शुभमन गिल : टेस्ट कप्तान बनाए जाना 'सबसे बड़ा सम्मान'
भारत के नए टेस्ट कप्तान ने कहा कि वह मैदान के बाहर भी अपने अनुशासन से मिसाल क़ायम करना चाहते हैं
कुंबले: गिल को नंबर-3 पर ही खेलना चाहिए
इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट दल पर अनिल कुंबले की प्रतिक्रियाटेस्ट कप्तान बनाए जाने को "सबसे बड़ा सम्मान" बताते हुए शुभमन गिल चाहते हैं कि वह न सिर्फ़ मैदान पर अपने प्रदर्शन बल्कि मैदान के बाहर के अपने 'अनुशासन और मेहनत' से भी मिसाल कायम करें। गिल ने यह भी स्पष्ट किया कि टीम के बेहतर प्रदर्शन के लिए अपने साथियों को अच्छे से समझना भी बहुत ज़रूरी है।
BCCI.tv से बात करते हुए गिल ने कहा, "एक कप्तान के तौर पर, एक लीडर को पता होना चाहिए कि कब हस्तक्षेप करना है और कब खिलाड़ियों को उनकी जगह देनी है। हर किसी का जीवन अलग रहा है और सभी का पालन-पोषण अलग तरीके से हुआ है। हर किसी की अलग-अलग शख्स़ियत होती है, इसलिए एक अच्छा लीडर वह होता है, जो यह जान सके कि कौन सी चीज़ उसके खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलवा सकती है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब आप खिलाड़ियों से क्रिकेट से हटकर बात करते हैं, तो यह बहुत रोमांचक होता है। तभी आप असली मायने में समझ पाते हैं कि कौन सी चीज़ उनका सर्वश्रेष्ठ बाहर निकालती है।"
गिल इससे पहले 2024 में ज़िम्बाब्वे के एक छोटे से दौरे पर दौरान भारत की T20I टीम की कप्तानी कर चुके हैं और अब उन्हें रोहित शर्मा के संन्यास के बाद भारत का नियमित टेस्ट कप्तान बनाया गया है। गिल ने यह ज़ोर देकर कहा कि बल्लेबाज़ और कप्तान की भूमिका को अलग रखना ज़रूरी है। उन्हें लगता है कि यह फ़र्क ही उनके फै़सलों को ज़्यादा स्पष्ट बनाएगा।
गिल ने कहा, "मैंने जो एक चीज़ सीखी है, वह यह है कि जब मैं क्रीज़ पर बल्लेबाज़ी कर रहा हूं, तो मैं एक बल्लेबाज़ के रूप में फ़ैसले लूं, कप्तान के रूप में नहीं। अगर मैं दूसरी चीज़ों के बारे में सोचने लगूंगा, तो इससे अनावश्यक दबाव आ जाता है। जब आप बल्लेबाज़ी कर रहे होते हैं, तो आपको जोखिम लेने की आज़ादी होनी चाहिए। अगर मैं कप्तान के रूप में सोचूंगा तो यह आज़ादी बाधित होगी।"
गिल खु़द को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे पूर्व कप्तानों से नेतृत्व की कुछ अहम बातें सीखने को मिलीं, जिनके पास मिलाकर 92 टेस्ट की कप्तानी का अनुभव है।
उन्होंने बताया, "जब मैं छोटा था, तो हमेशा भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों से प्रेरित होता था। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे विराट भाई या रोहित भाई जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौक़ा मिला। दोनों का नेतृत्व करने का तरीका अलग था, लेकिन दोनों का एक ही लक्ष्य था - भारत को जिताना। आप एक कप्तान के रूप में जीतना चाहते हैं, बशर्ते आपकी शैली अलग हो सकती है। उनका तरीका अलग होते हुए भी अपने-अपने अंदाज़ में असरदार था। विराट भाई हमेशा बहुत आक्रामक रहते थे। सामने से नेतृत्व करना और जुनून के साथ खेलना - उनकी पहचान थी। वहीं रोहित भाई भी आक्रामक थे, लेकिन यह उनके हाव-भाव में नहीं दिखता था। वह फ़ील्ड पर हमेशा आक्रामक सोच रखते थे।"
गिल ने आगे बताया कि इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों ने टीम को विदेशों में टेस्ट जीतने का एक "ख़ाका" दिया है। उन्होंने कहा, "रोहित भाई बहुत शांत और रणनीतिक रूप से हमेशा सजग रहते हैं। वह खिलाड़ियों से संवाद करने में बहुत अच्छे हैं और बताते हैं कि उन्हें अपने खिलाड़ियों से क्या चाहिए। ये वे गुण हैं, जो मैंने उनसे सीखे हैं। "रोहित भाई, विराट भाई और अश्विन भाई जैसे खिलाड़ियों ने हमें यह ख़ाका दिया है कि कैसे विदेशों में जाकर मैच और सीरीज़ जीती जा सकती हैं। प्रदर्शन और योजनाओं को लागू करना एक बात है, लेकिन हमारे पास वह ख़ाका है, जिससे हमें पता है कि विदेशों में कैसे जीतना है।"
लीड्स में 20 जून से शुरू हो रही इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में खेलने की चुनौती को लेकर उत्साह ज़ाहिर करते हुए गिल ने कहा, "जब आप पांच टेस्ट की सीरीज़ खेलते हैं तो उसका एक अलग ही भाव होता है। यह लंबी, मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण होती है और यही टेस्ट क्रिकेट का सबसे रोमांचक पहलू है, क्योंकि यह आपको कई स्तरों पर चुनौती देता है। उम्मीद है कि यह हमारे लिए बहुत ही रोमांचक समय हो। यह आसान नहीं होगा, लेकिन मुझे लगता है कि हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं।"
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.