टी20 में वापसी के साथ विश्व कप टीम की रेस में लौटे कुलदीप यादव
आईपीएल से पहले श्रीलंका के खिलाफ एक और टी20 में खुद को पूरी तरह से लय में लाने की कोशिश करेंगे

श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 अंतर्राष्ट्रीय में गेंदबाजी करने से पहले वह अपना पिछला टी20 मुकाबला आईपीएल 2020 में खेले थे, एक ऐसा टूर्नामेंट जहां पर उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए 14 में से पांच ही मुकाबले खेलने को मिले। इस दौरान पांच मैचों में उन्होंने 12 ओवर किए और मात्र एक ही विकेट लिया। वहीं पिछली बार वह भारत के लिए कोई टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला जनवरी 2020 में श्रीलंका के खिलाफ खेले थे, जहां पर उनका प्रति ओवर रन रेट 9.50 था, जबकि श्रीलंका ने पूरी पारी में नौ विकेट पर 142 रन 7.10 प्रति ओवर रन रेट से बनाए थे।
अगर देखें कि यादव ने पिछली बार नौ रन प्रति ओवर से कम देते हुए एक से ज्यादा विकेट कब लिए थे, तो आपको फरवरी 2019 में जाना होगा। वह 2019 में टी20 में काफी अच्छा कर रहे थे। 2019 आईपीएल तक उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने 19.43 के औसत और 7.32 के इकॉनमी से गेंदबाजी की। हालांकि, 2019 आईपीएल से यह आंकड़े आसमान छू गए, क्योंकि बुधवार को हुए टी20 अंतर्राष्ट्रीय से पहले तक उनका औसत 42.33 और इकॉनमी 8.61 का था।
पिछले दो साल में खराब नसीब, खराब प्रदर्शन और खराब समय ने यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थी। यह तो महामारी वजह बनी कि उन्हें श्रीलंका दौरे पर एक बार दोबारा अंतिम 11 में खेलने का मौका मिल गया। उन्होंने वनडे सीरीज से अच्छी शुरुआत की। वह शायद टी20 में नहीं खेलते अगर क्रुणाल पंड्या के पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरी टीम में सिर्फ 11 खिलाड़ी खेलने के लिए उपलब्ध नहीं रहते।
विडंबना यह रही कि एक बार दोबारा किस्मत उनके आड़े आ गई। यादव खुशकिस्मत नहीं रहे, क्योंकि अपनी दूसरी ही गेंद पर उन्होंने दसुन शनाका को एलबीडब्ल्यू करके पवेलियन भेज दिया होता लेकिन अंपायर के मना करने के बाद भारतीय टीम ने रिव्यू ही नहीं लिया। दूसरे ही ओवर में उन्होंने विकेट के पीछे धनंजय डीसिल्वा को चलता कर दिया होता लेकिन संजू सैमसन वह कैच नहीं लपक पाए। इसके बाद अपने तीसरे ओवर की पहली ही गेंद पर वह मिनोद भानुका को चलता कर दिए होते लेकिन प्वाइंट पर भुवनेश्वर कुमार ने कैच का मौका गंवा दिया।
यादव ने अपने चौथे ओवर में बाउंड्री खाई वह भी लांग ऑफ पर खड़े क्षेत्ररक्षक की चूक ने एक रन को चार में तब्दील कर दिया। जो भी ओवर उन्होंने किया, उसमें किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। उम्मीद है यादव फिर किसी दिन इसी ही कौशल के साथ गेंदबाजी करेंगे और तब उनके गेंदबाजी के आंकड़े चार ओवर में 30 रन की बजाए चार ओवर में 20 रन होंगे, जो उन्होंने अपने टी20 क्रिकेट में वापसी के दौरान खर्च किए।
यादव ने इतना जरूर किया कि उन्होंने भारत के गेंदबाजी कोच पारस महांम्ब्रे को प्रभावित कर दिया कि वह टी20 विश्व कप सेलेक्शन की दौड़ में वापस लौट आए हैं।
मैच के बाद महांम्ब्रे ने कहा कि वह काफी कौशल से भरपूर गेंदबाज है और वह गेंदबाजी करते वक्त हमेशा सोचता है। मैच से पहले हमने काफी चर्चा की, हमने काफी समय साथ बिताया। हमने वीडियो देखे और रणनीति पर चर्चा की, इसको बस अमलीजामा पहनाने की जरूरत थी, तो इसका पूरा क्रेडिट यादव को ही जाना चाहिए जिस तरह से उन्होंने खुद पर काम किया। हां, चुनौतियां जरूर हैं वह टीम से अंदर बाहर होता रहेगा, किसी दिन अच्छा जाएगा किसी दिन बुरा लेकिन यह वह भी जानता है। वह यह भी जानता है कि उसे अपनी जगह बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, जो वह कर रहा है। मैं यह देखकर बहुत खुश हूं और खुश इसीलिए भी हूं कि उसको परिणाम मिल रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि उसे इससे काफी सकारात्मकता जरूर मिलेगी। आगे की सोचते हुए, विश्व कप करीब है और वह टीम में जगह बनाने के अपने मौके को बढ़ाएगा।
पहले वनडे के बाद यादव ने यह स्वीकार किया था कि इंटरनेशनल क्रिकेट में लंबी अनुपस्थिति के बाद वह दबाव में थे। उन्होंने कहा था कि दबाव, घबराहट तो हमेशा रहता है जब आप खेलते हो और मैं तो लंबे समय बाद खेल रहा था।
उन्होंने कहा था कि वह आत्म संदेह को किनारे करना चाहते थे, क्योंकि बहुत से लोग हैं जो आपकी मदद करना चाहते थे, आपसे बात करते हैं, लेकिन इसके बाद आप खुद पर भी शक पैदा करने लगते हो।
दबाव, घबराहट, शक तभी आते हैं जब आप बेंच पर ज्यादा बैठने लगते हो। यादव भारतीय किकेट के ऐसे दौर में गेंदबाजी कर रहे हैं जहां पर अभूतपूर्व गहराई है। इस दौरे पर ज्यादा गहराई देखने का मौका नहीं मिली क्योंकि भारत की पहली पसंदीदा टीम के खिलाड़ी इंग्लैंड में मौजूद हैं। उन्हें ऐसी एक तरफा अंतिम 11 के साथ खेलना पड़ा जहां पर भुवनेश्वर कुमार ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार छठे नंबर पर बल्लेबाजी की और आखिरी ओवर में जीत से पहले तक उन्होंने श्रीलंका के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थीं।
भारत को कम स्कोर का बचाव करना था और यादव की गेंदबाजी काफी प्रभावशील थी, जहां पर उनके स्पिनरों को रन रोकने और विकेट लेने की दोहरी भूमिका निभानी थी।
टी20 विश्व कप में अभी भी वक्त है और यादव को अपनी इस लय को बनाए रखना होगा और दूसरे स्पिनर भी लाइन में हैं जो आईपीएल के दूसरे हाफ में खेलेंगे। इससे पहले, श्रीलंका के खिलाफ एक और टी20 है, जिसमे यादव खुद को और लय में लाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने अच्छे प्रदर्शन के साथ मौके को भुनाया और अब उनके पास आखिरी टी20 में ऐसा दोहराने का एक और मौका होगा। महीनों तक नेट पर गेंदबाजी के बाद गेम के लिए समय मिलना और वहां पर अच्छा करने से वह खुद को जरूर एक कदम आगे ले जाएंगे फिर चाहे विश्व कप हो या ना हो।
सौरभ सोमानी ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एसोसिएट सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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