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टी-20 की आपाधापी में सूर्यकुमार यादव को मिलती है शांति

ऑस्‍ट्रेलिया के ख़‍िलाफ़ कप्‍तानी के डेब्‍यू में उन्‍होंने दिखाया कि टी20 क्रिकेट की नब्‍ज को उनसे अधिक बहुत कम लोग जानते हैं

सूर्यकुमार ने भारत को टी20 अंतर्राष्‍ट्रीय में सबसे बड़ी जीत दिलाई  Dibyangshu Sarkar / AFP via Getty Images

सूर्यकुमार यादव जब आपाधापी से घिरे होते हैं तो उन्हें शांति मिलती है। आप और कैसे समझाएंगे कि वह टी20 क्रिकेट में क्या करते हैं?

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डायग्राम के तीन सेट्स से जानते हैं : लंबा करियर (1000+ टी-20आई रन), निरंतरता (40 से अधिक की औसत) और विस्‍फ़ोटकता (150 से अधिक का स्‍ट्राइक रेट)। विराट कोहली में लंबा करियर और निरंतरता दोनों है लेकिन विस्‍फ़ोटकता की कमी है। ग्‍लेन मैक्‍सवेल में लंबा करियर और विस्‍फ़ोटकता दोनों हैं लेकिन निरंतरता की कमी है। रिंकू सिंह में निरतंरता और विस्‍फ़ोटकता दोनों है लेकिन उनका करियर अभी लंबा नहीं है।

एक ही टी20आई बल्‍लेबाज़ है, जिनमें यह तीनों चीज़े हैं और वह हैं सूर्यकुमार यादव। उन्‍होंने अभी तक 46.85 की औसत और 173.37 के स्‍ट्राइक रेट से 1921 रन बनाए हैं।

सूर्यकुमार को अभी टेस्‍ट क्रिकेट और वनडे में खु़द को साबित करना बाक़ी है। टी20 क्रिकेट की आपाधापी उनके दिमाग़ में कोई भ्रम नहीं डालती है क्‍योंकि अधिकतर समय आक्रमण करना होता है।

यही वजह है कि उन्‍हें भारत ने वनडे में इस्‍तेमाल किया, जिससे जब स्थिति टी20 गेम की हो तो वह उसी तरह से खेलें। रविवार को जब वनडे विश्‍व कप फ़ाइनल में भारत ने 29 ओवर में चौथा विकेट गंवाया तो रवींद्र जाडेजा को उनकी जगह पर भेजा गया था।

सूर्यकुमार का विश्‍व कप अच्‍छा नहीं गया था। सात पारियां जो उन्‍होंने खेली उनमें से छह में वह 25 से अधिक रन नहीं बना पाए। लेकिन गुरुवार को पहले टी20 में वह 209 रनों के चेज़ में 22 रनों पर दो विकेट गिरने के बाद आए और वह अपने कम्‍फ़र्ट ज़ोन में दिखे।

पहली पारी में जॉश इंग्‍लस की बेहतरीन शतकीय पारी में लगाए गए शॉट ने सूर्यकुमार तक को चौंका दिया। वह इंग्‍लस के एक शॉट की शेडो अभ्‍यास भी करते दिखे।

अब सूर्यकुमार की बारी थी। अपनी चौथी ही गेंद पर उन्‍होंने जेसन बेहरनडॉर्फ़ की गेंद पर फ़ाइन लेग की ओर लैप पुल लगाया। अगले ओवर में उन्‍होंने शॉन ऐबट की गेंद पर छक्‍का और चौका लगाया।

सूर्यकुमार जल्‍द ही 19 गेंद में 37 रन तक पहुंच गए। लेकिन दूसरी ओर इशान किशन जिनके साथ वह मुंबई इंडियंस में काफ़ी क्रिकेट खेले वह 21 गेंद में 19 रन बनाकर जूझ रहे थे। लेग स्पिनर तनवीर संघा पहले ओवर में छह रन ही दिए, जबकि किशन के ख़‍िलाफ़ उनका बेहतरीन मैचअप था।

