भारतीय टीम ने मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी लेने से इनकार किया
BCCI सचिव ने कहा कि उन्होंने तय किया कि वे ACC अध्यक्ष से ट्रॉफ़ी नहीं लेंगे
आकाश : तिलक की पारी बेहतरीन थी लेकिन दुबे ने भी दिखा दिया कि उनमें काफ़ी दम है
भारत और पाकिस्तान के बीच खेल गए एशिया कप फ़ाइनल का सटीक विश्लेषण आकाश चोपड़ा, उरूज़ मुमताज़ और वरुण ऐरन के साथभारतीय टीम ने फ़ाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से हराने के बाद एशिया कप की ट्रॉफ़ी लेने से इनकार कर दिया, जो कि एक घंटे से ज़्यादा की देरी से शुरू हुआ था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यह ट्रॉफ़ी एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी द्वारा दी जानी थी, जो कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन और पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री भी हैं।
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा, "हमने तय किया है कि हम एशिया कप ट्रॉफ़ी, ACC चेयरमैन से नहीं लेंगे, जो पाकिस्तान के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह शख़्स ट्रॉफ़ी और मेडल्स अपने साथ ले जाए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और हम उम्मीद करते हैं कि ट्रॉफ़ी और मेडल्स जल्द ही भारत को लौटा दिए जाएंगे। नवंबर में ICC का कॉन्फ़्रेंस दुबई में है। अगले कॉन्फ़्रेंस में हम इस घटना के खिलाफ बहुत गंभीर और सख़्त विरोध दर्ज करेंगे।"
यह मैच दुबई के समयानुसार लगभग रात 10.30 बजे ख़त्म हुआ, लेकिन प्रजेंटेशन समारोह का इंतज़ार क़रीब आधी रात तक चला। शुरुआत में यह साफ़ नहीं था कि देरी क्यों हो रही है, हालांकि अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि भारतीय टीम नक़वी से ट्रॉफ़ी लेना नहीं चाहती थी। ACC की वेबसाइट पर शनिवार को जारी बयान में कहा गया था कि नक़वी विजेताओं को ट्रॉफ़ी देंगे।
जब प्रजेंटेशनसमारोह शुरू हुआ, तब कुलदीप यादव, अभिषेक शर्मा और तिलक वर्मा ने मंच पर मौजूद अन्य गणमान्य व्यक्तियों से अपने व्यक्तिगत पुरस्कार लिए और पाकिस्तानी कप्तान सलमान आग़ा ने नक़वी से रनर्स-अप चेक लिया, जिसके बाद समारोह ख़त्म हुआ।
मेज़बान प्रसारक के प्रेजेंटर साइमन डूल ने समारोह में कहा, "मुझे एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) द्वारा सूचित किया गया है कि भारतीय क्रिकेट टीम आज रात अपने पुरस्कार नहीं लेगी। तो यही पोस्ट-मैच प्रजेंटेशन का अंत होता है।"
समारोह के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ कभी नहीं देखा।
उन्होंने कहा, "जब से मैंने क्रिकेट खेलना और फ़ॉलो करना शुरू किया, यह एक ऐसी चीज़ है, जो मैंने कभी नहीं देखी कि एक चैंपियन टीम को ट्रॉफ़ी से वंचित कर दिया जाए, वो भी इतनी मेहनत से जीती हुई ट्रॉफ़ी को। मुझे लगता है हम इसके हक़दार थे। मैं और कुछ नहीं कह सकता, मैंने इसे अच्छे से बयां कर दिया है। अगर आप मुझसे ट्रॉफ़ियों के बारे में पूछें, तो मेरी ट्रॉफ़ियां ड्रेसिंग रूम में बैठी हैं, मेरे साथ सभी 14 खिलाड़ी, सपोर्ट स्टाफ़। इस एशिया कप की यात्रा में वे ही असली ट्रॉफ़ियां हैं।"
सूर्यकुमार ने कहा कि टीम ने यह फ़ैसला ख़ुद लिया कि ट्रॉफ़ी नहीं लेनी है और किसी ने हमें ऐसा करने के लिए नहीं कहा।
मैच ख़त्म होते ही पाकिस्तान के खिलाड़ी मैदान छोड़कर ड्रेसिंग रूम चले गए जबकि भारतीय खिलाड़ी मैदान पर ही रहे। प्रजेंटेशन समारोह का मंच लंबे समय तक नहीं लगाया गया। फिर नक़वी आए और अधिकारियों से काफ़ी देर तक बातचीत करते रहे, जबकि भीड़ छंट गई। हालांकि भारतीय दर्शकों की एक बड़ी संख्या बनी रही।
क़रीब एक घंटे बाद मंच लगाया गया और नक़वी अन्य गणमान्यों के साथ अपनी जगह पर पहुंचे। एक अधिकारी ने एशिया कप की ट्रॉफ़ी को मंच से हटाया और बिना कोई वजह बताए उसे लेकर मैदान से बाहर चले गए। इसके बाद पाकिस्तान टीम बाहर आई और डूल द्वारा संचालित समारोह शुरू हुआ।
भारतीय खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत पुरस्कार लेने के लिए मंच तक गए, जहां नक़वी भी खड़े थे। हालांकि उन्होंने इसे नज़रअंदाज़ किया और अन्य अधिकारियों से पुरस्कार लिए। नक़वी ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए तालियां भी नहीं बजाईं।
पाकिस्तान खिलाड़ियों ने अपने रनर्स-अप मेडल्स लिए, कप्तान आग़ा ने चेक लिया और नक़वी के साथ फोटो खिंचवाई। डूल के साथ पोस्ट-मैच इंटरव्यू खत्म होने के बाद गणमान्य लोग मंच से चले गए। इसके बाद भारतीय टीम और अधिकारी पोडियम पर गए, जहां उन्होंने अपनी जीत का जश्न मनाया। असली ट्रॉफ़ी नज़र न आने पर सूर्यकुमार और बाक़ी खिलाड़ियों ने काल्पनिक ट्रॉफ़ी उठाकर जश्न मनाया।
भारत का नक़वी से ट्रॉफ़ी न लेने का रुख़ पहले से ही तय माना जा रहा था। उन्होंने इस टूर्नामेंट के तीनों मैचों में पाकिस्तान से हाथ मिलाने से भी इनकार किया था, चाहे कप्तानों के बीच टॉस पर हो या मैच के बाद।
पाकिस्तान के कोच माइक हेसन और कप्तान आग़ा ने इसकी आलोचना की थी, लेकिन भारत का रुख़ नहीं बदला। हालात ख़ासकर सुपर फ़ोर के दूसरे मैच में गरमा गए, जब दोनों टीमों के बीच कई बार जुबानी झगड़े हुए। सूर्यकुमार को पहले मैच के बाद दिए गए बयान के लिए जुर्माना लगा और हारिस रऊफ़ को दूसरे मैच की हरकतों के लिए मैच फ़ीस कटे।
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