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ध्रुव जुरेल : एक ऐसा इंपैक्‍ट प्‍लेयर जिसे प्रभाव छोड़ने के लिए इंतज़ार करना पड़ा

पांच साल की उम्र में हुआ था एक्‍सीडेंट और आईपीएल खेलने के लिए जारी रखा संघर्ष

The Dhruv Jurel story: 'If you want to be No. 1, you do things differently'

The Dhruv Jurel story: 'If you want to be No. 1, you do things differently'

Jurel talks to ESPNcricinfo about his parents' sacrifices, seeking competition among peers and more

ज‍ब 22 वर्षीय ध्रुव जुरेल अपने पहले आईपीएल मैच में इंपैक्‍ट प्‍लेयर बनकर डेब्‍यू करने जा रहे थे तो उनके सामने कई सवाल होंगे। जैसे - क्‍यों राजस्‍थान रॉयल्‍स ने अंतर्राष्‍ट्रीय खिलाड़ी जेसन होल्‍डर से ऊपर उनको भेजा है।

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रॉयल्‍स को पंजाब किंग्‍स के ख़िलाफ़ उस समय 30 गेंद में 74 रन चाहिए थे और उनके पास केवल तीन टी20 मैचों का अनुभव था। जुरेल ने 15 गेंद में नाबाद 32 रन की बेहतरीन पारी खेली और रॉयल्स लक्ष्य से सिर्फ पांच रन पीछे रह गए । जुरेल की ये एक ऐसी पारी थी जिसका हर शॉट दर्शनीय था। जुरेल के लिए ये आईपीएल के दबाव और तनाव वाले मैचों का पहला अनुभव था, लेकिन वो इन हालात से घबराए नहीं ।

जुरेल ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए कहा, "जब मैं बल्‍लेबाज़ी के लिए गया तो मैं बिल्‍कुल भी घबराया नहीं था क्‍योंकि इस तरह का माहौल मैंने पि‍छले साल बेंच पर बैठकर देखा था। दर्शकों और लोगों की तेज़ आवाज़ और विरोधी टीम की स्‍लेजिंग, सारी हाइप, सभी कुछ। यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण नहीं था। यह मेरा लिए राजस्‍थान में दूसरा साल है और मैं बस एक मौक़ा चाहता था।"

अपनी क्रिकेट यात्रा के हर क़दम पर, जुरेल उस एक मौके के लिए तरसे हैं और अब जाकर उन्हें वो स्वर्णिम मौका मिला। जुरेल ने वर्ष 2018-19 में कूच बिहार ट्रॉफ़ी से शुरुआत की, उन्‍होंने 2019 में अंडर-19 एशिया कप में कप्‍तानी करते हुए भारत को ख़िताब जिताया और अपने छठे ही प्रथम श्रेणी मैच में 249 रन जड़ दिए।

जुरेल की आईपीएल तक की यात्रा सीधी नहीं रही। वह जब पांच साल के थे तो आगरा में बस के टायर में बायां पैर आ गया था और प्‍लास्टिक सर्जरी हुई। क्रिकेट को अपना लक्ष्‍य बनाने से पहले वे कारगिल युद्ध लड़ने वाले अपने पिता की तरह ही सेना में जाना चाहते थे।

उन्‍होंने बताया, "मेरे पिता आर्मी में थे और वे कभी सपोर्ट करते ही नहीं थे कि मैं क्रिकेट खेलूं। वे मुझे सरकारी नौकरी में भेजना चाहते थे। एक दिन वह अख़बार पढ़ रहे थे और अचानक से मुझसे कहा कि एक क्रिकेटर है जिसका तुम्‍हारे जैसा ही नाम है और उसने कई रन बनाए हैं। मैं डर गया और समझ नहीं पाया कि कैसे बताऊं कि वो तो मैं ही हूं। मुझे डर था कि वह मुझे क्रिकेट छोड़ने को ना कह दें।"

जुरेल जानते थे कि क्रिकेट जल्‍दी ही उनका भविष्‍य होगा लेकिन जब 14 साल की उम्र में उन्‍होंने अपने पिता से क्रिकेट किट दिलाने की मांग की तो उन्‍हें पढ़ाई पर ध्‍यान लगाने को कहा गया। तब उनकी मां ने बेटे की इच्‍छा पूरी करने के लिए गहने बेचे थे।