12 ओवर में 130 रन चाहिए थे, सूर्यकुमार और किशन के बीच चर्चा हुई।

किशन ने मैच के बाद कहा, "मैंने सूर्या भाई से कहा कि मैं संघा पर आक्रमण करूंगा क्‍योंकि वह मेरी लाइन में गेंदबाज़ी कर रहा है।" इसके बाद किशन ने संघा के अगले ओवर की पहली तीन गेंद पर 4, 6, 6 लगाए।

सूर्यकुमार ने इस बार किशन से एक बात कही, "यह मत सोचो कि हम क्‍या चेज़ कर रहे हैं, बस बल्‍लेबाज़ी करते रहो, हम 10 ओवर के अंत में इसको देखेंगे।

सूर्यकुमार ने कहा, "10 ओवर के बाद हम बेहतर स्थिति में थे हमें 60 गेंद में 100 [103] रन चाहिए थे। यह आईपीएल के हर दूसरे मैच में होता है।"

किशन ने संघा के अगले ओवर में भी इसी तरह से खेला और एक चौका और छक्‍का लगाया। लेकिन अगली गेंद उन्‍होंने पांचवें स्‍टंप पर गुगली की और किशन डीप एक्‍स्‍ट्रा कवर पर लपके गए। किशन ने मैच के बाद बताया कि सूर्यकुमार ने मुझे उस गेंद पर मैच की स्थिति को देखते हुए सिंगल लेने के लिए कहा था।

किशन 39 गेंद में 58 रन बनाकर आउट हुए लेकिन सूर्यकुमार नहीं रूक रहे थे। उन्‍होंने 29 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया और इंग्‍लस की तरह छक्‍का लगाकर ही।

विश्‍व कप फ़ाइनल में ऑस्‍ट्रेलिया ने डीप थर्ड और फ़ाइन लेग लगाकर सूर्यकुमार को धीमी बाउंसर डालकर रोके रखा। ऐबट ने 10वें ओवर में यही किया। सूर्यकुमार रैंप के लिए गए लेकिन शॉट को पावर नहीं मिली और डीप थर्ड के आगे यह गेंद गिर गई।

किसी कारण से ऑस्‍ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ों ने यह विकल्‍प अधिकतर नहीं चुना। नेथन एलिस ने आख़‍िरी विकल्‍प के तौर पर इसे चुना जब 17वें ओवर में उन पर चौका और छक्‍का लग गया था। लेकिन थर्ड मैन 30 यार्ड सर्कल में था और सूर्यकमार को उनके ऊपर से गेंद निकालने में कोई परेशानी नहीं हुई।

जब तक ऑस्‍ट्रेलिया को सूर्यकुमार का विकेट मिला वह 42 गेंद में 80 रन बना चुके थे और भारत को जीत के लिए 14 गेंद में 15 की ज़रूरत थी। अंंत में थोड़ी दिक्‍कत हुई लेकिन भारत एक गेंद शेष रहते मैच जीत गया।

सूर्यकुमार पहली बार भारत के लिए कप्‍तानी कर रहे थे। क्‍या बल्‍लेबाज़ी करते हुए उन्‍हें अधिक ज़‍िम्‍मेदारी महसूस हुई? उन्‍होंने मुस्‍कुराहट के साथ कहा, "मैं भार को ड्रेसिंग रूम में छोड़कर आया था। जब भी मैं बल्‍लेबाज़ी के लिए जाता हूं तो मैं अपनी बल्‍लेबाज़ी का लुत्‍फ़ लेने का प्रयास करता हूं चाहे मैं 10 गेंद खेल चुका हूं या 40 गेंद।"

"मैंने सोचा था दूसरी पारी में थोड़ी ओस आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, लेकिन मैं जानता था कि यह छोटा मैदान है और बाद में विकेट अच्‍छा खेलेगा।"

मैच के दौरान और बाद में सूर्यकुमार की काफ़ी तारीफ़ हुई। इसमें इंग्‍लस भी शामिल थे जिन्‍होंने मैच के बाद पत्रकार वार्ता में कहा : "स्‍काई ने वह किया जो स्‍काई आमतौर पर करता है।"

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हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।