एंडरसन बनाम बुमराह : दोनों में बेहतर कौन?
विशाखापटनम में हुए दूसरे टेस्ट में दोनों गेंदबाज़ों की गेंदबाज़ी पर एक आकलन

जेम्स एंडरसन बनाम जसप्रीत बुमराह, दोनों में बेहतर कौन? ज़ाहिर है कि इस सवाल का उत्तर थोड़ा मुश्किल है, लेकिन भारत एक ऐसी जगह जहां पर स्पिनरों का दबदबा रहता है वहां दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ों ने अपनी आहट से ही बल्लेबाज़ों के पसीने छुड़ा दिए। विशाखापटनम में ख़त्म हुए भारत बनाम इंग्लैंड दूसरे टेस्ट मैच में दोनों ने बेहतरीन स्पेल निकाले, लेकिन दोनों के दिमाग़ को नज़दीक से टटोलेंगे तो आपको शायद इस प्रश्न का उत्तर मिल जाए।
दोनों की ताक़त
एंडरसन और बुमराह दोनों की ही गेंदबाज़ी की ताक़त ऑफ़ स्टंप का नज़दीकी कॉरिडोर है, जहां उनमें लगातार एक ही लेंथ पर गेंद कराने की क्षमता है। यह दोनों को ही ख़ास बना देता है। साथ ही दोनों ही गेंदबाज़ों में गेंद को अंदर और बाहर सीम कराने की भी क्षमता है। अगर आप आंकड़ों को जानेंगे तो आपको उनकी क्षमता का अंदाज़ा आसानी से लग जाएगा।
एंडरसन की बात करें तो विशाखापटनम में उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर 35 ओवर किए। इसमें सबसे अधिक उनकी गुड लेंथ बॉल थी, जिसमें उन्हें सबसे अधिक विकेट मिले साथ ही स्ट्राइक रेट भी बेहतरीन रहा। यह वो गेंदें थी जिसमें उन्होंने ऑफ़ स्टंप के नज़दीक गेंद को पटका। एंडरसन ने 69 गेंद इस कॉरिडोर में की और केवल 20 रन ही दिए। जबकि उन्हें यहां पर सबसे अधिक दो विकेट मिले। वहीं लेंथ बॉल स्टंप्स में उनकी दूसरी सबसे अधिक की गई गेंद थीं। जहां उन्होंने 31 गेंद की और केवल तीन ही रन दिए, यहां उनको एक विकेट भी मिला। इसके बाद नंबर आता है शॉर्ट गुड लेंथ ऑन स्टंप्स का, जिसमें उन्हें एक विकेट मिला। उन्होंने 18 गेंद में केवल नौ रन दिए। ऑफ़ स्टंप के क़रीब फ़ुलर गेंद भी उनकी ताक़त में से एक है। उन्होंने 19 गेंद में 11 रन दिए लेकिन यहां भी वह एक विकेट ले गए। जबकि पूरे मैच में उन्होंने केवल एक ही यॉर्कर की।
बुमराह की बात करें तो उनका मुख्य कॉरिडोर तो एंडरसन की ही तरह ऑफ़ स्टंप के नज़दीक गुड लेंथ है, लेकिन उनमें बल्लेबाज़ों को यॉर्कर से चौंकाने की गज़ब की क्षमता है। उन्होंने इस मैच में कुल मिलाकर 33.1 ओवर किए थे। उन्होंने 95 गेंद इस कॉरिडोर में डाले और केवल 30 रन दिए, लेकिन यहां उन्हें एंडरसन से दो विकेट अधिक यानि चार विकेट मिले। उनकी भी दूसरी पसंदीदा लेंथ ऑफ़ स्टंप के नज़दीक शॉर्ट ऑफ़ गुड लेंथ थी। उन्होंने 63 गेंद की और केवल 29 रन दिए लेकिन विकेट उन्हें यहां दो ही मिले। वहीं ऑफ़ स्टंप के नज़दीक फ़ुलर गेंद पर भी उन्हें दो विकेट मिले। यहां उन्होंने केवल 18 गेंद की लेकिन रन 24 दिए, लेकिन यॉर्कर बुमराह के प्रमुख हथियारों में से एक है। उन्होंने बल्लेबाज़ों को चौंकाने के लिए छह यॉर्कर डाली जिसमें से उन्हें एक में सफलता भी मिल गई।
विकेट लेने का सेटअप
दोनों ही गेंदबाज़ों का विकेट लेने का अपना सेटअप है। एंडरसन में एक ही कॉरिडोर में गेंद डालने की क्षमता है, जहां वह लगातार गेंद करते हैं और फिर अचानक से फ़ुलर गेंद डालते हैं, जिसमें बल्लेबाज़ बल्ला चलाने के लालच में फंस जाता है। दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल का विकेट यही दिखाता है। जहां उन्होंने ऑफ़ स्टंप के क़रीब फ़ुलर गेंद डाली और गेंद यशस्वी के बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई स्लिप में पहुंच गई। उनकी दूसरी ताक़त है लेंथ गेंद की लाइन में हल्का सा बदलाव, यानी ऑफ़ स्टंप और मिडिल स्टंप के बीच में, जहां वह गेंद को बाहर की ओर सीम कराने की क्षमता रखते हैं। रोहित शर्मा का दूसरी पारी में विकेट यही दर्शाता है कि कैसे उन्होंने डिफ़ेंस में रोहित को छकाते हुए उन्हें बोल्ड कर दिया। वह इस दौरान लगातार रोहित को ऑफ़ स्टंप के क़रीब लेंथ बॉल कर रहे थे लेकिन गेंद की लाइन को अंदर रखते ही उनको विकेट मिल गया।
बुमराह की भी लगभग यही ताक़त है, लेकिन उनका एक्शन उन्हें अधिक असरदार बना रहा था। वह भी ऑफ़ स्टंप के क़रीब की लेंथ गेंद को अंदर और बाहर दोनों ओर सीम कराने की क्षमता रखते हैं, लेकिन उनकी अंदर आती गेंद तेज़ी से कांटा बदलती हैं और बल्लेबाज़ गच्चा खा जाता है। मैच का आख़िरी विकेट हार्टली का हो या बेन स्टोक्स का पहली पारी का, दोनों ही इस क़ाबिलियत को दर्शाता है। वहीं वह जिस तरह से यॉर्कर डालकर तुरुप का इक्का निकालते हैं उसमें भी उन्हें पहली पारी में ओली पोप के तौर पर विकेट मिला और यह विकेट पूरी दुनिया में छा गया।
अगर दोनों में अंतर जानने के लिए और गहराई में जाएं तो पता चलेगा कि शॉर्ट गेंद उनकी कितनी पसंदीदा रही। विशाखापटनम में देखा गया कि एंडरसन ने जहां कुल छह गेंद शॉर्ट की तो बुमराह ने इस गेंद से पूरे मैच में दूरी बनाकर रखी और एक भी गेंद नहीं की। ज़ाहिर है बुमराह अब टेस्ट में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज़ भी हैं, लेकिन एंडरसन 41 की उम्र में भी अपनी कला से कमाल दिखा रहे हैं। दोनों ही गेंदबाज़ अपनी टीम के प्रमुख हथियार साबित हुए थे लेकिन यह कप्तान के ऊपर भी था कि उन्होंने कैसे अपने इन गेंदबाज़ का इस्तेमाल किया।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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