जुरेल बताते हैं, "मैंने अपने पिता से कश्‍मीरी विलो वाला बल्‍ला लाने के लिए कहा, जो 1500-2000 रूपये का था। वो भी महंगा था लेकिन मेरे पिता वो बल्ला लाए। लेकिन जब बात पूरी किट की आती है तो वह बहुत महंगी थी।"

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"मैंने खु़द को बाथरूम में बंद कर लिया था और बोला था कि अगर उन्‍होंने क्रिकेट किट नहीं दिलाई तो वह घर से भाग जाएंगे। इसे देखकर मेरी मां बहुत भावुक हो गई थी और उन्‍होंने मेरे पिता को सोने की चेन दी और कहा कि इसे बेचकर किट दिला दो। उस समय मैं बहुत उत्‍साहित था लेकिन जब मैं वयस्‍क हुआ तो समझ आया कि वह त्‍याग कितना बड़ा था।"

जुरेल जल्‍द एज-ग्रुप क्रिकेट में आगरा में बढ़ रहे थे लेकिन वहां सुधार का कम स्‍कोप था। इसके बाद वह नोएडा चले गए और फूलचंद शर्मा के वंडर्स क्रिकेट क्‍लब को ज्‍वाइन कर लिया। वह शुरुआत में नोएडा और आगरा के बीच यात्रा करते थे लेकिन बाद में अपनी मां के साथ नोएडा में ही बस गए।

2015 से 2017 के बीच दो साल तक का ऐसा समय था, जब जुरेल ने कोई प्रतिस्‍पर्धी क्रिकेट नहीं खेला। तब 2017 में यूपीसीए का वैभव मैमोरियल टूर्नामेंट हुआ, जिसे उन्‍होंने जिंदगी बदल देने वाला बताया। 16 वर्षीय जुरेल को चयनकर्ता देख रहे थे और फ़ाइनल में उन्‍होंने 38 गेंद में 87 रन बनाकर अपनी टीम को ख़िताब जीता दिया।

जुरेल हंसते हुए बताते हैं, "वैभव मैमोरियल की वह पारी मेरे लिए जिंदगी बदल देने वाली थी। मुझे मैच नहीं मिल रहे थे, तब फ़ाइनल में मुझे ऊपर भेजा गया। इसके बाद ही मैं राज्‍य के लिए खेला और वापसी कर पाया।"

जुरेल 2020 के अंडर 19 विश्‍व कप में उप कप्‍तान थे जहां भारत उप विजेता रहा था। लेकिन इसके बाद तुरंत कोविड-19 आ गया और क्रिकेट पीछे रह गया। जुरेल 2020 आइपीएल नीलामी में शामिल नहीं थे, जहां उनके अंडर-19 टीम के साथी यशस्‍वी जायसवाल, रवि बिश्‍नोई और कार्तिक त्‍यागी बड़ी रकम में बिके थे और 2021 की नीलामी में वह बिके नहीं थे।

क्‍या इससे जुरेल परेशान हुए? हो सकता है। लेकिन उन्‍होंने अधिक फ़िट होने के लिए घर में जिम लगाया, उन पैसों से जो उन्‍हें अंडर-19 विश्‍व कप से मिले। वर्ष 2022 में जुरेल को राजस्‍थान ने उनके बेस प्राइज में ख़रीद लिया। जुरेल, विकेटकीपर बल्‍लेबाज़ एबी डीविलियर्स के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और एमएस धोनी और विराट कोहली को बहुत मानते हैं।

जुरेल ने कहा, "जब मैं उनसे पहली बार मिला तो यह सपने के पूरे होने जैसा था। मैंने उनसे बात तो नहीं कि लेकिन फोटो खिंचाई, लेकिन वह लम्‍हा बहुत ख़ास था, क्‍योंकि मैं बचपन से उन्‍हें खेलते देख रहा था और अब वह मेरे बगल में खड़े थे।"

अब जब डेब्‍यू मैच हो गया है तो जुरेल के लिए अगला क्‍या है ? उन्‍होंने कहा, "मैं हर दिन के हिसाब से चल रहा हूं, जब भी मैं अधिक सोचता हूं तो तनाव में आ जाता हूं। मैं सही चीज़ करना चाहता हूं और अपना बेसिक मज़बूत रखना चाहता हूं।"

Dhruv JurelIndiaPBKS vs RRIndian Premier League

निखिल शर्मा ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।