सोमानी : निरंतरता का एक ही नाम; नारायण, नारायण
पिछले सीज़न में संघर्ष करने के बाद नारायण ने सही समय पर अपने हरफ़नमौला खेल का मुज़ाहिरा दिया
कोलकाता ने दिखाया बेंगलुरु को बाहर का रास्ता; कप्तान कोहली रणनीति बनाने में उतने सक्षम नहीं कहते हैं गौतम गंभीर
आईपीएल के एलिमिनेटर मैच में कोलकाता ने बेंगलुरु को 4 विकेट से हराया और क्वालिफ़ायर 2 में जगह बनाईशेर बूढ़ा हो भी जाए, वह शिकार करना नहीं भूलता।
पहले क्वालीफ़ायर में महेंद्र सिंह धोनी ने हमें इसका उदाहरण दिया और एलिमिनेटर में बारी थी सुनील नारायण की। अपने गौरवशाली दिनों में बल्लेबाज़ों को हर बार अपने जाल में फंसाने के लिए जाने जाते थे। हालांकि अपनी गेंदबाज़ी एक्शन में बदलाव करने के बाद से वह उतने कारगर साबित नहीं हो रहे थे। साथ ही एक सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर अब अपनी छाप नहीं छोड़ पाने के कारण कप्तान उन्हें बल्लेबाज़ के तौर पर भी इस्तेमाल नहीं कर सकते थे।
हालांकि गेंदबाजी करते हुए महज़ तीन गेंदें और बल्ले के साथ अपनी पहले तीन शॉट ने उन्होंने प्रशंसकों और विशेषज्ञयों के मन में पनप रहे सभी संदेहों को दूर कर दिया।
उन्होंने पहले अपनी ऑफ़ स्पिन गेंद से विराट कोहली को स्लॉग स्वीप के प्रयास में क्लीन बोल्ड किया। फिर उन्होंने लेंथ और टर्न के साथ सुपरमैन एबी डीविलियर्स को छकाया। इसके बाद उन्होंने इस सीज़न स्पिन के सरताज रहे ग्लेन मैक्सवेल को आउट कर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के मध्य क्रम की कमर तोड़ दी। इन तीन महारथियों को आउट करने से पहले नारायण ने पिछले मैच में आरसीबी के हीरो रहे श्रीकर भरत को भी अपनी कैरम बॉल पर आउट किया था।
जब वह नंबर पांच पर बल्लेबाज़ी करने आए तब मैच एक रोमांचक मोड़ पर फंसा हुआ था। अपनी पहली गेंद, शरीर की ओर पटकी हुई शॉर्ट गेंद, को नारायण ने पुल के सहारे डीप स्क्वेयर लेग सीमा रेखा के बाहर पहुंचाया। दूसरी फ़ुल गेंद को स्लॉग के सहारे उन्होंने डीप मिडविकेट की ओर दर्शकदीर्घा में भेज दिया। तीसरी गेंद को उन्होंने गेंदबाज़ डेनियल क्रिस्टियन के सिर के ऊपर से खेल दिया। उस शॉट को लगाते समय बल्ले से नारायण का एक हाथ छूट गया था लेकिन उनकी टाइमिंग इतनी लाजवाब थी कि गेंद लॉन्ग ऑफ़ फ़ील्डर के सिर के ऊपर से बाउंड्री के बाहर जा गिरी। तीन छक्कों के दबाव के बीच एक वाइड के साथ जीत का समीकरण 52 गेंदों में 59 रनों से सीधे 49 गेंदों पर केवल 40 रनों पर जा पहुंचा। तीन गेंदें, महज़ तीन गेंदों में नारायण ने आरसीबी की गाड़ी पर ब्रेक लगा दिया।
नारायण ने ना केवल बल्ले और गेंद के साथ कमाल किया बल्कि उनके कप्तान ओएन मॉर्गन ने उनका बख़ूबी इस्तेमाल किया। टीम में शाकिब अल हसन और वरुण चक्रवर्ती जैसे विश्व स्तरीय स्पिनरों के होने से उन्होंने नारायण को नौवें ओवर तक रोक कर रखा। जब नारायण गेंदबाज़ी पर आए, तब पिछले चार ओवरों में मात्र 17 रन बने थे और रनों को बढ़ाने के दबाव के कारण कोहली और भरत ने अपने विकेट गंवाए।
कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) 2020 में नारायण ने पहली बार इस बदली हुई एक्शन के साथ गेंदबाज़ी की थी जहां वह गेंद को शरीर के पीछे रखकर भाग रहे थे। आईपीएल का पिछला सीज़न उनके लिए अच्छा नहीं रहा था और 10 मैचों में वह केवल पांच विकेट झटक पाए थे। हालांकि इस साल नारायण केकेआर के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो स्मार्ट स्टैट्स की प्लेयर रेटिंग की सूची में वह नौंवे स्थान पर है जो इस सीज़न उनकी निरंतरता को दर्शाता है। जब नारायण को बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया तब केकेआर के पास शाकिब और मॉर्गन के रूप में विशेषज्ञ बल्लेबाज़ मौजूद थे। उनके पास दिनेश कार्तिक के रूप में एक विकल्प था अगर वह दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के संयोजन के साथ जाना चाहते। लेकिन 11 ओवरों के खेल में मोहम्मद सिराज के तीन ओवर हो चुके थे और और आरसीबी के पास नारायण को परेशान करने वाली तेज़ गति की गेंदबाज़ी का केवल एक ही ओवर बचा था।
अगर कोहली सिराज को गेंद थमाते तो डेथ ओवरों में केकेआर के बल्लेबाज़ों का रास्ता आसान हो जाता। अगर नहीं, तो नारायण के पास अन्य गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ रन बटोरने का बढ़िया मौक़ा था। भले ही उन्होंने तीन गेंदों पर तीन छक्के लगाने के बारे में नहीं सोचा होगा, लेकिन उन्होंने क्रिस्टियन को गेंद थमाने के फ़ैसले को ग़लत साबित कर दिया। नारायण को पटकी हुई गेंदों से परेशानी होती है लेकिन तब ही जब गेंद 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़तार से डाली जाए। और क्रिस्टियन के पास उतनी गति है नहीं।
उस ओवर ने मैच का रुख़ पलट दिया। केकेआर उस समय नारायण की जगह किसी और बल्लेबाज़ को भेज सकते थे और उस ओवर में 22 की बजाय 10-12 ओवर बटोरकर उसे सफल ओवर बना सकते थे। लेकिन उसका मतलब यह होता कि उन्हें पारी के अंत में दबाव में रहते हुए जोखिम उठाना पड़ता। नारायण ने उन छक्कों के साथ यह सारे सवालों को खड़े होने का मौक़ा ही नहीं दिया।
अब किसी ने ठीक ही कहा है कि वह चाहे पिंजरे में हो या खुले जंगल में, शेर आख़िर शेर ही होता है।
सौरभ सोमानी ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी से सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.