आर या पार : केकेआर की डेथ गेंदबाज़ी हैं तैयार?
नई गेंद से विकेट लेने पर अत्याधिक निर्भर नज़र आ रही इस टीम को जल्द ही ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है
रसल जब चलते हैं तो फिर सामने वाली टीम का बैंड बजा देते हैं : रवि शास्त्री
पंजाब पर कोलकाता की धुआंधार जीत का सटीक विश्लेषण रवि शास्त्री के साथतीन ओवर में 47, छोटे लक्ष्य का बचाव करते हुए 27 और आठ विकेट गंवा चुकी टीम के ख़िलाफ़ दो ओवरों में 33 रन। मैं बात कर रहा हूं डेथ ओवरों में कोलकाता नाइट राइडर्स की गेंदबाज़ी की।
एक नए कप्तान और नई टीम के साथ इस सीज़न में कोलकाता ने एक नई रणनीति अपनाई है। तेज़ गेंदबाज़ी के लिए अनुकूल मुंबई की पिचों पर वह नई गेंद के साथ विकेट झटकने के इरादे से मैदान पर उतरती है जिससे डेथ ओवरों तक सामने वाली टीम या तो ऑलआउट हो जाए या फिर उनके पास अंतिम ओवर आते आते विशेषज्ञ बल्लेबाज़ बचे ही नहीं।
पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ मिली जीत के बाद कप्तान श्रेयस अय्यर ने कहा था, "हमें पावरप्ले में विकेट मिले और इसलिए मैंने विकेट लेने के उद्देश्य से अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों को गेंद थमाई। मैं तगड़े बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ अपने सबसे अच्छे गेंदबाज़ों को लाना चाहता था।"
इस सीज़न उमेश यादव अपनी स्विंग गेंदबाज़ी से आग उगल रहे हैं। गेंदों को लहराते हुए अब तक उमेश ने सर्वाधिक आठ विकेट अपने नाम किए हैं। साथी गेंदबाज़ टिम साउदी पांच विकेट के साथ इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं। यह जोड़ी पारी की शुरुआत से ही विपक्षी बल्लेबाज़ी क्रम की कमर तोड़ देती है जिसकी वजह से टीम को डेथ गेंदबाज़ की आवश्यकता ही नहीं पढ़ रही है। लेकिन क्या होगा जब केकेआर को पावरप्ले में विकेट नहीं मिलेंगे? क्या होगा जब विपक्षी टीमें अच्छी शुरुआत के साथ बड़े स्कोर की नींव रख देंगी?
ऐसे में श्रेयस के पास दो विकल्प साफ़ नज़र आ रहे हैं। वह वरुण चक्रवर्ती और सुनील नारायण का एक-एक ओवर डेथ के लिए बचाकर रख सकते हैं या फिर उन्हें पैट कमिंस के उपलब्ध होने का इंतज़ार करना होगा। लेकिन दोनों विकल्पों में बड़ा ख़तरा है। क्या आप मध्य ओवरों में विकेट लेने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों के साथ जाएंगे या उनके ओवर को बचाकर रखना मुनासिब समझेंगे? साथ ही क्या कमिंस डेथ गेंदबाज़ी को मज़बूती प्रदान कर पाएंगे?
अब आप कहेंगे कि आंद्रे रसल पिछले कुछ सीज़नों में डेथ गेंदबाज़ की भूमिका निभाते आए हैं। आपकी बात शत-प्रतिशत सही है लेकिन पिछले चार सीज़नों में 17 से 20वें ओवर के बीच आंद्रे रसल 11 से अधिक की इकॉनमी से रन ख़र्च करते हैं। साथ ही उनकी फ़िटनेस पर हमेशा सवालिया निशान बना रहता है। क्या कप्तान रसल पर गेंदबाज़ी का अधिक ज़ोर डालना चाहेंगे? यह जानते हुए कि वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने दिन पर अकेले ही मैच जिता सकते हैं।
इस समस्या के कारण ही केकेआर को शिवम मावी के रूप में एक अतिरिक्त गेंदबाज़ खिलाना पड़ रहा है। लेकिन मावी रन रोकने में नाकाम नज़र आए हैं। उनके अलावा केकेआर के पास केवल रसिख सलाम डार के रूप में एक ही बैक-अप तेज़ गेंदबाज़ मौजूद हैं। ऐसे में कोलकाता को उम्मीद करनी होगी कि नई गेंद के साथ वह लगातार विकेट चटकाए ताकि डेथ ओवरों तक आते आते कुछ करने को बचा ही ना हो।
अफ़्ज़ल जिवानी (@ jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.