मलिंगा का टी20 क्रिकेट से भी संन्यास
टी20 अंतर्राष्ट्रीय में वह सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे

टी20 क्रिकेट के दिग्गज गेंदबाज़ों में से एक लसिथ मलिंगा ने मंगलवार को इस प्रारूप से भी संन्यास की आधिकारिक घोषणा कर दी। जब मलिंगा को श्रीलंका की टीम में नहीं चुना जा रहा था तो लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो गया है। इसी के साथ उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) समेत काफ़ी टी20 टूर्नामेंटों में फ़्रेंचाइज़ियों की ओर से खेलना भी बंद कर दिया था। लेकिन अगर उनके प्रशंसक एक फ़ेयरवेल मैच की उम्मीद कर रहे थे तो अब ऐसा नहीं हो सकेगा। मलिंगा ने अपने संन्यास की घोषणा अपने नए यूट्यूब चैनल पर की, जहां वह पिछले कुछ सप्ताह से श्रीलंका के सीमित ओवर क्रिकेट पर टिप्पणी कर रहे थे। मलिंगा ने कहा, "आज मैंने फ़ैसला किया है कि मैं अपने टी20 गेंदबाज़ी जूतों को पूरी तरह से आराम दे दूंगा। मैं हर किसी का धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया और मेरे टी20 सफ़र पर मुझे दुआएं दी।"
मलिंगा ने साथ ही अधिकारियों, सभी बड़ी टीम में उनके साथ खेले साथियों को भी धन्यवाद कहा, जिसमें मुंबई इंडियंस, मेलबर्न स्टार्स और कई दूसरी बड़ी टीमें शामिल रही।
अपने ख़ास तौर के एक्शन की वजह से जाने जाने वाले मलिंगा ने अपने टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में 83 मैचों में 7.42 की इकॉनमी से 107 विकेट लिए। उनकी तेज़तर्रार स्विंग यॉर्कर उनके टी20 करियर में उनका महत्वपूर्ण हथियार रही। उन्होंने बाद में स्लो गेंद को भी इज़ाद किया, साथ ही स्लो बाउंसर भी। वह डेथ ओवरों में वाइड यॉर्कर करने वाले पहले गेंदबाज़ भी थे, यह रणनीति अब ज़्यादातर गेंदबाज़ों के द्वारा इस्तेमाल की जाती है।
वह पिछले दशक में श्रीलंका टीम की टी20 क्रिकेट में सफ़लता में महत्वपूर्ण हिस्सा रहे। वह 2009 और 2012 टी20 विश्व कप में श्रीलंकाई आक्रमण के अगुवा रहे, जहां श्रीलंका फ़ाइनल में पहुंची और उनकी कप्तानी में ही टीम ने 2014 टी20 विश्व कप जीता था।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में धमाल मचाने के साथ ही वह फ़्रेंचाइज़ी टूर्नामेंट में भी बेहद प्रसिद्ध गेंदबाज़ रहे। आईपीएल में उनके नाम सबसे ज़्यादा 170 विकेट हैं और 16.62 से कम का स्ट्राइक रेट, जो टूर्नामेंट में 90 विकेट से ज़्यादा लेने वाले गेंदबाज़ों में सबसे बेहतरीन है। आईपीएल में कहा जाए तो डेथ ओवरों में उनसे ज़्यादा बेहतरीन गेंदबाज़ी किसी दूसरे गेंदबाज़ ने नहीं की।
यहां तक की वह अपने बचपन में कभी लेदर की गेंद से क्रिकेट नहीं खेले। मलिंगा को श्रीलंका के तेज़ गेंदबाज़ी कोच रहे अनुशा समरनायके और चंपका रामानायका ने ढूंढा था। वही उनको घरेलू क्रिकेट सिस्टम में लेकर आए और उनको तैयार किया। उन्होंने अपना अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण 2004 में किया था और जल्द ही वह श्रीलंका की टीमों के स्थायी सदस्य बन गए। हालांकि, वह अपने करियर में लगातार घुटने और एड़ी की चोटों से परेशान रहे हैं। 2010 में उन्होंने सीमित ओवर क्रिकेट पर ध्यान लगाने के कारण टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
मलिंगा ने अपना आख़िरी अंतर्राष्ट्रीय मैच मार्च 2020 में खेला था और उन्होंने 38 साल की उम्र में संन्यास लिया।
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है। @nikss26
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