रूट ने इंग्लैंड की टेस्ट कप्तानी से दिया इस्तीफ़ा
ऐशेज़ और वेस्टइंडीज़ दौरे पर हार से आलोचनाओं से घिरे थे इंग्लैंड के कप्तान

जो रूट ने तुरंत प्रभाव से इंग्लैंड के टेस्ट कप्तानी पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
रूट पांच सालों तक इस पद पर बने रहे। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 64 टेस्ट में कप्तानी करते हुए सबसे ज़्यादा 27 जीते और 26 हारे। लेकिन उनकी टीम पिछले 17 मैचों में केवल एक ही मैच जीत पाई थी और इससे उनके पद पर बादल मंडराने लगे थे।
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ ग्रेनेडा में अपने सबसे हालिया टेस्ट में इंग्लैंड की हार के बाद रूट ने जोर देकर कहा कि वह "इस समय को आगे ले जाने के लिए बहुत जुनूनी" बने रहे और उनकी टीम ने "बड़े सुधार" किए और उस सीरीज में 0-1 की हार के बाद कुछ शानदार क्रिकेट खेला ।
लेकिन पब्लिक की राय कुछ और थी, जहां उनके साथ खेले कई पूर्व खिलाड़ियों ने खुलेआम उनसे कप्तानी से हटने को कहा। उनसे पहले कप्तान रहे ऐलिस्टेयर कुक ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी अथक सकारात्मकता ने उन्हें "भ्रमित" होने का जोख़िम दिया। वापस पत्नी और बच्चों के पास लौटने के बाद रूट का दिमाग बदला और उन्होंने इस्तीफ़ा देने का निर्णय कर लिया।
रूट ने कहा, "वेस्टइंडीज़ के दौरे से लौटने के बाद और सोचने के बाद मैंने इंग्लैंड की टेस्ट कप्तानी पद से इस्तीफ़ा देने का निर्णय लिया है। यह मेरे करियर के सबसे मुश्किल फ़ैसलों में से एक है, लेकिन मैंने यह अपने परिवार और नज़दीकी लोगों से बात करने के बाद लिया है, मुझे पता है यही सही समय है।"
उन्होंने कहा, "मुझे अपने देश की कप्तानी करने पर गर्व है और जब भी मैं पिछले पांच सालों के बारे में सोचूंगा तो मुझे गर्व होगा। इस पद पर रहना सम्मान की बात है। देश का नेतृत्व करते हुए मुझे बहुत मज़ा आया लेकिन हाल में जिस तरह का दबाव मुझ पर आया, इसने मैच में ही नहीं उससे बाहर भी मुझे पर असर डाला है।"
रूट ने पुष्टि की कि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे और कहा कि वह आगे भी अच्छा प्रदर्शन करके टीम की जीत में योगदान देने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने आगे कहा, "मैं आगामी कप्तान, मेरे साथियों और कोच की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहूंगा।"
रूट के उप कप्तान बेन स्टोक्स ही अब कप्तान बनने के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। रॉरी बर्न्स, स्टुअर्ट ब्रॉड और जॉस बटलर भी इस पद के दावेदारों में से एक हैं।
रूट का इस्तीफ़ा उस वक्त आया जब इंग्लैंड टीम की ऐशेज़ और वेस्टइंडीज़ में हार के बाद आलोचना हुई थी, जहां कहा गया कि इस पुरुष टीम का ना कोई मैनेजिंग डायरेक्टर है, ना कोई प्रमुख कोच है, ना कोई चयनकर्ता और ना कोई टेस्ट कप्तान है।
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख टॉम हैरिसन ने कहा, अपने कार्यकाल के दौरान रूट एक रोल मॉडल रहे हैं, उन्होंने कप्तानी में एक संतुलन पैदा किया जिससे उन्होंने अपने निज़ी प्रदर्शन में भी अच्छा करने में मदद मिली।"
उन्होंने आगे कहा, "रूट की नेतृत्वकर्ता की क्षमता कमाल की थी। उन्होंने कई मुश्किल समय में टीम का नेतृत्व किया। महामारी के दौरान उन्होंने पूरी दुनिया में जाकर क्रिकेट खेला। मैं जानता हूं रूट ने हर किसी की बहुत मदद की है। उन्होंने कप्तान के तौर पर एक उदारण पेश किया है।"
"मैदान से बाहर भी रूट में कोई बदलाव नहीं दिखा। उनके साथ काम करना सम्मान की बात रही है। मैं जानता हूं वह इंग्लैंड क्रिकेट को आगे बढ़ाने में काम करते रहेंगे और अपने अनुभव से टीम को आगे बढ़ाएंगे।"
कुक के इस्तीफ़े के बाद रूट 2017 में कप्तान बने थे। उनके कप्तानी करियर की प्रमुख सफलता 2018 में घर में भारत के ख़िलाफ़ और 2019-20 में घर से बाहर साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सीरीज़ जीत रही। वहीं ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 0-4 की हार, घर में न्यूज़ीलैंड और भारत के ख़िलाफ़ उनकी हार उनके करियर के कुछ ख़राब पल रहे।
कप्तानी ने उनकी बल्लेबाज़ी पर प्रभाव डाला लेकिन 2021 में वह इससे बाहर निकल आए। उन्होंने पिछले साल एक साल में 1708 रन बनाए और वह एक कैलेंडर ईयर में इंग्लैंड के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर आ गए। यह आंकड़े तब और भी प्रभावित करते हैं क्योंकि उनके साथी खिलाड़ी तब फ़ॉर्म में नहीं थे।
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.