कैसे केकेआर के जादुई मिस्ट्री स्पिन महकमे में शामिल हुए शौकिया सुयश शर्मा
कोविड-19 की वजह से अपने कोच को खाने के बाद लेग स्पिनर की आईपीएल नीलामी में बदली किस्मत

2022 के अंतिम समय में पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ पंकज सिंह कोलकाता नाइट राइडर्स के सहायक कोच अभिषेक नायर के संपर्क में थे। पंकज तभी दिल्ली की अंडर-25 टीम के ताज़ा-ताज़ा कोच बने थे और उन्हें एक सिफ़ारिश करनी थी। एक स्पिनर था जिसे अभी भी शीर्ष स्तर पर टी20 खेलना था, जो दिल्ली सर्किट में जगह बनाने को देख रहा था, क्योंकि आईपीएल टीमें नए ट्रायल्स को देख रही थी तो पंकज ने सुयश शर्मा का नाम आगे रखा।
आईपीएल सीज़न के बीच में हर फ़्रैंचाइज़ी के स्काउट् अपने कोच और दोस्तों के नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, जो अधिकतर पूर्व क्रिकेटर होते हैं, जिससे नए टैलेंट को ढूंढा जा सके। केकेआर अकेली टीम नहीं थी जिसे सुयश के बारे में पता चला।
जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या को ढूंढने वाली मुंबई इंडियंस भी सुयश में रूचि रखती थी। सुयश ने दोनों फ़्रैंचाइजी के लिए ट्रायल दिया।
केकेआर के ट्रायल में सुयश ने प्रभावित किया और उनके स्टाफ़ नायर, सहायक गेंदबाज़ी कोच ओमकार साल्वी और एनालिस्ट एआर श्रीकांत ने तुंरत उनमें एक्स फै़क्टर ढूंढ लिया। अब जब इम्पैक्ट प्लेयर का नियम आ चुका था तो केकेआर में वह फ़िट बैठते थे। नीलामी में केकेआर ने उन्हें 20 लाख रूपये में ख़रीद लिया। केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने तब राहत महसूस की थी कि सुयश के लिए उन्हें अधिक रकम नहीं ख़र्च करनी पड़ी, क्योंकि उनके पास नीलामी में बहुत कम रक़म थी और वे इस स्पिनर पर कम रक़म ख़र्च करना चाहते थे।
नीलामी के बाद पिछले सप्ताह पहली बार बाहरी क्रिकेट दुनिया ने सुयश का नाम सुना जब उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ आईपीएल और टी20 पदार्पण करते हुए 30 रन देकर तीन विकेट लिए।
किसी भी युवा क्रिकेटर के लिए इस तरह का पदार्पण सपने जैसा होता है लेकिन सुयश कुछ अलग सोचते हैं।
सुयश ने अपने पदार्पण के बारे में बताते हुए ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "विकेट मेरे लिए इतना मायने नहीं रखता है। मेरे लिए मेरा गेंदबाज़ी ग्राफ़ अहम है कि मैं कितनी गेंद सही तरह से गिराता हूं। चाहे मैं पांच या सात विकेट लूं यह मायने नहीं रखता। जो मायने रखता है वह यह है कि यदि मैं अच्छी गेंदबाज़ी करूं तो एक विकेट का स्पैल भी मुझे संतुष्ट कर सकता है।"
19 वर्षीय सुयश उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा से आते हैं। वह बड़े भाई की तरह बल्लेबाज़ बनना चाहते थे लेकिन जल्द ही जब उन्होंने दिल्ली के प्रतिस्पर्धी आयु वर्ग क्रिकेट में जगह बनाने की सोची तो उनमें कुछ अलग था। तो वह लेग स्पिनर बन गए। विराट कोहली के बचपन के कोच दिल्ली के सुरेश बत्रा के साथ उन्होंने क़रीब से काम किया और उन्होंने राशिद ख़ान की तरह तेज़ एक्शन का निर्माण किया, साथ ही गुगली का हथियार अपनी गेंदबाज़ी में जोड़ा, जो एक्शन से लेग ब्रेक से अलग नहीं थी।
