इशान किशन : मेरा लाल गेंद का क्रिकेट अधिक परिपक्व है
पंत की जगह ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारतीय दल में चुने गए झारखंड के बल्लेबाज़ मिले मौक़े को भुनाना चाहते हैं

पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में चुने गए झारखंड के बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज़ इशान किशन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ आगामी टेस्ट सीरीज़ को लेकर उत्साहित हैं। टी20 और वनडे डेब्यू के समय पहली ही गेंद पर बाउंड्री लगाने वाले इशान अलग तरह से अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत करना चाहते हैं। सफ़ेद गेंद क्रिकेट के एक आक्रामक बल्लेबाज़ से अलग इशान एक मंझे हुए नंबर छह के बल्लेबाज़ की तरह अपने करियर की शुरुआत करना चाहते हैं।
बीसीसीआई टीवी पर उन्होंने शुभमन गिल से बातचीत में कहा, "घरेलू क्रिकेट में लाल गेंद क्रिकेट में जहां मैं छह नंबर पर बल्लेबाज़ी करता हूं वहां पर हालात का जायज़ा लेना बहुत अहम होता है। अगर हम अच्छी स्थिति में नहीं हैं और मैं पिच पर जाकर टशन में कोई ग़लत शॉट खेल देता हूं, तो इसमें टीम का ही नुक़सान होगा। अभी खेलकर इतना अनुभव आ गया है कि छक्के-चौके से ज़्यादा गेम को कैसे परखना है उस पर ध्यान देना अधिक ज़रूरी है। अगर गेंद होगी मारने वाली और क्षेत्ररक्षक ऊपर होंगे तो मैं कोशिश करूंगा कि बाउंड्री निकाल लूंं, लेकिन अगर अच्छी गेंदबाज़ी होगी तो मैं बिल्कुल सम्मान करूंगा।"
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इशान ने 48 मैच खेलते हुए 38.76 की औसत से 2985 रन बनाए हैं, जिसमें उन्होंने छह शतक और 16 अर्धशतक लगाए हैं।
अपने लाल गेंद के क्रिकेट को क़रीब से समझते हुए उन्होंने कहा, "सफे़द गेंद में अगर आप नंबर छह पर जाते हो तो इतना गेंद स्विंग नहीं होती है, लेकिन लाल गेंद तो लगातार स्विंग होती है, हालात बदलते रहते हैं, वहां पर आपको दिमाग़ लगाना तो बेहद ज़रूरी है, वहां पर युवा वाला खेल नहीं खेल सकते हैं। यही मैं सोचकर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अगर मौक़ा मिलता है तो मैदान में उतरूंगा।"
पहली बार टेस्ट टीम में चुने जाने को लेकर भी वह बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने खु़द अपने परिवार को टेस्ट में चुने जाने की जानकारी दी थी।
इशान ने कहा, "बहुत अच्छा लग रहा है। जब मैं सफे़द गेंद से खेल रहा था तो पापा भी कहते थे कि टेस्ट क्रिकेट असल क्रिकेट होता है, जहां पर आपका असल टेस्ट होता है। जब टेस्ट का मुझे पता चला तो मुझे बहुत अच्छा लगा। असल खेल तो टेस्ट क्रिकेट ही है, वहां पर इतने अच्छे वरिष्ठ खिलाड़ी हैं, उनके साथ खेलकर अच्छा लगेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने ही घर पर बताया था कि मेरा टेस्ट में चयन हो गया है। उन्होंने बोला बस ऐसे ही मेहनत करना है। लाल क्रिकेट में मुझे बहुत मज़ा आता है। गेंद स्विंग हो रही होती है, थोड़ी स्लेजिंग भी हो रही होती है। आपके पास समय होता है, रन बनाने का दबाव नहीं होता है। समय कभी आपके हक़ में होता है तो कभी आपसे दूर होता है। मुझे रणजी ट्रॉफ़ी में भी बहुत मज़ा आता है।"
इशान को कार एक्सिडेंट में चोटिल हुए ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपर के तौर पर टीम में चुना गया है। वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत के लिए बाएं हाथ के एक अहम बल्लेबाज़ साबित हो सकते हैं, जो अपने आक्रामक खेल से पंत की तरह कभी भी एक सत्र में खेल बदल सकते हैं।
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