ऐलिस कैप्सी : भारत सीरीज़ इंग्लैंड के लिए नई शुरुआत
कॉमनवेल्थ गेम्स में ख़राब प्रदर्शन के बाद घरेलू टीम नई चुनौती के लिए उत्साहित

पिछले महीने अपने घर में कॉमनवेल्थ गेम्स की निराशा को भूलकर इंग्लैंड की टीम भारत के ख़िलाफ़ एक नई शुरुआत करने उतरेगी।
भारत के ख़िलाफ़ बर्मिंघम में स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर होने के बाद प्रतिभाशाली ऑलराउंडर ऐलिस कैप्सी उन युवाओं में से एक हैं, जो इंग्लैंड को वापस से सामान्य होने में मदद कर रही हैं। भारत से हारने के बाद टीम कांस्य पदक के मैच में न्यूज़ीलैंड से भी हार गई थी।
कैप्सी ने कहा, "हम वास्तव में प्रेरित हैं। यह बहुत शानदार सीरीज़ होगी, जिसमें आगे कई चुनौतियां इंतज़ार कर रही हैं। एक ग्रुप के तौर पर हम इसको लेकर उत्साहित हैं। हां हम उनसे कॉमनवेल्थ गेम्स में हार गए थे, हालांकि अब उसको काफ़ी सप्ताह बीत गए हैं और अब हम हंड्रेड से वापस आ रहे हैं। यह हमारे लिए नई शुरुआत है। यह नई सीरीज़ है और हम इसमें खेलना चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "कॉमनवेल्थ गेम्स अभियान का इस तरह से अंत दुखद था, लेकिन हम इसके बाद द हंड्रेड में खेले। हमने उस माहौल को पीछे छोड़ दिया था और हम फिर से जुड़े। हम इस नई शुरुआत के लिए उत्साहित हैं। वह समय बीत गया है और हम उस हार और निराशा को पकड़े नहीं रह सकते हैं। हम बस आगे की ओर देख रहे हैं।"
लॉरेन बेल टी20 सीरीज़ में डेब्यू के लिए तैयार हैं, यह सीरीज़ शनिवार से डरहम से शुरू हो रही हैं। इस टीम में कैथरीन ब्रंट और नैट सीवर नहीं हैं।
बेल ने इन गर्मियों में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सीरीज़ में टेस्ट और वनडे डेब्यू किया था लेकिन टी20 टीम और कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्हें नहीं चुना गया था। इस साल उन्होंने द हंड्रेड में अच्छा प्रदर्शन किया और सर्दन ब्रेव के लिए 16.00 की औसत से 11 विकेट लिए, जिसमें ट्रेंट रॉकेट्स के ख़िलाफ़ 10 रन देकर चार विकेट शामिल है।
बेल के साथ फ़्रेया कैंप और इसी वॉन्ग भी हैं, जिन्होंने इन्हीं गर्मियों में टी20 डेब्यू किया था।
इस साल द हंड्रेड में कैप्सी ने 12.37 की औसत से आठ विकेट लिए, साथ ही 29.50 की औसत से 118 रन भी बनाए, जिसमें फ़ाइनल में 17 गेंद में 25 रन की पारी भी शामिल थी।
उन्होंने कहा, "पिछले साल कोई नहीं जानता था कि मैं कौन हूं, तो इस साल मैंने देखा कि मुझे कैसे आउट किया जाए और मुझे कैसे खेला जाए इसको लेकर थोड़ी रणनीति बनाई गई थी। यह भी पेशेवर क्रिकेट और इस तरह के टूर्नामेंट में खेलने की चुनौतियों में से एक है, तो इसलिए मेरे लिए अपने खेल को थोड़ा सा अनुकूलित करना एक चुनौती थी, लेकिन मैंने अपने क्रिकेट को नहीं बदला।"
कैप्सी कॉमनवेल्थ गेम्स में भी बेहतर दिखी थीं। श्रीलंका और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उन्होंने क्रमशः 44 और 50 रन की पारी खेली थी और लगातार अपने बल्ले से प्रभावित किया था।
कैप्सी ने कहा, "वह फ़ॉर्म बहुत ख़ास था और एक बल्लेबाज़ के तौर पर बाद में उसको देखना ख़ास है। मैं सीज़न की शुरुआत में जूझ रही थी और जिस तरह का प्रदर्शन करना चाहती थी वह नहीं निकल रहा था। मेरे लिए साउथ अफ़्रीका सीरीज़ के लिए चुना जाना टर्निंग प्वाइंट था। तब से मैं अधिक से अधिक समय तक अपनी फ़ॉर्म को आगे ले जाने का प्रयास कर रही हूं क्योंकि यह बल्लेबाज़ के लिए बहुत अहम है।"
उन्होंने आगे कहा, "जिन्होंने मुझे इस स्थिति में पहुंचाया है, मैं उन छोटी-छोटी चीज़ो को जारी रखना चाहती हूं। मुझे वास्तव में इस बात का ध्यान रखना है कि मुश्किल चीज़ों से बाहर निकलने के लिए मुझे क्या चाहिए। मुझे ख़ुद को सर्वोत्तम साबित करना है, जिसके लिए मुझे चुना गया है।"
वैल्केरी बेंस ESPNcricinfo में जनरल एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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