जब सुयश 17 वर्ष के थे तो बत्रा को कोविड हो गया और उनका निधन हो गया। अब उनके पास कोई मेंटॉर नहीं था, जिसके बाद सुयश ने दिल्ली के एक और कोच रणधीर सिंह से संपर्क किया। रणधीर सुयश को डीडीसीए के क्लब क्रिकेट टूर्नामेंट में लेकर आए और मद्रास क्लब से उन्हें जोड़ा।
दिल्ली का वह मद्रास क्लब जिसके लिए वीरेंद्र सहवाग ने ढेरों रन बनाए हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह स्पिनरों को पैदा करने वाला मैदान रा है। युज़वेंद्र चहल और पवन नेगी ने यहीं से शुरुआत की, साथ ही अन्य आईपीएल स्पिनर प्रदीप साहू और तेजस बरोका भी यहीं से उभरे।
यहीं पर सुयश ने अपनी गेंदबाज़ी को निखारा। उन्होंने अपनी गति को तेज़ किया और मज़बूत कलाई पैदा कि जिससे वह लेग ब्रेक और गुगली समान गति से कर पाते हैं। इससे बल्लेबाज़ों को उनकी गेंद समझने में दिक्कत होती है। उन्हें क्लब सर्किट में बिना भुगतान वाले शौकिया के रूप में उतारा गया। जिसके कारण दिल्ली U-25 कॉल-अप और आईपीएल ट्रायल हुआ।
लेकिन बड़े सपने देखने वाले असंख्य शौकिया भारतीय खिलाड़ियों के लिए ट्रायल अपेक्षाकृत सामान्य हैं। कई लोगों के लिए मंच इतना बड़ा होता है कि वे देखने वाले स्काउट्स से भयभीत होकर प्रभावित करने में विफल रहते हैं। अगर वह यह पहला टेस्ट पास करने में सफल होते हैं तो आईपीएल नीलामी में उन्हें रणजी स्तर के खिलाड़ियों के साथ लड़ना होता है और इसके बाद भी पेशेवर अनुभव नहीं होने की वजह से एक सवाल रहता है कि टीवी पर जब उन्हें करोड़ों आंखे देख रही होंगी तो क्या वे दबाव में प्रभावित कर पाएंगे।
तो ट्रायल में केकेआर और मुंबई से सकारात्मक फ़ीडबैक मिलने के बाद सुयश जानते थे कि उनका आईपीएल करार अभी भी दूर है। सुयश दिल्ली क्लब सर्किट में वापस लौट आए और उसी पर फ़ोकस शुरू किया। लेकिन 23 दिसंबर 2022 जब जल्दी आई तो यह उनकी ज़िंंदगी का एक बेहतरीन दिनों में से एक बन गया।
सुयश ने कहा, "मैं दिल्ली अंडर-25 लाल गेंद टीम के ट्रायल मैच से वापस घर लौट रहा था। मैं थका हुआ था और रिक्शा से उतरा ही था। मैंने कुछ समय नीलामी देखी लेकिन मेरा नाम क्योंकि देर से आया तो मैं देख नहीं सका।"
"जैसे ही मैंने घर की ओर कदम बढ़ाने शुरू किए, फ़ोन बजने लगे यह कहने के लिए कि काम हो गया है। मेरे चाचा रो रहे थे, मेरा परिवार जोश से भरा हुआ था। यह एक भावुक पल था।"
अपने पिता की कैंसर की लड़ाई में कुछ साल जूझने और अपने कोच की मृत्यु, वाकई में सुयश को एक क्रिकेटर के रूप में पहचान बनाने के लिए बहुत कुछ सहना पड़ा है लेकिन अब सब कुछ ठीक जगह पर है।
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आईपीएल में केकेआर जितना मिस्ट्री स्पिनरों से लगाव किसी दूसरी टीम का नहीं है। उन्होंने अजंता मेंडिस, सचित्र सेनानायका और के सी करियप्पा के दिनों से लेकर हाल ही में एक्शन में बदलाव के बावजूद सुनील नारायण को बिना शर्त समर्थन दिया गया था और वरुण चक्रवर्ती को एक ख़राब आईपीएल शुरुआत के बाद भी साथ रखा था।
दूसरी फ़्रैंचाइजी के लिए टीम में तीसरे मिस्ट्री स्पिनर का होना मतलब है कि वह बैकअप का भी बैकअप है, लेकिन केकेआर के लिए सुयश इससे अधिक थे। उनका लम्हा तब आया जब केकेआर ने अपने दूसरे मैच में आरसीबी के ख़िलाफ़ उन्हें इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में उतारा।
