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अपनी चोटिल उंगली पर मिचेल स्टार्क : 'थोड़ी असहजता तो रहेगी ही'

इसके बावजूद बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ इंदौर टेस्ट में वापसी करने को तैयार हैं

"अगर मैं केवल तब खेलता जब मैं 100% फ़िट हूं, तो मैं केवल पांच या 10 टेस्ट खेलता"  Getty Images

मिचेल स्टार्क आने वाले कुछ समय के लिए अपनी चोटिल उंगली में तकलीफ़ महसूस करेंगे लेकिन इसके बावजूद वह इंदौर में भारत के विरुद्ध तीसरे बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट में वापसी करने को तैयार हैं।

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बॉक्सिंग-डे टेस्ट के दौरान अपने हाथ की बाईं उंगली के ऊपरी हिस्से में चोट लगने के बाद से स्टार्क खेल से दूर रहे हैं। इस चोट के चलते उन्हें अब भी उंगली पर पट्टी पहननी होगी। हालांकि यह उन्हें तीसरे टेस्ट में अनुपस्थित रहने वाले पैट कमिंस की जगह लेने से नहीं रोकेगा।

अपनी चोटिल उंगली के बारे में स्टार्क ने कहा, "यह काफ़ी ठीक है। कुछ हद तक असहजता रहेगी... मुझे नहीं लगता कि यह थोड़े समय तक 100 प्रतिशत होने जा रही है लेकिन गेंद अच्छी तरह से हाथ से निकल रही है और मुझे लगता है कि मैं पूरी तरह से तैयार हूं।"

स्टार्क ने आगे कहा, "यह पहला टेस्ट मैच नहीं होगा, जिसे मैंने किसी तरह की परेशानी में खेला है। अगर मैं केवल तब खेलता जब मैं 100% फ़िट हूं, तो मैं केवल पांच या 10 टेस्ट खेलता। मैं वर्तमान प्रगति से ख़ुश हूं और मैंने पिछले 10 या 12 वर्षों में इससे निपटने के लिए पर्याप्त दर्द सीमा का निर्माण किया है।"

दिल्ली में कमिंस की तरह स्टार्क को इंदौर से अकेले तेज़ गेंदबाज़ी का भार नहीं संभालना होगा क्योंकि कैमरन ग्रीन इस सीरीज़ में पहली बार खेलने को तैयार हैं। इससे ऑस्ट्रेलिया को पहले दो टेस्ट मैचों की तरह मर्यादित विकल्पों के साथ एक संयोजन बनाने के लिए मजबूर नहीं होना होगा। इस बात की संभावना अधिक है कि दिल्ली में खेलने वाले तीनों स्पिनरों को बरक़रार रखा जाएगा बशर्ते टॉड मर्फ़ी पिछले हफ़्ते की चोट से पूरी तरह ठीक हो गए हो।

भारत में स्टार्क के आंकड़े उत्साजनक नहीं है। चार टेस्ट मैचों में 50.14 की औसत से उनके नाम केवल सात विकेट हैं। ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ अब तक इस सीरीज़ में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों की तरह प्रभाव नहीं डाल पाए हैं लेकिन स्टार्क को उम्मीद है कि वह अपनी गति और कोण से कुछ कमाल कर सकते हैं।

मैच शुरू होने से दो दिन पहले तक होल्कर स्टेडियम की पिच के बीच में घास है लेकिन दोनों सिरों पर यह सूखी नज़र आ रही है।

स्टार्क ने कहा, "पहले दो टेस्ट में यह चुनौती रही है। हम स्पिन को बड़ी भूमिका निभाते देख रहे हैं लेकिन तेज़ गेंदबाज़ों को भी नई गेंद के साथ और जब रिवर्स स्विंग होने लगती है तब तेज़ गेंदें डालकर स्टंप्स पर आक्रमण करना होगा। यह तेज़ गेंदबाज़ों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी जैसा कि हमने भारतीय खिलाड़ियों से देखा है।"

बांए हाथ के तेज़ गेंदबाज़ स्टार्क के एकादश में लौटने से ऑफ़ स्पिनर नेथन लायन और मर्फ़ी को फ़ायदा होगा। वह ऐसे क्योंकि स्टार्क दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ऑफ़ स्टंप के बाहर रफ़ बनाएंगे। हालांकि यह मदद आर अश्विन के लिए भी उपलब्ध होगी।

इस पर स्टार्क ने कहा, "बाएं हाथ का गेंदबाज़ होना और रफ़ बनाना थोड़ा अलग है। मैं क्रीज़ पर भारी होने के कारण भारतीय खिलाड़ियों की तुलना में थोड़ा अधिक रफ़ बना सकता हूं।"

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ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।