रेटिंग्स : पुजारा और कुलदीप के नाम रहा यह टेस्ट
श्रेयस और गिल ने भी कमाए अच्छे अंक

भारतीय टीम ने पहला टेस्ट 188 रनों से जीतकर बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है और डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल में पहुंचने की उम्मीदों पर एक और क़दम आगे बढ़ा दिया है। इस जीत में कौन रहे किरदार, किसने किया भारत के लिए अहम काम? चलिए रेटिंग्स के ज़रिए जानते हैं किस खिलाड़ी ने कितने अंक कमाए।
क्या सही और क्या ग़लत?
भारतीय टीम के लिए इस मैच में सब कुछ ठीक रहा, बस सवाल यही था कि भारत कितने समय में यह मैच जीत पाता है। कुलदीप यादव की वापसी भारत के लिए अच्छा संकेत है तो चेतेश्वर पुजारा का नया रंग और शुभमन गिल की परिपक्वता भारत के लिए सोने पर सुहागा रही।
अगर कुछ अच्छा नहीं रहा तो वह था आर अश्विन का विकेट नहीं ले पाना। वह विकेट लेने के लिए तरसते दिखे हैं। बल्लेबाज़ी में के एल राहुल और विराट कोहली का नहीं चलना भी एक परेशानी बनी।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, सर्वाधिक 10)
के एल राहुल, 5 : राहुल के लिए कहा जा सकता है कि यह टेस्ट सामान्य रहा है। पहली पारी में वह लय में दिख रहे थे और गिल के साथ एक अच्छी साझेदारी बना रहे थे, लेकिन आजकल उनकी बल्ले के अंदरूनी किनारे की मदद से बोल्ड होने वाली समस्या लगातार हो रही है। इस बार भी वह ऐसे बोल्ड हुए और भारत की लय टूट गई।
शुभमन गिल, 8 : गिल के बारे में कहा जा सकता है कि वह परिपक्वता की ओर बढ़ निकले हैं। पहली पारी में हालांकि स्वीप जैसा ग़लत शॉट खेलने का निर्णय उनके ख़िलाफ़ चला गया लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया। गिल साफ़ सोच के साथ अपने शॉट खेलते दिखे। टेस्ट में रिवर्स स्वीप और स्वीप शॉट से उन्होंने स्पिनरों की लाइन बिगाड़ी और हर ख़राब गेंद का नतीजा बाउंड्री पार करके पहुंचाया। फ़ील्डिंग में भी उन्होंने शॉर्ट लेग पर कमाल का क्षेत्ररक्षण किया।
चेतेश्वर पुजारा, 10 : पुजारा काउंटी खेलने के बाद पहला टेस्ट खेल रहे थे और क्या ज़बरदस्त बदलाव उनके खेल में देखने को मिला। पहली पारी में जब टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचाना था तो उन्होंने ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभाई और 90 रन की अहम पारी खेली, लेकिन असल रंग तो दूसरी पारी में निकलकर आया। जब जल्द से जल्द रन बनाने की ज़रूरत थी तो उन्होंने आक्रामक रुख़ अपना लिया और शतक पूरा किया। जब भी पुजारा स्पिनरों पर कदम बढ़ा रहे थे तो गेंद बाउंड्री पार ही पहुंच रही थी। उनकी ऐसी पारी देखकर वाक़ई बहुत मज़ा आया।
विराट कोहली, 5 : विराट कोहली के लिए यह टेस्ट सामान्य साबित हुआ। पहली पारी में वह सस्ते में पवेलियन लौट गए। बैकफ़ुट पर पंच मारने की चाहत उन्हें ले डूबी। वहीं दूसरी पारी की बात करें तो उनके लिए करने के लिए कुछ ज़्यादा नहीं था। उन्होंने लगातार पुजारा को स्ट्राइक दी जिससे वह तेज़ी से रन बनाते हुए शतक तक पहुंचने में क़ामयाब हो गए।
