रेटिंग्स : श्रेयस, इशान और सिराज ने सबको पीछे छोड़ा
शाहबाज़ भी अपने पहले मैच में चमके, सैमसन ने फिर किया प्रभावित

वनडे सीरीज़ का रांची में हुआ दूसरा मैच जीतकर भारत ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सीरीज़ में 1-1 की बराबरी हासिल कर ली है और इसमें सबसे बड़ा योगदान श्रेयस अय्यर, इशान किशन और मोहम्मद सिराज का रहा। इन तीनों की जुगलबंदी के आगे मेहमान टीम ने घुटने टेक दिए और मेज़बानों ने सात विकेट से यह मैच जीत लिया। तो चलिए रेटिंग्स में देखते हैं किसको कितने अंक मिले हैं।
क्या सही और क्या ग़लत?
भारत के लिए इस मैच में कुछ ग़लत गया तो यही था कि उन्होंने पिच का अनुमान ग़लत लगा दिया। यह पिच स्पिनरों के मुफ़ीद नहीं थी। ऐसे में शार्दुल ठाकुर जैसा अहम गेंदबाज़ को अपने पूरे ओवर करने के मौके़ नहीं मिल सके। इसके अलावा शिखर धवन और शुभमन गिल का सस्ते में पवेलियन लौटना भी सही संकेत नहीं था।
सही की बात करें तो भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने इस पिच को अच्छी तरह से समझा। उन्होंने एक भी यॉर्कर गेंद करने का प्रयास नहीं किया बल्कि धीमी गति की कटर गेंदों और लेंथ में बदलाव करके मैच में भारत की वापसी कराई। इसके अलावा अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे इशान किशन अपने शतक से ज़रूर चूके लेकिन यह उनके करियर और भारतीय नज़रिये से बहुत अच्छी बात रही। वहीं बात की जाए श्रेयस अय्यर की तो वह तो अपनी पिछली पांच पारियों में एक शतक और तीन अर्धशतक लगा चुके हैं।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
शिखर धवन, 5: शिखर धवन का ना तो बल्ला चल पाया और ना ही उनकी कप्तानी चल पाई, जिस समय रीज़ा हेंड्रिक्स और एडन मारक्रम क्रीज़ पर जमकर रन बना रहे थे, शिखर अपने स्पिनरों को लेकर आ गए, जो उनके लिए ग़़लत साबित हो गया।
शुभमन गिल, 6: शुभमन गिल से उम्मीद थी कि वह पिछले मैच में चूकने के बाद एक अच्छी पारी खेलेंगे। हालांकि उनके आउट होने में कगिसो रबाडा के फ़ॉलो थ्रू कैच का अहम योगदान है, लेकिन उनके क़दमों का नहीं चलना भी उनके इस विकेट की अहम वजह रही।
इशान किशन, 10: अपने घर में पहली बार खेल रहे इशान किशन भी चाहते होंगे कि शतक से शुरुआत की जाए लेकिन वह केवल सात रनों से चूक गए। हालांकि उन्होंने अपनी पारी के दौरान अच्छे पुल और स्लॉग लगाए। बायें हाथ के स्पिनर उनके लिए समस्या पैदा करते आए हैं लेकिन आज उनका उनके ख़िलाफ़ स्ट्राइक रेट ज़रूर बढ़ा होगा।
श्रेयस अय्यर, 10: इतने छोटे से करियर में दो शतक। कमाल की बात है, भारतीय टीम प्रबंधन ने 2019 विश्व कप के बाद से श्रेयस में नंबर चार का विकल्प ढूंढा है और वह लगातार अपने आप को साबित करते आ रहे हैं। पिछली पांच पारियों में वह तीन अर्धशतक और अब एक शतक लगा चुके हैं। वहीं वेन पर्नेल का एक कैच भी उनके खाते में जाता है।
