आईपीएल 2022 के लिए पर्स की रक़म को 85 करोड़ से 90 करोड़ किया गया
पुरानी आठ फ़्रेंचाइज़ियों के लिए रिटेनशन विंडो एक से 30 नवंबर तक खुली रहेगी, जबकि नई फ़्रेंचाइज़ियों के पास एक से 25 दिसंबर तक का मौक़ा रहेगा

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2022 सीज़न के लिए प्रत्येक फ़्रेंचाइज़ियों के पर्स में अब 90 करोड़ रुपये होंगे, जो आईपीएल 2021 से 5 करोड़ ज़्यादा हैं। पिछली बार प्रत्येक टीम के पास 85 करोड़ रुपये ख़र्च करने के लिए थे। जैसा कि ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो ने आपको पहले भी बताया था कि पुरानी आठ फ़्रेंचाइज़ियों के पास चार पुराने खिलाड़ियों को रिटेन करने का मौक़ा रहेगा।
दो नई फ़्रेंचाइज़ी - लखनऊ और अहमदाबाद के पास भी मौक़ा रहेगा कि वे पुरानी फ़्रेंचाइज़ियों द्वारा रिटेन किए गए खिलाड़ियों के बाद बचे हुए पूल में से चार खिलाड़ियों को रिटेन कर सकें। पुरानी आठ फ़्रेंचाइज़ियों के लिए रिटेनशन विंडो एक से 30 नवंबर तक खुली रहेगी, जबकि नई फ़्रेंचाइज़ियों के पास एक से 25 दिसंबर तक का मौक़ा रहेगा। आईपीएल 2022 की नीलामी प्रक्रिया जनवरी 2022 में संभावित है।
अगर आठ में से कोई एक फ़्रेंचाइज़ी चार खिलाड़ियों को रिटेन करते हैं, तो उनके खाते से 42 करोड़ रुपये कट जाएंगे। पहले रिटेन खिलाड़ी के लिए उनके पर्स से 16 करोड़ रुपये कटेंगे, दूसरे के लिए 12 करोड़, तीसरे के लिए आठ करोड़ और चौथे खिलाड़ी के लिए छह करोड़ रुपये कटेंगे।
सभी 10 फ़्रेंचाइज़ियों के लिए एक ही रक़म कटेगी, चाहे वे किसी एक खिलाड़ी को रिटेन करते हैं, दो को, तीन को या फिर चार खिलाड़ियों को अपने साथ रखते हैं। मसलन अगर कोई फ़्रेंचाइज़ी तीन ही खिलाड़ी को रिटेन करती है तो फिर इस तरह उनके पर्स से पैसे कटेंगे : पहले खिलाड़ी के लिए 15 करोड़, दूसरे के लिए 11 करोड़ और तीसरे के लिए सात करोड़, यानि कुल रक़म 33 करोड़ उनके पर्स से कट जाएगी। इसी तरह दो खिलाड़ियों को रिटेन करने पर, पहले के लिए 14 करोड़ और दूसरे के लिए 10 करोड़ देने होंगे यानि कुल 24 करोड़।
अगर कोई फ़्रेंचाइज़ी सिर्फ़ एक खिलाड़ी को रिटेन करती है और वह अनकैप्ड नहीं है तो फिर 14 करोड़ रुपये कटेंगे, जबकि किसी एकमात्र अनकैप्ड खिलाड़ी को रिटेन करने पर 4 करोड़ ही उनके पर्स से कम होंगे।
हालांकि आईपीएल ने खिलाड़ियों को रिटेन करने की राशि का ख़ुलासा किया है, फ़्रेंचाइज़ी अपने रिटेन किए गए खिलाड़ियों को आपसी समझौते के आधार पर मन चाहे उतनी रकम दे सकती है। उन दोनों राशियों में से बड़ी वाली राशि टीमों के बजट से काटी जाएगी। उदाहरण के तौर पर अगर कोई टीम सिर्फ़ किसी एक खिलाड़ी को 8 करोड़ की राशि देकर रिटेन करती है, फिर भी उसकी कुल राशि में से 12 करोड़ काटे जाएंगे। ठीक उसी तरह अगर कोई टीम सिर्फ़ एक खिलाड़ी को 17 करोड़ में रिटेन करती है तो उसकी राशि में से 12 और 17 के बीच ज़्यादा यानि 17 करोड़ कटेंगे।
जबकि आईपीएल ने रिटेनशन के लिए वेतन स्लैब निर्धारित किए हैं, फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों को भुगतान करने के लिए स्वतंत्र हैं, जो भी वे परस्पर सहमत हैं। फ्रैंचाइज़ी के नीलामी पर्स से जितनी राशि काटी जाएगी, वह राशि जो भी अधिक हो। यदि कोई फ्रैंचाइज़ी किसी खिलाड़ी को उसके रिटेंशन स्लैब से कम भुगतान करती है, तो वे रिटेंशन स्लैब की राशि खो देंगे। यदि कोई फ्रैंचाइज़ी किसी खिलाड़ी को रिटेंशन स्लैब के लिए निर्धारित राशि से अधिक भुगतान करती है, तो उस अधिक राशि को फ्रैंचाइज़ी के नीलामी पर्स से काट लिया जाएगा। यह दो नई फ्रेंचाइजी पर भी लागू होता है।
उदाहरण के तौर पर, 2018 में हुई बड़ी नीलामी से पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने विराट कोहली को रिटेनशन फ़ीस के तौर पर 17 करोड़ रुपये दिए थे। जबकि पहले रिटेन खिलाड़ी के लिए स्लैब में 15 करोड़ का प्रावधान था, ऐसे में फ़्रेंचाइज़ी के पर्स से भी 17 करोड़ रुपये काटे गए थे।
ईएसपीनक्रिकइंफ़ो ने जैसा कि आपको बताया है, पुरानी फ़्रेंचाइज़ी ज़्यादा से ज़्यादा तीन ही भारतीय खिलाड़ी को रिटेन कर सकती हैं फिर वह कैप्ड हों या अनकैप्ड। साथ ही साथ वे दो से ज़्यादा विदेशी खिलाड़ी को भी रिटेन नहीं कर सकती, और दो अनपैक्ड भारतीय खिलाड़ियों से ज़्यादा भी रिटेन नहीं किए जा सकते।
नई टीमों के लिए रिटेनशन नियम इस तरह हैं : वे दो से ज़्यादा भारतीय खिलाड़ी - कैप्ड या अनकैप्ड को नहीं रख सकते। एक से ज़्यादा विदेशी खिलाड़ी को रिटेन नहीं कर सकते। और एक से ज़्यादा अनकैप्ड खिलाड़ी को भी साथ नहीं रख सकते।
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है। @imsyedhussain
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