आईपीएल में कोविड होने पर 7 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य
दुनिया भर के दूसरे खेलों के विपरीत आईपीएल ने पुराने नियमों को ही बरकरार रखने का फ़ैसला किया है

एक तरफ़ पिछले वर्ष से ही जहां दुनिया भर की तमाम स्पोर्ट्स अथॉरिटी खिलाड़ियों को कोरोना से संक्रमित होने के बाद भी खेलने की अनुमति दे रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ आईपीएल ने अपनी पुरानी नीति पर ही चलने का निर्णय किया है। 2022 की ही तरह इस बार भी कोरोना से संक्रमित होने पर खिलाड़ियों को टीम से वापस जुड़ने के लिए सात दिवसीय आइसोलेशन से होकर गुज़रना पड़ेगा।
हालांकि यह सीज़न पिछले तीन सीज़न की तरह बायो बबल में नहीं खेला जाएगा लेकिन आईपीएल ने कहा है कि वह सचेत रहना चाहता है और वह कोरोना से संक्रमित होने वाले खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति तब तक नहीं देगा जब तक कि उनकी रिपोर्ट लगातार निगेटिव नहीं आ जाती।
तमाम फ़्रैंचाइज़ी को आईपीएल द्वारा मुहैया कराए चिकित्सीय दिशानिर्देश के अनुसार भले ही भारत में कोरोना के मामले में कमी आई है लेकिन नियमित अंतराल पर चिंता का सबब बनने वाले नए स्ट्रेन से सचेत रहने की ज़रूरत है। संक्रमित होने वाले सदस्यों के लिए कम से कम सात दिन का आइसोलेशन अनिवार्य होगा। आइसोलेशन के दौरान संक्रमित मामलों को मैच या किसी भी तरह की क्रिया या इवेंट में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी।
पांचवें दिन से वे आरटी पीसीआर टेस्ट करवा सकते हैं। पहला रिज़ल्ट निगेटिव आने के बाद दूसरा टेस्ट 24 घंटे बाद किया जाएगा। पांचवें और छठे दिन लगातार दो दिनों तक रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अपने समूह से दोबारा जुड़ पाएंगे।
आईपीएल ने यह स्पष्ट किया है कि कोरोना की जांच उनकी ही की जाएगी जिनमें संक्रमण के लक्षण होंगे। कोई संक्रमित व्यक्ति अगर सात दिन की आइसोलेशन अवधि के बाद भी संक्रमण की चपेट में पाया जाता है तो समूह से वापस जुड़ने के लिए उसे 12 घंटे के अंतराल पर दो निगेटिव टेस्ट दिखाना अनिवार्य होगा।
हालांकि दूसरी ओर दुनिया भर में हुए अन्य क्रिकेट आयोजनों में खिलाड़ियों को काफ़ी ढील दी गई है। पिछले वर्ष अगस्त महीने में तालिया मेक्ग्रा कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद मुक़ाबला खेलने वाली पहली क्रिकेटर बनी थीं। उन्हें संक्रमित होने के बावजूद कॉमनवेल्थ गेम्स के फ़ाइनल में भारत के ख़िलाफ़ खेलने का अवसर मिला था।
इसके कुछ ही महीनों बाद टी20 वर्ल्ड में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैथ्यू वेड को कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई दल में शामिल किया गया था। हालांकि वह मुक़ाबला बारिश की वजह से धुल गया था। जनवरी में ही साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट में टॉस से ठीक पहले मैट रेनशॉ संक्रमित पाए गए थे लेकिन उन्हें मैच खेलने दिया गया।
आईसीसी ने इन टी20 वर्ल्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान खिलाड़ियों को कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद खेलने की अनुमति दे दी लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपनी इस नीति को इस साल भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में जारी रख पाता है या नहीं?
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं।
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