अश्विन के हरफ़नमौला प्रदर्शन से जीती राजस्थान रॉयल्स
गुजरात टाइटंस से पहले क्वालीफ़ायर में 24 जून को भिड़ेंगे रॉयल्स

राजस्थान रॉयल्स 151 पर 5 (जायसवाल 59, अश्विन 40*, सोलंकी 2-20) ने चेन्नई सुपर किंग्स 150 पर 6 (मोईन 93, धोनी 26, मकॉए 2-20) को 5 विकेट से हराया
आर अश्विन के हरफ़नमौला प्रदर्शन की बदौलत राजस्थान रॉयल्स ने शुक्रवार को एक रोमांचक मुक़ाबले में चेन्नई सुपर किंग्स को पांच विकेट से हराकर शीर्ष दो में रहक लीग दौर का अंत किया। एक धीमी विकेट पर दोनों ही टीमों ने पावरप्ले में जमकर रन बनाए लेकिन जैसे ही क्षेत्ररक्षण खुला दोनों टीमों के बल्लेबाज़ों ने संघर्ष किया। लक्ष्य का पीछा करने की वजह से राजस्थान अपने प्लान को चेन्नई से बेहतर अमलीजामा पहना पाई।
चेन्नई की बल्लेबाज़ी धीमी होती गई
चेन्नई ने एक समय पावरप्ले में 75 रन बना लिए थे, सेट बल्लेबाज़ मोईन अली 21 गेंद में 59 रन बना चुके थे लेकिन इसके बाद उन्होंने 57 गेंद में 93 रन बनाकर अपनी पारी का अंत किया। राजस्थान ने भी पहले पांच ओवरों में 47 रन बनाए लेकिन अगले आठ ओवरों में उन्होंने भी 37 रन बनाकर दो विकेट गंवा दिए। अंत में अश्विन को नंबर पांच पर प्रमोट किया गया। आख़िरी चार ओवरों में राजस्थान को 43 रन की ज़रूरत थी। अश्विन उन्होंने 23 गेंद में तीन छक्कों की मदद से 40 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी। उन्होंने गेंदबाज़ी में भी चार ओवर में 28 रन देकर एक विकेट लिया।
मोईन की बेहतरीन पारी
यह सीज़न चेन्नई के लिए निराशाजनक हो सकता है लेकिन जब मोईन अली का बल्ला बोल रहा हो तब ऐसा कतई नहीं हो सकता है। मोईन ने ज़ल्द ही चौथा गियर डाल दिया था और पांचवें गियर में पहुंचने में उन्हें ज़्यादा वक़्त नहीं लगा। पहले उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा की हार्ड लेंथ को निशाना बनाया। इसके बाद अश्विन के ओवर से उन्होंने 16 रन निकाले। पावरप्ले का आख़िरी ओवर इन सब में सबसे बेहतर था। उनहोंने ट्रेंट बोल्ट की गेदं पर स्क्वेयर लेग, मिडविकेट, लांग ऑन, थर्ड मैन, प्वाइंट और एक्स्ट्रा कवर पर खूबसूरत शॉट लगाए। इसका मतलब था कि उन्होंने मात्र 19 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया, जो चेन्नई के लिए आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज़ अर्धशतक रहा।
रनों की रफ़्तार धीमी
रनों की रफ़्तार के धीमा होने की शुरुआत आठवें ओवर में अश्विन ने की। डेवन कॉन्वे उन पर स्वीप लगाने गए, लेकिन यह गेंद फुलर थी और वह पूरी तरह से गच्चा खाकर एलबीडब्ल्यू हो गए। ओबेद मकॉय ने इसके बाद अपनी धीमी गेंदों का इस्तेमाल किया और युज़वेंद्र चहल ने मध्य ओवरों में लगातार गति और लेंथ में बदलाव किया। ऋतुराज गायकवाड़, अंबाती रायुडू और नारायण जगदीशन के ज़ल्द आउट होने के बाद मोईन पर ज़िम्मेदारी आ गई।
ना ही इन गेंदबाज़ पर रन बनाना आसान था। टॉस पर एक सीज़न और खेलने का ऐलान करने वाले एमएस धोनी का दो बार कैच छूटा लेकिन वह इसका फ़ायदा नहीं उठा सके। एक समय बिना बाउंड्री के 45 गेंद बीत चुकी थी। धोनी ने चौका लगाकर इस सूखे को ख़त्म किया। हालांकि अश्विन, चहल और मकॉए की जोड़ी ने मैच पर पकड़ बनवाए रखी और आख़िरी पांच ओवर में केवल 30 रन आए।
जायसवाल की आक्रामक शुरुआत
जॉस बटलर ने टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत की थी लेकिन अब वह पिछली पांच पारियों में 63 रन ही बना सके हैं। राजस्थान को यशस्वी जायसवाल का धन्यवाद देना चाहिए जो मध्य सीज़न में बेंच से प्लेयिंग इलेवन में खेले और कमाल का प्रदर्शन करने लगे। बटलर के दूसरे ओवर में आउट होने के बाद उन्होंने अकेले ही आक्रामक शॉट लगाते हुए पावरप्ले में रन बनाने शुरू कर दिए और संजू सैमसन को भी आसानी से गैप मिलते रहे। पहली 13 गेंद में वह केवल 16 रन बना सके लेकिन अगली पांच गेंदों के बाद उनका स्कोर 31 रन था।
राजस्थान की पारी भी हुई धीमी
जैसे ही क्षेत्ररक्षण का विस्तार हुआ और स्पिनर आए तो राजस्थान के बल्लेबाज़ भी रन बनाने के लिए संघर्ष करने लगे। सैमसन, मिचेल सैंटनर के सिर के ऊपर से शॉट खेलने के प्रयास में उन्हें ही कैच थमा बैठे। देवदत्त पड़िक्कल भी रनों के लिए संघर्ष करते दिखे और परेशान होकर मोईन पर स्लॉग स्वीप लगाने गए और बोल्ड हो गए।
अश्विन ने ख़त्म किया मैच
पिछले मैच में पिंच हिटर के तौर पर अश्विन को भेजने के बाद इस बार भी राजस्थान ने मैच को डीप तक ले जाने और साझेदारी बनाने के लिए अश्विन को भेजा। एक समय आख़िरी सात ओवरों में 67 रन बनाने थे और जायसवाल भी पावरप्ले जैसे रनों की गति को बढ़ा नहीं पा रहे थे।
अश्विन ने कमान संभाली और मोईन पर एक छक्का जड़ दिया। जायसवाल ने भी लेग स्पिनर प्रशांत सोलंकी पर छक्का लगाया, लेकिन एक और प्रयास में आउट हो गए। सोलंकी ने अपने अगले ही ओवर में डेथ ओवर स्पेशलिस्ट शिमरॉन हेटमायर को पवेलियन भेज दिया। अब 19 गेंद पर 38 रन चाहिए थे और अश्विन ने सोलंकी की आख़िरी गेंद पर स्लॉग स्वीप पर छक्का निकाल लिया।
मथीशा पथिराना के पास करने के लिए ज़्यादा रन नहीं थे। दबाव और तब बढ़ गया जब अश्विन ने उन पर रैंप शॉट लगाया और अब 14 गेंद में 24 रन की दरकार थी। 19वें ओवर में अश्विन ने शॉर्ट बाउंड्री को टारगेट किया और अंतिम ओवर में पथिराना पर ज़रूरी रन बनाने में उन्हें कोई समस्या नहीं हुई।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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