दौरों पर खिलाड़ियों के परिवार के साथ समय को सीमित करने की तैयारी में BCCI
कोरोना महामारी के दौरान बोर्ड ने अपने प्रावधानों में छूट दी थी लेकिन अब दोबारा उन्हीं प्रावधानों को लागू किए जाने की तैयारी है

BCCI एक बार फिर भारतीय टीम के दौरों पर खिलाड़ियों द्वारा परिवार के साथ बिताए जाने वाले समय को सीमित किए जाने की तैयारी कर रहा है। 45 दिन से अधिक के दौरों पर खिलाड़ी अपने साथी और बच्चों के साथ 14 दिन से अधिक समय व्यतीत नहीं कर पाएंगे और यह 14 दिन दौरे के शुरुआती 14 दिन नहीं होंगे। इससे छोटे दौरों पर खिलाड़ी अपने परिवार के साथ एक सप्ताह तक रह पाएंगे।
यह दिशानिर्देश खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध का हिस्सा हैं लेकिन कोरोना महामारी के दौरान परिवारों को बायो बबल का हिस्सा बनाए रखने और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसमें छूट दी गई थी।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद शनिवार को पहली बार मुंबई में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच गौतम गंभीर, मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर और BCCI के अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी। टीम के नेतृत्वकर्ताओं को पूर्व के प्रावधानों को दोबारा लागू किए जाने के बारे में सूचित कर दिया गया है।
खिलाड़ियों के साथ परिवार और बच्चों को यात्रा करने की इजाज़त को लेकर अमूमन खेल संगठनों के बीच अलग मत दिखाई पड़े हैं। IPL में चेन्नई सुपर किंग्स एक उदाहरण है जहां परिवार की मौजूदगी टीम के पक्ष में काम करती हुई दिखाई दी है। लेकिन ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जब टीमों ने खिलाड़ियों को उनकी साथियों के साथ रहने पर प्रतिबंध लगाया है।
2019 में ब्राज़ील ने कोपा अमेरिका कप जब जीता तब खिलाड़ियों की साथियों की विज़िट प्रतिबंधित थी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया तैराकों का भी उदाहरण है जब 2012 ओलंपिक्स में उन्होंने इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए अकेलापन और हताशा की भावना उत्पन्न होने का हवाला दिया था।
हालांकि भारतीय टीम के पास इसका कोई सीधा जवाब नहीं है। इस संबंध में इससे पहले चर्चा 2018 में हुई थी और तब तत्कालीन कप्तान विराट कोहली ने प्रावधानों में छूट देने की अपील की थी।
तब वर्तमान मुख्य कोच गौतम गंभीर ने इंडिया टूडे से कहा था, "खिलाड़ियों के मत अलग अलग होते हैं। कुछ खिलाड़ियों को पूरे दौरे के लिए परिवार का साथ चाहिए होता है तो कुछ परिवार के साथ अधिक समय नहीं बिताना चाहते ताकि वह अन्य चीज़ों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। जो भी निर्णय हो वो भारतीय क्रिकेट के हित में लिया जाना चाहिए।"
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