आर अश्विन के फ़ैन मानव सुथार अपनी निरंतरता से भारतीय टीम में शामिल होने की राह पर
22 वर्षीय युवा स्पिनर ने घरेलू प्रदर्शन में अपने शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट के पंडितों को काफ़ी प्रभावित किया है
Manav Suthar: 'Ashwin is my bowling idol, Yuvraj my all-time favourite'
Allrounder Manav Suthar on his cricketing journey and Duleep Trophy call-upराजस्थान का एक छोटा सा शहर, श्री गंगानगर। लैला मजनू की मज़ार, कीनू और गेंहूं का भरपूर उत्पादन इस शहर को हमेशा से विशेष बनाता आया है। मज़ार पर लगने वाले मेले ने तो इस शहर को एक अलग ख्याति दी है लेकिन हालिया कुछ वर्षों में इस शहर को एक युवा क्रिकेट के दिवाने ने थोड़ी और प्रसिद्धी दी है - मानव सुथार।
बाएं हाथ के क्लासिकल एक्शन वाले स्पिन गेंदबाज़ की सटीकता, निरंतरता और मुश्किल परिस्थितियों में भी शानदार गेंदबाज़ी करने वाले इस 22 वर्षीय युवा को विशेष बनाता है। सुथार ने हालिया कुछ वर्षों में घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट के पंडितों और फ़ैस का ध्यान काफ़ी आकर्षित किया है और भविष्य में भारतीय टीम में शामिल होने वाले स्पिनरों की फ़ेहरिश्त में सबसे ऊपर हैं।
पिछले साल जुलाई में सुथार ने एमर्जिंग एशिया कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उस टूर्नामेंट में उन्होंने भारत की तरफ़ से सबसे अधिक विकेट झटके थे। इसके बाद वह इंडिया ए टीम के साथ साउथ अफ़्रीका दौरे पर भी गए थे। इस साल की शुरुआत में उन्होंने इंडिया ए की तरफ़ से खेलते हुए, इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ अपनी बल्लेबाज़ी से भी काफ़ी प्रभावित किया था।
उस मैच में 490 रनों का पीछा करते हुए, इंडिया ए की टीम ने 220 के स्कोर पर ही पांच विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद सुथार ने केएस भरत के साथ 207 रनों की बेहतरीन साझेदारी की और 254 गेंदों में 89 रनों की जुझारू पारी खेली। उनकी इस पारी ने न सिर्फ़ भारत ए को हार से बचाया, बल्कि सुथार की पारी ने भारत ए को लक्ष्य के काफ़ी क़रीब पहुंचा दिया था।
दलीप ट्रॉफ़ी के दौरान सुथार के हालिया प्रदर्शन ने एक बार फिर से प्रशंसकों और चयनकर्ताओं का ध्यान बटोरा है। इंडिया सी की तरफ़ से खेलते हुए उन्होंने चौथे दिन 59 रन देकर 7 विकेट हासिल किए और आठवें स्थान पर बल्लेबाज़ी करते हुए महत्वपूर्ण 19 रन भी बनाए, जिसने उनकी टीम की जीत में एक अहम भूमिका निभाई। इस टूर्नामेंट में सुथार की सफलता का राज उनके तैयारियों में छुपा हुआ है। जून की महीने में वह अपने गृहनगर की तपतपाती गर्मी (50 डिग्री) में अभ्यास कर रहे थे। उसी दौरान उन्हें इंडिया सीमेंट्स की तरफ़ से कॉल आया कि वह उनकी टीम की तरफ़ से खेलें।
सुथार कहते हैं, "इंडिया सीमेंट्स की तरफ़ से मुझे कॉल आया था और उन्होंने मुझे चेन्नई में फर्स्ट डिविज़न लीग (ग्रांडस्लैम क्रिकेट क्लब) खेलने के लिए पूछा। इस लीग के बारे में मैंने पहले काफ़ी सुना था और यह मेरे लिए पहला मौक़ा था। मैंने वहां अपने डेब्यू मैच में ही आठ विकेट लिए और 42 रन बनाए। स्पिनरों के लिए यह अभ्यास का बेहतरीन मौक़ा है। वहां मेरी टीम में शाहरूख़ भाई भी थे, जो गुजरात टाइटंस में मेरे टीम मेट भी हैं। दलीप ट्रॉफ़ी खेलने से पहले मैंने वहां पांच मैच खेले।"