सुयश ने कहा, "मैं इसके लिए तैयार था, लेकिन जब मैंने अपना गेंदबाज़ी मार्क लिया तो थोड़ा सहमा हुआ था। मैं उस अहसास को बयां नहीं कर सकता हूं। जब मैं अपने भविष्य के पदार्पण के बारे में सोचता था तो उत्साहित हो जाता था, लेकिन जब मैं वहां था तो सहम गया था। जब मैं रन अप ले रहा था तो दर्शकों का बहुत शोर था, तो मैं थोड़ा घबरा गया था।"
"लेकिन मैं अपनी पहली गेंद की सालों से कल्पना कर रहा था। मैंने कल्पना करते हुए बहुत अभ्यास किया है। तो मैं जब पहली गेंद करने जा रहा था तो मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंद करना चाहता था।"
पदार्पण में सुयश की गेंदबाज़ी एकदम सटीक नहीं थी लेकिन एक चीज़ थी कि वह गेंद को टर्न करा रहे थे। नारायण और चक्रवर्ती विविधताओं के साथ जाते हैं लेकिन सुयश फ़्लाइट और अधिक टर्न करा रहे थे।
अपने बड़े बालों के लिए हेडबैंड लगाकर सुयश ने जब दिनेश कार्तिक को पहली गेंद की तो यह गुड लेंथ की जगह हाफ़ ट्रैकर अधिक थी और दो गेंद बाद जब उन्होंने माइकल ब्रेसवेल को यही गेंद की तो उन्होंने छक्का जड़ दिया। पहले ओवर में नौ रन आए और कुछ समय के लिए लगा कि आईपीएल में उनको लाने में जल्दी तो नहीं कर दी।
लेकिन उन्होंने मज़बूती से वापसी करते हुए अपने दूसरे ओवर में अनुज रावत और कार्तिक के विकेट लिए, जहां उन्होंने फ़्लाइट और टर्न कराई और गेंद दोनों के बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर शॉर्ट थर्ड मैन पर गई। जब सुयश ने कर्ण शर्मा को अगले ओवर में गेंद की तो वह उनके पैड पर लगी और वह आत्मविश्वास के साथ कप्तान नितीश राणा के पास गए और रिव्यू की मांग की। रिप्ले में पता चला कि कर्ण पहली स्लिप में लपके गए हैं, लेकिन अगर यह किनारा भी नहीं लगता तो वह एलबीडब्ल्यू हो जाते।
उनके स्पैल से प्रमुख कोच चंद्रकांत पंडित काफ़ी प्रभावित हुए और मैच के बाद उन्होंने इस बारे में बात की।
पंडित ने कहा, "वह अनुभवी नहीं है लेकिन तब भी उन्होंने अच्छी मनोदृष्टि दिखाई। यही लड़ने वाली क्षमता उन्होंने कैंप में भी दिखाई थी।"
मौजूदा समय में सुयश के पास चार अलग तरह की गेंद हैं गुगली, लेगब्रेक, बैकस्पिनर और फ्लिपर। उन्होंने कहा कि वह अधिक विविधता के लिए अभ्यास करते हैं, लेकिन वह उसके बारे में तभी बताएंंगे जब यह तैयार होंगी। उनकी चुनौती रहस्यमयी बने रहने की होगी क्योंकि अन्य टीमें सक्रिय रूप से उनकी गेंदबाज़ी को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही हैं।
लेकिन यही चुनौती है जिसके लिए सुयश तैयार हैं और वह पंडित, गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण और टीम के साथी नारायण, चक्रवर्ती के हाथों में सुरक्षित हैं, जो उन्हें दिशा दिखाते हैं। यह काफ़ी लंबे समय बाद हुआ है जब किसी भारतीय स्पिनर ने इतने कम समय में उत्साह जगाया है और अगर सुयश शोरगुल के बजाय अपने गेंदबाज़ी ग्राफ़ पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, तो यह कुछ महत्वपूर्ण शुरुआत हो सकती है।
श्रेष्ठ शाह ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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