भारत में महिला क्रिकेट के अग्रदूत माने जाने वाले महेंद्र कुमार शर्मा का निधन
1973 में उन्होंने लखनऊ में भारतीय महिला क्रिकेट संघ को पंजीकृत किया था
भारत में महिला क्रिकेट के अग्रदूतों में से एक महेंद्र कुमार शर्मा का मंगलवार (8 नवंबर) को पुणे में निधन हो गया। उनकी आयु 80 से अधिक थी और वह कुछ समय से बीमार थे।
वह एक समृद्ध खेल विरासत को पीछे छोड़कर जा रहे हैं। 1973 में उन्होंने लखनऊ में सोसायटी अधिनियम के तहत भारतीय महिला क्रिकेट संघ (डब्ल्यूसीएआई) को पंजीकृत किया था।
2006 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के महिला क्रिकेट की कमान संभालने से पहले तक डब्ल्यूसीएआई 32 वर्षों तक अस्तित्व में था।
शर्मा प्रथम पांच वर्षों तक डब्ल्यूसीएआई के संस्थापक सचिव थे और 1978 में भारत के अपने पहले महिला विश्व कप की मेज़बानी के प्रभारी थे। यह ऐसा समय था जब संघ काफी हद तक व्यक्तियों और सरकार से मिले दान पर निर्भर था।
अपने अस्तित्व के दौरान, डब्ल्यूसीएआई ने दो महिला विश्व कपों की मेज़बानी की। इसमें 1997 का सफल संस्करण भी शामिल था जहां इंग्लैंड ने ईडन गार्डन्स में लगभग 80,000 प्रशंसकों के सामने फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना किया था।
भारत की पूर्व महिला ऑलराउंडर शुभांगी कुलकर्णी ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "शर्मा जी ने देश में महिला क्रिकेट की आधारशिला रखी। डब्ल्यूसीएआई की स्थापना और अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद के साथ-साथ भारत सरकार से मान्यता प्राप्त करने के उनके प्रयास उस समय बहुत बड़े थे।"
शुभांगी ने आगे कहा, "उन्होंने सुनिश्चित किया कि खिलाड़ियों को उस समय आवश्यक प्रचार मिले। महिला क्रिकेट के लिए उनका जुनून और दृष्टि ऐसे समय में बेजोड़ था, जब कोई पैसा नहीं था। इसकी शुरुआत 1973 में भारत में पहली बार महिलाओं के तीन टीम वाले राष्ट्रीय टूर्नामेंट के रूप में हुई थी। फिर यह छह, आठ और 14 टीमों तक बढ़ गया। वहां से शुरू करना और फिर विश्व कप लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना काफ़ी बड़ी उपलब्धि थी।"
उनकी देखरेख में, भारतीय महिला टीम ने 1976 में बेंगलुरु में अपना पहला टेस्ट मैच भी खेला था।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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