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मिलिए नारायण के ताज़ा रुपांतरण जलालाबाद के रमेश कुमार से

केकेआर के लिए चुना गया यह खिलाड़ी दोनों ओर गेंद को घुमा सकता है और लंबे शॉट खेल सकता है

रमेश कुमार नरेन जलालाबादिया के नाम से जाने जाते हैं, क्‍योंकि उनका एक्‍शन वेस्‍टइंडीज के सुनील नारायण से मिला है  Ramesh Kumar

मिलिए जलालाबाद के रमेश कुमार से जो केकेआर के बाएं हाथ के सुनील नारायण की तरह दोनों ओर गेंद को घुमाने की काबिलियत रखते हैं और एक ऑलराउंडर के तौर पर मैदान से बाहर भी पहुंचा सकते हैं। इस खिलाड़ी ने पंजाब के छोटे शहर में टेनिस-बॉल सर्किट से लेकर आईपीएल तक का सफ़र तय कर लिया है।

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कौन हैं रमेश कुमार?

रमेश कुमार पंजाब के जलालाबाद शहर के 23 वर्षीय स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर हैं। रमेश ने अभी तक कोई प्रतिनिधि क्रिकेट नहीं खेला है, इसलिए जब कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें आईपीएल 2022 की नीलामी में 20 लाख में चुना, तो कई दर्शकों ने सोचा होगा कि वह कौन थे।

रमेश को नीलामी सूची में एक बल्लेबाज़ के रूप में जोड़ा ​गया था, लेकिन उनका मज़बूत पक्ष उनकी गेंदबाजी है। बाएं हाथ के स्पिनर, वह गेंद को दोनों तरफ़ घुमाने की क्षमता रखते हैं। इंटरनेट पर वह नारायण जलालाबादिया के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि रमेश की मानें तो उनका एक्शन वेस्टइंडीज़ और नाइट राइडर्स के मिस्ट्री स्पिनर सुनील नारायण से मिलता जुलता है।

रमेश टेनिस-बॉल क्रिकेट का एक उत्पाद हैं और उस सर्किट में वह अपने छक्के मारने के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं। यदि आप यूट्यूट पर "नारायण जलालाबाद" सर्च करते हैं तो आपको उनके "5 छक्के" मारने और "सिर्फ 10 गेंदों में 50 रन बनाने" के वीडियो मिलेंगे।

एक अन्य यूट्यूब वीडियो में जब साक्षात्कारकर्ता ने उनसे पूछा कि उनका पसंदीदा खिलाड़ी कौन है, तो रमेश एक टेनिस-बॉल क्रिकेटर का नाम लेते हैं। जब उनसे उनके पसंदीदा गेंदबाज़ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक बार फिर एक स्थानीय खिलाड़ी का ज़िक्र किया, जिस से उनकी दुनिया की एक झलक मिलती है। वह कहते हैं कि टेनिस-बॉल क्रिकेट की वजह से उनका आईपीएल में चयन हुआ है।

एक कठिन दीक्षा

रमेश साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। उनके पिता एक मोची हैं और उनकी मां पड़ोस के गांवों में मेकअप उत्पाद बेचती हैं। छोटे शहरों के ज़्यादातर बच्चों की तरह रमेश का क्रिकेट का सफ़र टेनिस बॉल से शुरू हुआ। जल्द ही लोगों ने बल्ले और गेंद दोनों से उनके कौशल पर ध्यान देना शुरू कर दिया और उन्हें स्थानीय टेनिस-बॉल टूर्नामेंट खेलने के लिए आमंत्रित करना शुरू कर दिया।

लेकिन यह इतना आसान नहीं था। उनका परिवार चाहता था कि उन्हें एक अच्छी नौकरी मिले और उन्होंने क्रिकेट के प्रति रमेश के जुनून का समर्थन नहीं किया। कई बार रमेश को खेलने के लिए उनसे झूठ बोलना पड़ता था। हालांकि, आख़िरकार टेनिस-बॉल टूर्नामेंट में उन्होंने जो पुरस्कार राशि जीती, उससे उनको शिक्षा और स्नातक की पढ़ाई पूरी करने में मदद मिली।

अगला कदम

उन्हें टेनिस बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते देख रमेश के दोस्तों ने उन्हें क्रिकेट की गेंद से खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। भले ही उनके पास कभी कोई औपचारिक कोचिंग नहीं थी, फिर भी उन्होंने इसका लाभ उठाया और टेनिस-बॉल और क्रिकेट-बॉल टूर्नामेंट दोनों में काम करना शुरू कर दिया। जल्द ही वह मोगा के लिए जिला क्रिकेट खेलने लगे और सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों में से एक के रूप में उभरे।

केकेआर ने कैसे पहचाना?

जिला स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के बाद पिछले साल रमेश का चयन पंजाब स्टेट कैंप के लिए हुआ था। वहां उन्होंने पंजाब के ऑलराउंडर गुरकीरत सिंह मान से मुलाकात की, जिन्होंने 2016 में भारत के लिए तीन वनडे मैच खेले। रमेश ने मान को अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में बताया और पूछा कि क्या वह किसी टूर्नामेंट के लिए अपना नाम सुझा सकते हैं।

मान ने हर तरह से मदद करने का वादा किया, लेकिन दिन के अंत में कहा कि यह उनका प्रदर्शन है जो सब कुछ तय करेगा। मान ने उन्हें जेपी अत्रे ट्रॉफ़ी में मिनर्वा क्रिकेट अकादमी के लिए खेलने का मौक़ा दिया। वहां अपने पहले मैच में रमेश ने नौ ओवर में 35 रन देकर 5 विकेट लिए। अगले मैच में उन्होंने आठ में से 32 रन देकर चार विकेट लिए और उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया।

मान ने उन मैचों के फुटेज नाइट राइडर्स के सहायक कोच अभिषेक नायर को भेजे। इसके तुरंत बाद नाइट राइडर्स ने रमेश को ट्रायल के लिए बुलाया, जहां उन्होंने उसे गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण करने के लिए कहा और बाद में उसे नीलामी में चुना।

यह मौक़ा रमेश के लिए कितना मयने रखता है?

वह कहते हैं, "इस चयन ने मेरे पूरे जीवन को बदल दिया है। इसने मुझे एक मंच दिया है। मैंने कभी प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन मुझे यकीन है कि रणजी ट्रॉफ़ी का दरवाज़ा भी यहां से खुलेगा। निश्चित रूप से अंतिम लक्ष्य भारत के लिए खेलना है और इनमें से कोई भी भगवान की कृपा और गुरकीरत पाजी की मदद के बिना संभव नहीं होता।"

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हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।