जोगिंदर शर्मा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की
पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने कहा, "मैं क्रिकेट की दुनिया और इसके व्यापारिक पक्ष में नए अवसरों की तलाश करूंगा।"

पूर्व भारतीय खिलाड़ी जोगिंदर शर्मा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है। मध्यम गति के तेज़ गेंदबाज़ जोगिंदर ने 2007 टी20 विश्व कप में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने 2004 और 2007 के बीच भारत के लिए चार वनडे और इतने ही टी20 खेले और कुल पांच विकेट लिए। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टी20 विश्व कप फ़ाइनल के निर्णायक पलों में जोगिंदर को तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी ने अंतिम ओवर फेंकने के लिए आश्चर्यजनक विकल्प के रूप में चुना था। पाकिस्तान को जब चार गेंदों में छह रनों की ज़रूरत थी और आख़िरी जोड़ी मैदान पर थी, उन्हें मिस्बाह उल हक़ ने स्कूप किया और शॉर्ट फ़ाइन लेग पर खड़े एस श्रीसंत ने कैच लपक लिया। यह पल भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे सुनहरे पलों में से एक है।
उन्होंने एक बयान में कहा, "2002 से 2017 के बीच की मेरी यात्रा मेरे जीवन का सबसे शानदार वर्ष रहा है, क्योंकि खेल के उच्चतम स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। मैं अपने टीम के साथियों, कोचों, मेंटर्स और सपोर्ट स्टाफ़ से कहना चाहता हूं कि आप सभी के साथ खेलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और मेरे सपने को हकीक़त में बदलने में मदद करने के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं।"
जोगिंदर आईपीएल के पहले चार सीज़न में चेन्नई सुपर किंग्स का भी हिस्सा रहे, जहां उन्होंने 16 मैचों में 12 विकेट लिए। अपनी घरेलू टीम हरियाणा के लिए उन्होंने 49 प्रथम श्रेणी, 39 लिस्ट ए और 43 टी20 मैच खेले। उन्होंने आख़िरी बार 2017 में विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में हरियाणा के लिए प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेला था।
अपने खेल करियर के बाद उन्होंने हरियाणा के हिसार ज़िले के एसपी के रूम में काम किया और कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में फ़्रंट लाइन पर खड़े थे।
2022 में वह लेजेंड्स लीग क्रिकेट का हिस्सा थे। अपने बयान में उन्होंने कहा कि वह इस खेल से जुड़े रहेंगे।
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