चेन्नई के साथ सुथार का कनेक्शन यहीं ख़त्म नहीं होता है। आर अश्विन सुथार के सबसे पसंदीदा गेंदबाज़ और प्रेरणा के श्रोत भी हैं। सुथार अश्विन के बारे में कहते हैं, "उनकी मुझे हर एक चीज़ पसंद है। वह जिस तरह से क्रीज़ का उपयोग करते हैं और मुश्किल से मुश्किल पिचों पर जिस तरह की गेंदबाज़ी करते हैं, वह मुझे बहुत पसंद है। जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब मैं युवराज सिंह की तरह बनना चाहता था। वह मेरे ऑल टाइम फ़ेवरिट हैं लेकिन गेंदबाज़ के तौर पर मुझे अश्विन भैया काफ़ी पसंद है।"
सुथार ने अपने अंडर 16 और अंडर 19 डेब्यू मैच में पांच-पांच विकेट लिए थे। राजस्थान के रणजी ट्रॉफ़ी विजेता खिलाड़ी विनीत सक्सेना की नज़र उन पर सबसे पहले पड़ी थी। 2022 में एक प्री-सीज़न कैंप के दौरान विनीत उनसे काफ़ी प्रभावित हुए थे। विनीत ने देखा था कि कैसे सुथार मुंबई के धुरंधर बल्लेबाज़ों के एक T20 अभ्यास मैच में परेशान कर रहे हैं।
सुथार कहते हैं, " मैंने उस दौरान तीन मैच खेले थे और तीनों मैचों में तीन-तीन विकेट लिए थे। उन मैचों में सरफ़राज़ ख़ान, यशस्वी जायसवाल, शिवम दुबे सहित कई अन्य खिलाड़ी शामिल हुए थे। मुंबई के ख़िलाफ़ मैंने दो मैच खेले थे और दोनों में मैंने शिवम भैया को आउट किया था। साथ ही सरफ़राज़ को भी एक मैच में मैंने आउट किया था। विनीत सर ने मुझे वहीं देखा था।
विनीत को सुथार की बाएं हाथ की क्लासिक्ल एक्शन वाली स्पिन गेंदबाज़ी काफ़ी पसंद आई। उन मैचों में सुथार ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, उसी के कारण सुथार को राजस्थान के लिए सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ डेब्यू करने का मौक़ा भी मिला।
उसी मैच में वेंकटेश अय्यर ने 31 गेंदों में 62 रनों की आतिशी पारी खेली थी लेकिन विनीत के अनुसार सुथार ही एकमात्र ऐसे गेंदबाज़ थे, जिन्होंने वेंकटेश को रोकने का काफ़ी अच्छा प्रयास किया था।
मेरे पिता ने मेरा भरपूर साथ दिया है। जब सब लोग कहते थे कि क्रिकेट में कुछ नहीं रखा है, पढ़ाई पर ध्यान दो, तो मेरे पिता मुझे क्रिकेट खेलने के लिए उत्साहित करते थे। वह हमेशा कहते थे कि बाक़ी के लोग क्या कह रहे है, यह भूल जाओ। तुम बस अपने खेल पर ध्यान दो और उसका आनंद लो। इसके बाद जो होगा, देखा जाएगा।मानव सुथार
विनीत कहते हैं, "शायद उसने वेंकी [वेंकटेश अय्यर] को आठ गेंदें डालीं और केवल प्रति गेंद एक रन दिया। वेंकी बाक़ी गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ काफ़ी आसानी से बड़े शॉट्स लगा रहे थे, लेकिन सुथार ने उन्हें रोके रखा। सुथार का सबसे बड़ा गुण है कि वह गुणवत्तापूर्ण बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ अपनी पकड़ बनाए रखने का आत्मविश्वास रखता है। वह अप्रभावित है। "
सुथार के इन प्रदर्शनों ने उन्हें 2022-23 में रणजी ट्रॉफ़ी में भी डेब्यू करने का मौक़ा दिया, जहां उन्होंने छह मैचों में 20.33 की औसत से 39 विकेट झटके। सुथार कहते हैं, " मैं बल्लेबाज़ों को फ्लाइट से छकाने का प्रयास करता हूं। साथ ही मैं यह कोशिश करता हूं कि बल्लेबाज़ पहले ही न जान जाए कि मैं कौन सी लेंथ पर गेंद फेंकने वाला हूं। मैं गेंद को डिप कराने का प्रयास करता हूं, ताकि जब वह हवाई शॉट खेलने जाएं तो टॉप एज़ लग जाए। मैं हमेशा यह कोशिश करता हूं कि बल्लेबाज़ों के हिटिंग आर्क से गेंद को दूर रखा जाए।"
