भारतीय टीम को बधाई देने उमड़ा प्रशंसकों का हुजूम
टीम के मुंबई पहुंचने में हुई देरी के चलते परेड भी दो घंटे की देरी से शुरू हुआ
Scenes from India's victorious homecoming
Tens of thousands gathered on Mumbai's Marine Drive and the Wankhede Stadium to welcome the T20 World Cup championsगुरुवार शाम को मरीन ड्राइव और वानखेड़े स्टेडियम में विश्व विजेता भारतीय टीम को बधाई देने के लिए प्रशंसकों का हुजूम उमड़ा पड़ा था। टीम मुंबई में अपने निर्धारित शेड्यूल से देर से पहुंची थी, वहीं दक्षिणी मुंबई में उमड़ी भीड़ के चलते प्रस्तावित परेड शुरू होने में अधिक समय लग गया। परेड अपने निर्धारित समय से दो घंटे की देरी से शुरू हुआ लेकिन सड़कों पर लगा जाम और बारिश भी प्रशंसकों के उत्साह को कम नहीं कर पाई।
PTI ने अपनी रिपोर्ट में बताया, " दो घंटे की देरी से ओपन बस परेड नेशनल सेंटर फ़ॉर परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) नरीमन प्वाइंट से शाम साढ़े सात बजे शूरू हुआ और वहां से यह कारवां वानखेड़े स्टेडियम तक गया। आम तौर पर इस दूरी को तय करने में पांच मिनट का समय लगता है लेकिन गुरुवार शाम को भारतीय टीम को इस दूरी को तय करने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया।"
भारतीय दल शाम पांच बजे के बाद मुंबई पहुंचा था। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ओपन बस परेड पहले शाम पांच से सात बजे के बीच होनी थी लेकिन भारतीय दल ने दिल्ली से ही दोपहर 3 बजकर 42 मिनट पर उड़ान भरी थी।
भारतीय टीम सुबह साढ़े छह बजे चार्टर विमान से बारबेडोस से दिल्ली पहुंची थी। इसके बाद टीम ने नाश्ते पर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। शाम का समय प्रशंसकों के लिए आरक्षित किया गया था। लेकिन सड़कों पर लगे जाम और बारिश से लॉजिस्टिक संबंधी समस्या भी पैदा हो गईं। वानखेड़े स्टेडियम के गेट बंद कर दिए थे लेकिन तभी बारिश शुरू हुई और इससे मैदान में उमस भी बढ़ गई। बारिश होती रही लेकिन प्रशंसक इस पल का गवाह बनने के लिए इतने आतुर थे कि वह अपनी अपनी जगह से टस से मस नहीं हुए।
टीम रात के नौ बजे स्टेडियम पहुंची और इसके बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और राहुल द्रविड़ ने स्टेडियम को संबोधित किया।
भारत ने शनिवार को साउथ अफ़्रीका को सात रनों से हराकर 13 वर्षों बाद कोई वर्ल्ड कप ट्रॉफ़ी अपने नाम की। भारत की इस जीत के बाद रोहित, कोहली और रवींद्र जाडेजा ने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप को अलविदा कह दिया। वहीं बतौर भारतीय टीम मुख्य कोच द्रविड़ का भी यह अंतिम टूर्नामेंट था।
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