख़िलाफ़ 21 गेद में 38 रन की पारी खेलकर प्लेयर ऑफ़ द मैच लेने के बाद उन्होंने किया।
यह दो हिस्सों की पारी थी। पहले उन्होंने समय लिया और कुछ जल्दी विकेट गंवाने के बाद यह अहम भी था। वह जानते थे कि भारतीय बल्लेबाज़ी नंबर 8 तक है। इसके बाद वह ऐसी स्थिति में आ गए जहां वह जानते थे कि अब क्या करना है।
15 गेंद के लिए रिंकू 100 के स्ट्राइक रेट से खेले। जिसमें उन्होंने लेग स्पिनर बेन व्हाइट पर स्वीप करते हुए एक चौका लगाया, वह सिंगल की ओर देख रहे थे। लेकिन 19वें ओवर में उन्होंने खुलकर खेला जिसमें वाइड यॉर्कर पर उन्होंने चौका निकाला तो एक धीमी ऑफ़ कटर पर उन्होंने लॉन्ग ऑन पर छक्का लगाया।
रिंकू की ताक़त है कि वह अपना गेम जनते हैं, वह जानते हैं कि वह आसानी से मैदान के बाहर गेंद को भेज सकते हैं। उन दो बाउंड्री का फ़ायदा यह हुआ कि बैरी मक्कार्थी दबाव में आ गए और उन्होंने आगे दो वाइड गेंद कर दी।
उन्होंने इसके बाद मक्कार्थी वाइड यॉर्कर का प्रयास करते हुए लेंथ से चूक गए। रिंकू जानते थे कि थर्ड मैन थोड़ा स्क्वायर खड़ा है, ऐसे में उन्होंने प्वाइंट के दायीं ओर से टाइमिंग के साथ बेहतरीन शॉट निकाला। इसके बाद उन्होंने एक्स्ट्रा कवर की दिशा में बेहतरीन लॉफ़्टिंग कवर ड्राइव लगाई और यह ओवर 22 रन का आया जिससे भारत को मूमेंटम मिल गया।
इससे शिवम दुबे को भी मदद मिली जो नौ गेंद में 13 रन बनाकर खेल रहे थे। उन्होंने फ़ाइनल ओवर में दो छक्कों के साथ शुरुआत की। जब तीसरी गेंद सिंगल के लिए गई तो भारतीय दर्शक खुश दिखे। रिंकू अब स्ट्राइक पर थे और उन्होंने डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग के ऊपर से कमाल का शॉट खेल दिया। उनकी कलाई और ताक़त इस पिकअप शॉट के लिए बेहतरीन थी। इसके बाद मज़ा तब समाप्त हुआ जब अगली गेंद पर पुल लगाने के चक्कर में गेंद टॉप ऐज ली, लेकिन तब तक वह भारत को 185 रनों तक पहुंचा चुके थे। रिंकू की यह पारी उनकी अहमदाबाद में खेली गई पारी की याद दिलाती है जहां से उनका करियर और ज़िंंदगी पूरी तरह से बदल गई।
लेकिन रिंकू पूरी तरह से आईपीएल वंडर नहीं हैं या उनका चयन आईपीएल 2023 की उस पारी के बाद नहीं हुआ है। यह हुआ है उनके उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट में बनाए गए रनों की वजह से।
उदाहरण के तौर पर 2018-19 रणज़ी सीज़न में रिंकू एलीट डिवीजन में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। उन्होंने 13 पारियां में 105.88 के शानदार औसत से 953 रन बनाए थे, जिसमं चार शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे। 2021-22 विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में रिंकू ने यूपी को नॉकआउट तक पहुंचाया जहां उन्होंने छह पारियों में 94.75 के स्ट्राइक रेट से 379 रन बनाए, जिसमें चार अर्धशतक और एक शतक शामिल था।
यह उनका तीनों प्रारूपों का खिलाड़ी होना दर्शाता है, यही वजह से कि उस पारी ने रिंकू को टीम इंडिया तक नहीं पहुंचाया। उस पारी ने जो उनको दिया वह उनको ख़्याति दिलाना था जो घरेलू स्तर पर नहीं हो पाया थ। यह बहुत बड़ा अंतर है और रिंकू इस बात को जानते हैं।
रिंकू ने इसके बाद बीसीसीआई वेबसाइट पर कहा, "उन पांच छक्कों के बाद ज़िंंदगी पूरी तरह से बदल गई। लोग मुझे बस उसके लिए याद रखते हैं। इससे अच्छा लगता है।"
रिंकू ने अपनी ज़िंंदगी में बहुत संघर्ष किया है लेकिन उनकी साधारण परवरिश ने उन्हें यह सिखाया है कि प्रसिद्धि से ध्यान नहीं भटकाना है! जब वह बुधवार को मैदान पर उतरेंगे तो वह अपने रविवार के प्रदर्शन को भूलना चाहेंगे।
अगले साल टी20 विश्व कप है और रिंकू के मन में टीम में जगह बनाने की आकांक्षाएं होंगी लेकिन रिंकू को यह परेशान नहीं करेंगी, जैसा रविवार को गेंद दर गेंद 15 रन बनाते हुए वह परेशान नहीं हुए थे।
शशांक किशोर ESPNcricinfo मे सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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