श्रेयस अय्यर ने एक बार दोबारा बताई वनडे में अपनी क़ीमत
साउथ अफ़्रीका में विफल रहने के बाद दोबारा श्रेयस ने नंबर चार पर खेली अहम पारी

2019 विश्व कप में भारत के सेमीफ़ाइनल से बाहर होने और मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बीच, ऐसा प्रतीत हुआ जैसे भारत ने वनडे में अपना नंबर 4 पा लिया हो। इस अवधि में श्रेयस अय्यर ने वेस्टइंडीज़ से लेकर भारत और न्यूज़ीलैंड तक में 11 पारियों में छह अर्धशतक और एक शतक लगाया।
हैमिल्टन के सेडॉन पार्क में वनडे मैचों में उनका पहला शतक एक एंकर की भूमिका में था और इससे के एल राहुल को अंत में बड़ी हिट लगाने का मौक़ा मिला। वह नंबर 4 पर गए थे और भारत ने 10 ओवर के भीतर सलामी बल्लेबाज़ों को खो दिया था, और जब तक पारी समाप्त हुई, तब तक भारत ने 347 रन बोर्ड पर लगा दिए थे। शतक से भी ज़्यादा, उनका दबाव झेलना, स्ट्राइक-रोटेशन और शॉर्ट बाउंड्री का इस्तेमाल करके उन्होंने फ़ायदा उठाया और अपनी पारी को फिर से बनाया, साथ ही अपनी प्रतिष्ठा को भी बढ़ाया। इसके बाद कोविड-19 आ गया और देशव्यापी लॉकडाउन लग गया।
दो साल बाद, अय्यर एक बार फिर से पुननिर्माण मोड में हैं। उन्होंने पिछले साल का अधिकांश समय कंधे की चोट से उबरने में बिताया है, जिससे न केवल उन्हें भारतीय टीम से बाहर होना पड़ा बल्कि उन्होंने अपनी आईपीएल कप्तानी भी गंवा दी। वह न केवल एक पारी का पुनर्निर्माण कर रहे हैं, बल्कि अपने सफेद गेंद के करियर का भी पुननिर्माण कर रहे हैं। ऐसा ही उन्होंने शुक्रवार को वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ तीसरे वनडे मैच में 80 रन बनाकर किया।
भारत अभी भी स्क्वाड बैलेंस और नए बैटिंग ब्लूप्रिंट की तलाश में है। प्राथमिकता शीर्ष छह में बल्लेबाज़ों की तलाश रही है, जो गेंदबाज़ी कर सकते हैं। रवींद्र जाडेजा और हार्दिक पंड्या फिलहाल गायब हैं, वेंकटेश अय्यर, दीपक हुड्डा और वॉशिंगटन सुंदर सभी को आजमाया जा रहा है। इस ख़ोज ने अय्यर जैसे बल्लेबाज़ों को पीछे छोड़ दिया है, जो गेंदबाज़ी नहीं करते हैं, कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच मध्य क्रम में जोश में हैं। मध्य क्रम में विराट कोहली और राहुल निश्चित हैं। और इसलिए ऐसा लगता है कि अय्यर और सूर्यकुमार यादव के बीच जगह को लेकर प्रतिस्पर्धा है, भे ही यह उस तरह से प्रतीत नहीं होता हो।
साउथ अफ़्रीका में लगातार तीन मौक़े गंवाने के बाद उनकी वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ चल रही वनडे सीरीज़ एक बड़ी परीक्षा होने वाली थी। हालांकि सीरीज़ शुरू होने के पांच दिन पहले अय्यर को कोविड हो गया और उन्होंने पहले दो मैच नहीं खेले। सूर्यकुमार ने उन दोनों मैचों में मिले अवसरों को भुनाया और दूसरे मैच में 64 रन बनाकर शानदार बल्लेबाज़ी की। अय्यर को एकादश में वापसी पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने के लिए एक बड़ी पारी की ज़रूरत थी।
