धोनी : मैंने अभी अपने भविष्य पर कोई निर्णय नहीं लिया है
अपने युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन से ख़ुश हैं धोनी
मुकुंद: धोनी CSK के सफ़र से ख़ुश नहीं हैं इसलिए एक सीज़न और खेलेंगे
IPL 2025 के 57वें मुक़ाबले KKR vs CSK का सटीक विश्लेषण अभिनव मुकुंद के साथइस जुलाई 44 साल का होने जा रहे एमएस धोनी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि IPL 2025 उनका आख़िरी IPL होगा या नहीं।
कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ मिली जीत के बाद धोनी ने कहा, "मैं साल में केवल दो महीने ही खेलता हूं। जब यह IPL ख़त्म होगा, तो मुझे फिर से छह से आठ महीने में कड़ी मेहनत करनी होगी, ताकि मैं देख सकूं कि मेरा शरीर इस तरह का दबाव झेलने के लिए फ़िट है या नहीं। तो अभी मेरे लिए कुछ तय करने जैसा नहीं है, लेकिन जहां भी मैं गया हूं, वहां मुझे प्यार और अपनापन मिला है।"
धोनी अभी सीमित क्षमता के साथ बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। CSK के मुख्य कोच स्टीफ़न फ्लेमिंग ने भी कहा है कि उनके घुटने उन्हें ज़्यादा देर बल्लेबाज़ी करने नहीं देते। बुधवार को, धोनी 13वें ओवर में मैदान पर आए, जब डेवाल्ड ब्रेविस एक आतिशी अर्धशतकीय पारी के बाद आउट हुए। उन्होंने शिवम दुबे का साथ निभाया और आख़िरी ओवर में आंद्रे रसल पर ज़रूरी छक्का लगाकर CSK को जीत दिलाई।
इस लक्ष्य का आधार ब्रेविस और उनकी टीम के नए खिलाड़ी उर्विल पटेल ने रखा, जिन्होंने बुधवार को अपना IPL डेब्यू किया। उर्विल ने पहली ही गेंद पर छक्का जड़ा और फिर अपनी 11 गेंदों की 31 रन की पारी में तीन और छक्के लगाए, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 281.81 रहा।
इसके बाद ब्रेविस ने कमान संभाली और 22 गेंदों में अर्धशतक जड़ दिया, जिसमें उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ वैभव अरोड़ा के ख़िलाफ़ लगातार 6, 4, 4, 6, 6, 4 के हिट्स किए। धोनी ने कहा कि असली मैच की स्थितियां ही युवा खिलाड़ियों के कौशल और मानसिक ताकत को परखने का सबसे अच्छा तरीक़ा हैं। प्लेऑफ़ की दौड़ से बाहर हो चुकी CSK अब अपने बचे हुए कुछ मैचों का इस्तेमाल IPL 2026 की तैयारी में कर रही है।
उन्होंने कहा, "बात यह है कि ये खिलाड़ी अभी हमारे साथ हैं, तो हमें उन्हें परखने का मौक़ा मिला है। आप उन्हें नेट्स में देख सकते हैं, अभ्यास मैचों में देख सकते हैं, लेकिन असली मैच जैसी कोई चीज़ नहीं होती। हम अब टूर्नामेंट से बाहर हैं, तो हमारे पास तीन मैच थे, जहां हम उन्हें मौक़ा दे सकते थे और हमें देखना था कि वे कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
"यह कोई तकनीकी पहलू नहीं है, जिसे हम देखना चाहते हैं। खिलाड़ी का रवैया और मानसिक मज़बूती ही असल मायने रखता है। ज़रूरी नहीं कि सबसे तकनीकी रूप से मज़बूत बल्लेबाज़ ही सबसे ज़्यादा रन बनाए, बल्कि वह जो मैच को ज़्यादा अच्छे से समझता है, जो समझता है कि गेंदबाज़ क्या करने की कोशिश कर रहा है, अगर उसने ऐसा फ़ील्ड लगाया है तो वह क्या गेंद डालेगा, क्या वह धोखा देने वाली गेंद डालेगा, आजकल ये सब चीज़ें बहुत मायने रखती है।"
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