सैमसन : जब तक बटलर हैं कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं
शतक बनाने के बाद बटलर ने कहा- 'शुरु में संघर्ष किया लेकिन खु़द पर भरोसा था'

कोलकाता के ईडन गार्डंस मैदान पर राजस्थान रॉयल्स (RR) ने एक ऐतिहासिक मुक़ाबले में कोलकाताना नाइटराइडर्स (KKR) को रोमांचक मुक़ाबले में आख़िरी गेंद पर दो विकेट से शिकस्त दे दी। KKR ने सुनील नारायण के शतक की बदौलत छह विकेट पर 223 रन बनाए थे, जिसके जवाब में RR ने जॉस बटलर के तूफ़ानी नाबाद शतक की बदौलत लक्ष्य को हासिल कर लिया। यह IPL इतिहास में संयुक्त रुप से सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड है। RR ने अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी की। मैच के बाद बटलर और कप्तान संजू सैमसन दोनों ही जीत से उत्साहित दिखे तो दूसरी ओर KKR के कप्तान श्रेयस अय्यर और नारायण ने मैच को भूलकर आगे बढ़ने की बात कही।
बटलर पारी की शुरुआत में लय में नहीं दिख रहे थे और दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरने की वजह से वह खुलकर भी नहीं खेल पा रहे थे। आधी पारी हो चुकी थी और बटलर 18 गेंद में मात्र 25 रन बनाकर खेल रहे थे, लेकिन 11वें ओवर के बाद उन्होंने गियर बदला और फिर पीछे नहीं मुड़कर देखा। यह बटलर का इस सीज़न दूसरा शतक था और दोनों में ही उन्होंने RR को जीत दिलाई।
प्लेयर ऑफ़ द मैच चुने गए बटलर ने कहा, "मैं शुरू में संघर्ष कर रहा था लेकिन मुझे अपने आप पर भरोसा था और मैं अपने आप को लगातार समझा रहा था कि मुझे शांत रहना है और मैं लय में आ जाऊंगा। धोनी और कोहली जैसे खिलाड़ी भी कि इसी तरह की सोच के साथ खेलते हैं और उन्हें अपने गेम पर भरोसा होता है। संगाकारा ने मुझसे कहा था कि जब चीज़ें आपके पक्ष में नहीं जा रही हों तो आप अपना विकेट गंवाने के बजाय संघर्ष करें। संगकारा का यह मूलमंत्र मेरे काम आया है।"
दूसरी ओर सैमसन डगआउट में बैठकर बटलर की पारी को देख रहे थे। जब आख़िरी ओवर की पहली गेंद पर बटलर ने छक्का लगाया तो पूरा डगआउट झूम उठा था, वहीं सैमसन थे जो मौन मुद्रा में भाव रहित केवल शांत बैठकर सबकुछ देख रहे थे। अगली तीन गेंद डॉट रही और फिर पूरा डगआउट शांत हो गया, लेकिन कप्तान सैमसन को बटलर पर पूरा विश्वास था कि वह मैच जीता देंगे।
मैच के बाद सैमसन ने कहा, "रोवमन पॉवेल ने जब कुछ बड़े शॉट लगाए तब हमें लगा कि हम मैच में बने हुए हैं। KKR ने भी अच्छा क्रिकेट खेला। KKR के पास अच्छा स्पिन अटैक था लेकिन बटलर ने हमारा काम आसान कर दिया। जब तक बटलर क्रीज़ पर हैं तब तक कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं है।"
दूसरी ओर KKR के कप्तान श्रेयस अय्यर के लिए मैच के पहले 30 ओवर तक सबकुछ सही जा रहा था, लेकिन RR की पारी के 10वें ओवर तक बटलर का क्रीज़ पर डटे रहना, श्रेयस और पूरे टीम प्रबंधन को कहीं ना कहीं कचोट रहा था।
श्रेयस ने प्रेजेंटेशन सेरेमनी में कहा, "मैच में हमारी भावनाएं रोलर कोस्टर राइड की तरह उतार-चढ़ाव भर रही थीं। हालांकि सोचा नहीं था कि नतीज़ा हमारे पक्ष में नहीं आएगा। लेकिन हमें आगे बढ़ना होगा। थोड़ी बहुत ग़लती का भी आपको गंभीर नतीज़ा भुगतना पड़ सकता है। मुझे उम्मीद है कि गेंदबाज़ इससे सीखेंगे। नारायण हमारे लिए बड़े मूल्यवान हैं और उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों के साथ प्रभावित किया। बटलर अच्छी लय में थे और जब आपको पांच खिलाड़ी सर्किल में रखने हों तो कई बार पता नहीं चलता कि गेंद कहां करनी है। इसके बाद हमारे पास लंबा ब्रेक है लेकिन हम इस पर चिंतन करेंगे। सिर्फ़ दो-तीन ओवर के खेल ने ही हमें मैच से बाहर कर दिया।"
शतक के साथ पहले टीम को 200 के स्कोर के पार पहुंचाना और फिर गेंदबाज़ी करते समय दो विकेट लेना। इस प्रदर्शन के बावजूद जब टीम हारती है तो कोई भी खिलाड़ी निराश हो सकता है। नारायण के लिए भी यह ऐसा ही दिन था।
मैच के बाद नारायण ने कहा, "मुझे लगता है कि जीजी [गंभीर] की वापसी के साथ बहुत कुछ बदला है। उन्होंने मुझे आत्मविश्वास दिया और आश्वस्त किया कि मैं बल्लेबाज़ी में ओपनिंग करूंगा और सभी 14 मैचों में करूंगा, जिसमें कम से कम तीन या चार मैचों में टीम को अच्छी शुरुआत मिले। मेरा काम यही है कि मैदान में जाऊं और टीम को अच्छी शुरुआत दिलाऊं। चाहे वहां पर कोई भी परिस्थति हो, बस शॉट खेलता रहूं क्योंकि अगर आप पावरप्ले में कुछ डॉट बॉल खेलते हो तो इसका भुगतान आपको पारी के अंत में करना पड़ता है। तो मेरा बस यही काम है कि मैदान में जाऊं और टीम को जितना हो सके एक अच्छी शुरुआत दिलाऊं।"
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