पिछले एक हफ्ते में, अय्यर के इर्द-गिर्द बहुत सारी चर्चाएं आगामी आईपीएल नीलामी की घूमती रही हैं, और फ़्रेंचाइज़ी उनके लिए कितनी रक़म खर्च करती है। हालांकि अय्यर के लिए इस शोर को बंद करने और "नियंत्रण" पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करने की बात थी जिसका खिलाड़ी अक्सर बखान करते हैं। और शुक्रवार को तो अय्यर, रोहित शर्मा और विराट कोहली के एक ही ओवर में आउट होने के बाद आए थे।
तेज़ गेंदबाज़ों ने शॉर्ट-बॉल से उन पर आक्रमण किया। अय्यर ने अपना आकार संभाला और लाइन के ठीक पीछे आए। दो बार, वह देर से मूव हुई गेंद पर बीट हुए। एक समय पर वह शॉर्ट बॉल की आधी उम्मीद कर रहे थे और पूरी तरह से आगे नहीं बढ़ रहे थे। फिर जब एक फुल आया तो वह मिड ऑन की तरफ इन साइड ऐज़ लगा। अय्यर को रन आउट होना चाहिए था क्योंकि ऋषभ पंत ने रन लेने से माना करते हुए उनसे मुंह मोड़ लिया, लेकिन वह बच गए। फिर जैसे ही वेस्टइंडीज़ ने डॉट-बॉल का दबाव बढ़ाया, तो अय्यर ने ओडीन की गेंद पर ओवर प्वाइंट मारने की कोशिश की, यह एक हिली डुली शुरुआत थी।
फिर धीरे-धीरे, अय्यर लय पकड़ते दिखे, क्योंकि दूसरी ओर पंत क्रीज पर जम चुके थे। इस जोड़ी ने सिंगल्स निकाले और पारी को दोबारा से बनाने में कामयाब हो गए। जैसे ही उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया, उनके अंदर मौजूद सफ़ेद गेंद के स्ट्राइकर ने उन्हें संभाल लिया। इसका संकेत उनका कॉर्डन के ऊपर से रैंप शॉट था। जब वह पूरी लय में होते हैं तो यह उनका एक उच्च स्तर का शॉट है। इस बार, वह भाग्यशाली रहे क्योंकि थर्ड मैन थोड़ा फ़ाइन था। फिर एक गेंद बाद अय्यर ने एक शानदार ऑन-ड्राइव खेला।
जैसे ही उनकी साझेदारी शतक की ओर बढ़ी, अय्यर बेहतरीन लय में दिखे। जोसेफ़ को बेरहमी से डीप स्क्वेयर लेग बाउंड्री पर मारा और फिर अगले ओवर में पुल खेला। शुरुआत से ही अस्थायी होने के कारण उन्होंने जल्द लेंथ को पकड़ने का काम शुरू कर दिया था। वह सेकंडों में कट और पुल करने की स्थिति में आ रहे थे। अय्यर ने जल्द ही अपना गियर दूसरे से चौथे पर बढ़ा दिया। हर बार जब वेस्टइंडीज़ मैच पर नियंत्रण बनाते दिखी, अय्यर ने बाउंड्री लगाई।
उन्होंने कुशलता से क्षेत्ररक्षण का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और गैप में लगातार गेंद मारकर अपना काम करना शुरू कर दिया था। और फिर वह सब काम जिसने दूसरे वनडे शतक की सभी की उम्मीदों को जगा दिया था तब उन्होंने वॉल्श पर लांग ऑफ़ पर छक्का लगाने के प्रयास में आउट होकर उस उम्मीद को तोड़ दिया। अय्यर लंबे समय क्रीज़ पर बिताकर आउट हुए, वह पूरी तरह से जानते थे कि उन्होंने शतक का बड़ा मौक़ा गंवा दिया है। यह पूरी तरह से संतुलित पारी नहीं थी, लेकिन यह मध्य क्रम में उनके द्वारा लाई गई कीमत का एक और उदाहरण था।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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