संजू सैमसन, 8: अब अगर इशान किशन और श्रेयस अय्यर ही मैच को ख़त्म करने पर लगे थे तो संजू सैमसन के पास ज़्यादा मौके़ कहां थे, लेकिन इशान के आउट होने के बाद जैसे ही उनको मौक़ा मिला तो उन्होंने ख़ुद को दोबारा से साबित किया। वह मैच को जल्दी से ख़त्म करने की ओर नहीं गए बल्कि अपने इनफ़ॉर्म साथी को स्ट्राइक देने पर गए। उनकी 36 गेंद में नाबाद 30 रन की पारी बेहद अहम थी, क्योंकि भारतीय टीम में आज एक मुख्य बल्लेबाज़ कम था, अगर वह आउट होते तो मुश्किल हो सकती थी।
शार्दुल ठाकुर, 7: शार्दुल की आज शायद कोई ग़लती नहीं थी, क्योंकि कप्तान शिखर ने उन्हें ज़्यादा ओवर दिए ही नहीं, बल्कि अपने स्पिनरों के साथ गए। हालांकि उन्हें 22 ओवर के बाद गेंदबाज़ी पर लौटने का मौक़ा मिला और डेथ ओवरों में तो वह कमाल के रहते हैं। उनको पर्नेल का एक इकलौता विकेट मिला लेकिन यह गेंद उनकी चतुराई भरी गेंदबाज़ी को बताने के लिए काफ़ी थी।
वॉशिंगटन सुंदर, 7: वॉशिंगटन सुंदर लंबे समय बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे थे, लेकिन जो रोल उन्हें दिया गया उसमें वह सफल रहे, क्योंकि मारक्रम के रुप में उन्हें सबसे बड़ा विकेट मिला, जो 79 रन बनाकर आउट हुए और मेहमान टीम बडे़ स्कोर तक नहीं पहुंची।
शाहबाज़ अहमद, 7: अपने पहले ही मैच में विकेट लेने के बाद शाहबाज़ इतने अंक लेने के हक़दार तो बनते हैं। वह लगातार स्टंप पर ही गेंदबाज़ी कर रहे थे वह भी अलग-अलग गति के साथ। इसका फल उन्हें यानेमन मलान के विकेट के साथ मिला जहां वह गेंद को फ़्लिक करने में पूरी तरह से चूके और गेंद उनके पिछले पैर के थाई पैड पर जाकर लगी।
आवेश ख़ान, 6: आवेश ख़ान का जब अच्छा दिन होता है तो वह बेहद ही अलग गेंदबाज़ दिखते हैं, लेकिन जिस दिन वह जूझते हैं तो वह बल्लेबाज़ों के लिए आसान सा विकल्प बन जाते हैं। आवेश को कोई विकेट नहीं मिल पाया और उन्होंने सात ओवर में 35 रन दिए।
कुलदीप यादव, 7: कुलदीप जब भी विकेट लेने की सोच के साथ उतरते हैं तो उन्हें सफलता मिलती है। अच्छी बात है कि लगातार दूसरे मैच में ऐसा देखने को मिला। वह हर बार हेंड्रिक्स और मारक्रम को फंसाते दिखे लेकिन सफलता उन्हें हेनरिक क्लासेन के विकेट के साथ मिली। वह अपनी स्पिन और गूगली का इस समय अच्छी लाइन और लेंथ के साथ इस्तेमाल करते दिख रहे हैं।
मोहम्मद सिराज, 9: सिराज ने अपने खेल में बहुत सुधार किया है। यही नतीज़ा है कि वह अच्छी रणनीति के साथ गेंदबाज़ी कर पा रहे हैं। अपने करियर में कई बार क्विंटन डिकॉक अंदरूनी किनारे पर बोल्ड हो चुके हैं। सिराज को यह बात पता थी और उन्हें इस लक्ष्य तक पहुंचने में ज़्यादा देर नहीं लगी। वहीं अंत में जब गेंद पूरी तरह से ख़राब हो चुकी थी उस समय भी वह अपनी धीमी गति की गेंदबाज़ी से प्रभावित करते दिखे। जिसका फल उन्हें हेंड्रिक्स और तेज़ गति की गेंद पर महाराज को छकाकर उनको बोल्ड करके मिला।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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