विराट कोहली बनाम सचिन तेंदुलकर : कुछ अलग, कुछ जुदा, लेकिन काफ़ी हद तक एक जैसे सूरमा
कोहली ने तेंदुलकर के 49 वनडे शतकों की बराबरी 174 कम पारियों में ज़रूर की, लेकिन उनके तुलनात्मक आंकड़े क्या कहानी बयां करते हैं?

विराट कोहली ने सचिन तेंदुलकर के 49 वनडे शतकों की बराबरी की है और यह सफ़र काफ़ी जल्दी तय कर लिया है। जहां तेंदुलकर को यह करने के लिए 23 साल लगे थे, कोहली ने यह कारनामा केवल 15 साल में कर दिखाया है।
कोहली ने औसतन हर 5.65 पारी में शतक जमाया है, जबकि तेंदुलकर को हर शतकीय पारी के लिए औसतन 9.22 पारियां लगती थीं। यह फ़र्क़ काफ़ी बड़ा लगता है, लेकिन अपने समकालीन खिलाड़ियों की तुलना में दोनों खिलाड़ियों के आंकड़े काफ़ी एक जैसे हैं।
तेंदुलकर ने 463 वनडे मैच खेले और इस दौरान कुल 237 शतक लगाए गए थे, जिसका मतलब है कि लगभग हर 1.96 मैच में एक शतक लगाया गया था। कोहली के खेले गए 289 मैचों में 229 शतक लगाए गए थे, जो हर 1.26 मैच में एक शतक में परिवर्तित होता है। तेंदुलकर के समय भारत के बल्लेबाज़ों ने 131 शतक और यह आंकड़ा कोहली के समय में 137 का रहा है।
चेज़ में कोहली हैं अव्वल
वनडे मैच में चेज़ करते हुए कोहली के नाम 27 शतक हैं, जिनमें से 23 शतक के चलते भारत मैच जीता। तेंदुलकर ने दूसरी पारी में 17 शतक बनाए थे और केवल तीन ही शतक हार के दौरान आए थे। हालांकि पहले बल्लेबाज़ी करते हुए तेंदुलकर (32) ने कोहली (22) से ज़्यादा शतक जड़े हैं।
दोनों खिलाड़ियों के शतकों के असर में पिछले 15 वर्षों में भारत के जीत प्रतिशत में बढ़ोतरी का प्रभाव साफ़ दिखता है। तेंदुलकर के टीम में रहते हुए भारत ने 50.54% मैच जीते, लेकिन यह आंकड़ा कोहली के XI में रहते हुए 61.46 तक चला गया है। इसके चलते तेंदुलकर के 49 शतकों में केवल 33 शतकों से भारत को जीत मिली, जबकि कोहली के केस में ऐसा 41 बार हुआ है।
उन्होंने अपने अधिकतर शतक कहां लगाएं हैं?
तेंदुलकर ने 20 शतक भारत में मारे जबकि कोहली ने ऐसा 23 अवसरों पर किया है। हालांकि अवे वेन्यू पर कोहली ने 21 शतक जड़े हैं और तेंदुलकर ने केवल 12 शतक। इसका मुख्य कारण यह है कि हालिया सालों में वनडे टूर्नामेंट कम खेले गए हैं, ख़ास कर न्यूट्रल वेन्यू पर। कोहली को पहले 10 फ़ुल सदस्य देशों के बाहर कहीं खेलने का मौक़ा नहीं मिला है।
कोहली के दो-तिहाई वनडे मुक़ाबले द्विपक्षीय सीरीज़ में खेले गए हैं, जो तेंदुलकर के लिए लगभग 40% है। कोहली ने नौ देशों में क्रिकेट खेला है और हर देश में कम से कम एक शतक मारा है। तेंदुलकर ने कुल 16 देशों में क्रिकेट खेला और इनमें से 12 देशों में शतक जड़ा है।
हालांकि दोनों के शतक जड़ने वाले कुल वेन्यू में समानता है - तेंदुलकर ने 34 वेन्यू पर कम से कम एक शतक लगाया है और कोहली ने ऐसा 32 वेन्यू पर किया।
बड़ी टीमों के विरुद्ध बड़ी पारी
तेंदुलकर ने 11 अलग टीमों के ख़िलाफ़ शतक बनाए। उनके 44 शतक फ़ुल सदस्य टीमों के ख़िलाफ़ आए। उन्होंने पांच शतक एसोसिएट देशों के विरुद्ध भी लगाए - केन्या के विरुद्ध चार और नामीबिया के ख़िलाफ़ एक।
कोहली ने एसोसिएट देशों के साथ केवल छह मैच खेले हैं और उनमें कभी भी 100 का स्कोर हासिल नहीं किया। इसका मतलब यह कि उनके सारे शतक फ़ुल सदस्य के विरुद्ध ही आएं हैं।
तेंदुलकर ने छह टीमों के विरुद्ध पांच या उससे अधिक शतक लगाएं हैं। किसी एक टीम जिनके ख़िलाफ़ उन्होंने सबसे ज़्यादा शतक जड़े हैं, वो है ऑस्ट्रेलिया (नौ शतक)। वहीं कोहली ने श्रीलंका के विरुद्ध 10 शतक जड़े हैं, जो एक विश्व रिकॉर्ड है। उन्होंने भी छह टीमों के ख़िलाफ़ पांच या उससे ज़्यादा सैकड़े मारे हैं।
जब वह शतक बनाते हैं तो और खिलाड़ी कैसा करते हैं?
तेंदुलकर ने 32 ऐसे शतक जड़े जब वह मैच के इकलौते शतकवीर थे, जबकि ऐसा कोहली के साथ 21 बार हुआ। तेंदुलकर के साथ किसी भारतीय साथी ने एक ही पारी में केवल नौ बार शतक लगाए, जबकि कोहली के साथ ऐसा 13 बार हो चुका है।
इसके अलावा ऐसा नौ बार हुआ है कि तेंदुलकर ने शतक बनाया है और किसी और भारतीय बल्लेबाज़ ने अर्धशतक भी नहीं बनाया हो, जबकि ऐसा कोहली के साथ आठ बार हुआ। हालांकि इन नौ शतकों में केवल पांच बार तेंदुलकर पूरी हुई पारी में शतक के पार गए, जबकि ऐसा कोहली के साथ आठ बार हुआ है। जब भारत बोल्ड आउट हो गया है, तब तेंदुलकर और कोहली दोनों ने छह शतक मारे हैं।
संपत बंडारुपल्ली ESPNcricinfo सांख्यिकीविद हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।
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