सुथार की गेंदबाज़ी की बारे में जब भी बात होती है तो सबसे पहले उनकी सटीकता को लेकर चर्चा होती है। उनकी सटीकता का राज उनके द्वारा बचपन के दिनों में किए गए अभ्यास में छुपा हुआ है। सुथार के पास गेंदबाज़ी में सफलता का एक ही मंत्र था - लगातार गेंदबाज़ी करते रहो। एक समय ऐसा था, जब वह गर्मियों में भी छह घंटे अभ्यास करते थे और इस अभ्यास में उनके कोच धीरज शर्मा और विनोद सहारन उनका भरपूर साथ देते थे। जब गंगारामपुर के एसके बिहानी क्रिकेट अकादमी में कोई नहीं होता था, तब भी अकेले सुथार अभ्यास करते हुए दिख जाते थे।
सुथार उस तरह की अभ्यास के संदर्भ में कहते हैं, "मैं अभ्यास के दौरान लगातार स्पॉट बोलिंग करता था। इससे एक टप्पे पर लगातार गेंद डालना काफ़ी आसान हो जाता है। मैंने अपने बेसिक्स को ठीक करने के लिए ऐसा किया था। ऑफ़ सीज़न के दौरान तो मैं हर रोज आसानी से 30-40 ओवर की गेंदबाज़ी अभ्यास कर लेता था। साथ ही 15 ओवर बल्लेबाज़ी भी करता था।"
सुथार यह स्वीकार करते हैं कि एक छोटे से शहर में होने के कारण कई तरह की कठिनाइयां होती हैं लेकिन उन्होंने इसे सकारात्मक तौर पर लिया। एक छोटे शहर में होने के कारण उन्हें हज़ारों बच्चों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करना होता था, साथ ही कोच भी उन पर काफ़ी समय देने में सक्षम रहते थे।
वह कहते हैं, "कोच ने मुझे काफ़ी समय दिया। बचपन मे मेरे जो कोच थे, वह आज भी मेरे साथ हैं। उनको मेरी छोटी से छोटी चीज़ के बारे में पता है। वह मेरी हर समस्या को हल निकाल कर देते थे। मैच भले ही कम मिलते थे लेकिन मैं काफ़ी अच्छी तरह से अभ्यास करने में सक्षम था।"
सुथार के लगातार अच्छे प्रदर्शनों ने उन्हें IPL में भी मौक़ा दिया, जहां उन्होंने पिछले सीज़न गुजरात टाइटंस के लिए डेब्यू भी किया। उससे पहले वह गुजरात के ही नेट गेंदबाज़ थे। अपनी अब तक के क्रिकेट यात्रा को याद करते हुए, सुथार अपने पिचा और दोनों कोच को विशेष धन्यवाद देते हैं।
सुथार कहते हैं, "मेरे पिता ने मेरा भरपूर साथ दिया है। जब सब लोग कहते थे कि क्रिकेट में कुछ नहीं रखा है, पढ़ाई पर ध्यान दो, तो मेरे पिता मुझे क्रिकेट खेलने के लिए उत्साहित करते थे। वह हमेशा कहते थे कि बाक़ी के लोग क्या कह रहे है, यह भूल जाओ। तुम बस अपने खेल पर ध्यान दो और उसका आनंद लो। इसके बाद जो होगा, देखा जाएगा।
"जब मैं पहली बार एक अकादमी गया, तो मेरे पिता ने मुझे वह सब कुछ दिलवाया जो मुझे चाहिए था। साथ ही फ़ीस भी दी। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह इसे लंबे समय तक जारी नहीं रख सके। इसके बाद कोच सर को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने कहा, 'अब से आपको मासिक शुल्क [500 रुपये] नहीं देना है, बस मेहनत करते रहो, बाक़ी चीज़ों ध्यान हम रखेंगे।'"
हाल ही में सुथार ने अपने पिता (फिज़ीकल एडुकेशन के शिक्षक) को एक कार गिफ़्ट की है। हालांकि सुथार को यह काफ़ी अच्छे से पता है कि उनके पिता और परिवार के लिए इंडिया कैप से ज़्यादा बड़ा गिफ़्ट कुछ भी नहीं हो सकता और उस गिफ़्त के लिए सुथार लगातार पुरज़ोर मेहनत कर रहे हैं।
शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सबएडिटर हैं। राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।
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