श्रेयस अय्यर, 7 : श्रेयस अय्यर लगातार टेस्ट क्रिकेट में खु़द को साबित कर रहे हैं। पहली पारी में ऋषभ पंत के आउट होने के बाद एक बड़ी ज़िम्मेदारी उनके हाथों में थी। स्पिनरों पर उनके क़दम इस तरह चलते हैं कि वह जैसा चाहें वैसा शॉट खेल लेते हैं, लेकिन बाउंसर का ख़्याल उनके मन से जाता नहीं है। इबादत हुसैन ने लगातार बाउंसर करके सेट अप किया और अंत में आगे की गेंद डालकर वह बोल्ड हो गए क्योंकि उनके क़दम चले ही नहीं थे।
ऋषभ पंत, 6 : पंत को श्रेयस से ऊपर इसी वजह से भेजा कि वह स्पिनरों को निशाना बना सकें, लेकिन उनकी यही ख़ासियत उन्हें स्पिनर मेहदी हसन मिराज के हाथों ले डूबी। वह आर्म बॉल पर आक्रमण करना चाहते थे लेकिन बोल्ड हो गए। हालांकि विकेटकीपिंग में वह कमाल कर रहे हैं। चीते की फुर्ती के साथ उन्होंने नुरुल को दूसरी पारी में स्टंप कर दिया, तो पहली पारी में मेहदी को स्टंप किया। हां दूसरी पारी में एक कैच मुशफ़िकुर रहीम का ज़रूर उन्होंने टपकाया।
अक्षर पटेल, 7 : पहली पारी में अक्षर को ज़रूर एक विकेट मिला लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने नई गेंद से कमाल कर दिया। एक ही लेंथ और लाइन पर वह गेंद को बाहर और सीधी रख रहे थे। मुशफ़िकुर और यासिर अली के दो बोल्ड इसकी गवाही दे रहे थे। हां शाकिब ने उन पर लगातार आक्रमण किया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कई बार उन्हें फंसाते दिखे। आख़िरकार उन्हें चार विकेट मिले, जिसने दिखाया कि वह क्या कमाल कर सकते हैं।
आर अश्विन, 7 : गेंदबाज़ी में तो अश्विन कमाल नहीं कर सके। पहली पारी में विकेट के लिए तरस गए और दूसरी पारी में एक विकेट। हालांकि पहली पारी में उनकी बल्लेबाज़ी से भारत 400 के स्कोर तक पहुंच पाया। जिस सटीकता के साथ वह स्पिनरों और तेज़ गेंदबाज़ों को खेल रहे थे उसने दिखाया कि उनकी बल्लेबाज़ी में क्या क़ाबिलियत है।
कुलदीप यादव, 10 : इस गेंदबाज़ की जितनी तारीफ़ की जाए वह कम है। जिस तरह से उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में गति बढ़ाई है वह बल्लेबाज़ों की मुसीबत बढ़ाते दिखे। ऑफ़ स्टंप के क़रीब पर ही गेंद रखकर वह अपनी स्पिन गेंद और गुगली फेंक रहे थे। पहली पारी में तो बल्लेबाज़ों को उनकी गेंद लगभग समझ नहीं आ रही थी और वह पांच विकेट लेने में क़ामयाब हुए। दूसरी पारी में चौथे दिन उन्हें केवल एक विकेट मिला, लेकिन पांचवें दिन भारत को जल्द जीत दिलाने का योगदान उन्हीं को जाता है।
मोहम्मद सिराज, 8 : सिराज एक बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ बनकर उभर रहे हैं। वह एक ही लेंथ पर गेंद रखकर बाहर निकालते हैं और वॉबल सीम से गेंद कर तेज़ी से गेंद अंदर की ओर चली आती है। उनका बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ आक्रामक रवैय्या भी उन्हें एक अलग तरह का गेंदबाज़ बनाता है। जब विकेट नहीं मिलते तो वह पहली पारी में लिटन दास और दूसरी पारी में नाजमुल हुसैन शांतो को लगातार स्लेज करके उनका ध्यान भटकाते नज़र आए। पहली पारी में उन्हें तीन विकेट लेकर बांग्लादेश का शीर्ष क्रम उखाड़ फेंका।
उमेश यादव, 6 : उमेश को दोनों ही पारियों में एक-एक विकेट मिल पाया, लेकिन उन्होंने अपनी गति से बल्लेबाज़ों को ख़ासा परेशान किया। भारतीय उपमहाद्वीप में उनका अनुभव भारतीय टीम के लिए अक्सर तुरुप का इक्का साबित होता है।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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