मार्नस लाबुशेन : मेरे लिए चमत्कार में विश्वास ना करना मुमकिन नहीं है
दो महीने पहले लाबुशेन ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप दल का हिस्सा तक नहीं थे

फ़ाइनल से पहले इस विश्व कप में मार्नस लाबुशेन का सबसे बड़ा योगदान धर्मशाला में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मैच में डीप प्वाइंट से एक रन आउट में सहयोग करना था जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया जीत दर्ज कर पाने में सफल हो पाया।
उन्होंने 75.62 के स्ट्राइक रेट से 304 रन बनाए थे जिसके चलते सवाल खड़े हो रहे थे। सवाल उठना इसलिए भी लाज़मी था क्योंकि स्टीव स्मिथ के रूप में ऑस्ट्रेलिया के पास पहले ही एक एंकर का रोल निभाने वाला खिलाड़ी था। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने लाबुशेन पर भरोसा बनाए रखा और 110 गेंदों पर खेली गई नाबाद 58 रनों की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ट्रॉफ़ी को अपने घर ले जाने में सफल हो गया।
लक्ष्य 241 रनों का ही था लेकिन लाबुशेन जब बल्लेबाज़ी करने आए थे तब ऑस्ट्रेलिया 47 रनों के स्कोर पर अपने तीन विकेट गंवा चुका था। लाबुशेन ने बताया कि जब वह मैदान में गए तो उन्हें किसी भी तरह की स्पष्टता की ज़रूरत नहीं थी। ट्रैविस हेड के साथ उनकी 192 रनों की साझेदारी के बाद जब हेड आउट हुए तब ऑस्ट्रेलिया लक्ष्य से सिर्फ़ दो ही रन दूर था।
लाबुशेन ने संवाददाताओं से कहा, "जब मैं अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था तब काफ़ी नर्वस था। लेकिन जब आप मैदान में जाते हैं तब अधिक कुछ नहीं बदलता। आप गेंद पर नज़र बनाते हैं और उसके हिसाब से खेलने का प्रयास करते हैं। मेरा माइंडसेट सिर्फ़ इतना ही था कि टेस्ट मैच की तरह खेलूं। जब आप हेड के साथ बल्लेबाज़ी कर रहे होते हैं तब रन रेट का दबाव वैसे भी नहीं रहता। और जब आप एक ऐसे टोटल का पीछा कर रहे होते हैं तो आप पर तब तक रन रेट का दबाव नहीं आता जब तक आप वास्तव में संघर्ष ना कर रहे हों। मैं सिर्फ़ अच्छी गेंद को सम्मान देने और ख़राब गेंद पर स्कोर करने के अप्रोच के साथ बल्लेबाज़ी करने पर ध्यान दे रहा था।"
लाबुशेन दो महीने पहले तक ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप दल का हिस्सा तक नहीं थे। ख़राब फ़ॉर्म के चलते उन्हें विश्व को से ठीक पहले साउथ अफ़्रीका भी नहीं भेजा गया था। लेकिन क़िस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था। उन्हें स्मिथ की इंजरी की आशंका को देखते हुए स्मिथ के बैटिंग कवर के तौर पर साउथ अफ़्रीका बुलाया गया था। तब यह यात्रा उनके अपने देश की ट्रिप से अधिक नहीं थी। हालांकि पहले वनडे में ही वह कनकशन सबस्टीट्यूट के तौर पर आए और पहले मैच में 80 रनों की उनकी नाबाद पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से जीत मिल गई।
लाबुशेन ने कहा, "मेरे लिए चमत्कार में विश्वास ना करना मुमकिन नहीं है। मुझे लगता है कि अनौपचारिक तौर पर मैं पांच बार ड्रॉप हुआ हूं लेकिन साउथ अफ़्रीका दौरे पर जाने के बाद मैंने लगातार 19 मैच खेले हैं। मैं काफ़ी शुक्रगुज़ार हूं कि टीम ने मेरे ऊपर भरोसा जताया और मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतर पाया। पूरी पारी के दौरान मेरा यही प्रयास था कि किसी भी तरह से बस अपना विकेट नहीं देना है।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं।
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