मयंक यादव IPL 2024 के बचे हुए लीग मैचों से बाहर
प्ले ऑफ़ में पहुंचने पर उनकी चोट का फिर से आकलन होगा

लखनऊ सुपर जॉयंट्स (LSG) के तेज़ गेंदबाज़ मयंक यादव चोट के कारण बचे हुए IPL 2024 से बाहर हो चुके हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के ख़िलाफ़ मैच से प्रेस कॉन्फ़्रेंस में टीम के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने साफ़ किया कि मयंक अब लीग चरण के किसी भी मैच में नहीं खेल पाएंगे। इसके अलावा लैंगर ने यह भी कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि मयंक नॉकआउट के लिए वापस आएं, लेकिन वास्तव में उनके लिए वापस आकर खेलना बेहद मुश्किल है।
लैंगर ने कहा, "मयंक का स्कैन कराया गया और उन्हें उसी जगह टियर हुआ है जहां पिछली बार हुआ था। यह काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि हम देख चुके हैं कि वह क्या प्रभाव डाल सकते हैं। उनका रिहैब अच्छा हुआ था और पिछले मैच से पहले उन्हें बिल्कुल भी दर्द नहीं था, इसलिए यह उनके लिए बहुत दुखद है और यह टीम के लिए भी निराशाजनक है कि वह संभवतः शेष टूर्नामेंट नहीं खेल पाएंगे। हम प्रार्थना करेंगे कि वह प्ले-ऑफ़ में खेल सकें, लेकिन वास्तविकता में उनके लिए वापस आकर टूर्नामेंट के अंत में खेल पाना काफ़ी मुश्किल होगा।"
बीते मंगलवार को मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ हुए मैच में मयंक ने लगभग तीन सप्ताह बाद वापसी की थी और फिर 3.1 ओवर फेंकने के बाद उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा था। IPL में इस सीज़न उन्होंने लगातार दो मैचों में सनसनी मचाई थी और फिर पेट की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मैदान से दूर हो गए थे।
MI के ख़िलाफ़ जीत हासिल करने के बाद LSG के कप्तान केएल राहुल ने कहा था, "पिछले मैच में साइड पेन के कारण बाहर थे ना कि साइड स्ट्रेन के चलते। MI के ख़िलाफ़ चौथे ओवर की पहली गेंद फेंकने के बाद भी उसने वही बोला कि थोड़ा दुख रहा है। मैंने कहा कि बाहर चले जाओ और पांच गेंदों के लिए खतरा मत लो। वह युवा है और हमारे लिए काफ़ी अहम है तो हमें उसकी देखभाल करनी होगी।"
MI के ख़िलाफ़ लखनऊ में हुए मैच के बाद देखा गया कि मयंक ने जसप्रीत बुमराह के साथ लंबी बातचीत की थी। अब लैंगर ने उस बातचीत पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि युवा तेज़ गेंदबाज़ों के लिए कितनी मुश्किल होती है।
लैंगर ने कहा, "तेज़ गेंदबाज़ों को लेकर हमेशा लंबी बातचीत होगी। मुझे पता है कि पिछले मैच के बाद उसने बुमराह के साथ बात की थी और उन्होंने भरोसा दिलाया था कि यदि आप तेज़ गेंदबाज़ हैं तो युवा तेज़ गेंदबाज़ के रूप में आपका सफर ऐसा होगा कि आपको चोटों का सामना करना होगा। मेरे अनुभव में हर तेज़ गेंदबाज़ को जब तक कि वह 25-26 साल का नहीं हो जाता उसे अलग-अलग चोटों का सामना करना होगा। यह काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके अंदर काफ़ी क्षमता है।"
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