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विलियमसन ने बताया न्यूज़ीलैंड के आईसीसी टूर्नामेंट में निरंतर प्रदर्शन का राज़

इस टीम ने हर टूर्नामेंट में विभिन्न परिस्थितियों को अपने विरोधी टीम से बेहतर पढ़ कर अपने गेम को बदलना सीखा है

अपने सबसे अनुभवी गेंदबाज़ टिम साउदी के साथ केन विलियमसन  Associated Press

एक और विश्व कप जिसमें आप न्यूज़ीलैंड की टीम को देख कर सोचते कि इस टीम में टूर्नामेंट में दूर जाने की क्षमता नहीं है। लेकिन इस टीम ने फिर सबको ग़लत साबित करते हुए सेमीफ़ाइनल में प्रवेश किया, किसी भी अन्य टीम से पहले। उनकी गेंदबाज़ी को देखते हुए भी आप किसी भी मैच में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को इस टीम के आगे ही रखेंगे।

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हालांकि टूर्नामेंट का समीकरण बदल जाता है, ख़ासकर तब जब छह में से केवल दो टीमें आगे क्वालिफ़ाई करती हैं। किसी भी टीम के पास ग़लती की गुंजाइश नहीं रहती। हर स्टेडियम में नई परिस्थितियां और नए ग्राउंड माप से आपको जूझना होता है। आपको परिस्थितियों को पढ़कर अपने गेम को उसके अनुसार बदलना पड़ता है। यह कला शायद ही न्यूज़ीलैंड से बेहतर किसी टीम को आती है, जिसके चलते अब वह लगातार पांचवीं बार सीमित ओवरों के विश्व कप (टी20 और विश्व कप दोनों) सेमीफ़ाइनल में पहुंच गए हैं।

उन्होंने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के साथ ठीक वही किया जो 2016 में भारत के साथ किया था। तब उन्होंने पिच को सही पढ़कर तीन स्पिनरों को खिलाया। यहां उन्होंने सिडनी की परिस्थिति को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया पर शुरुआत से प्रहार किया और मेज़बान को परास्त किया।

कप्तान केन विलियमसन ने अपने खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा, "अक्सर किसी पिच का सही व्यवहार आप खेल शुरू होने के बाद ही समझ सकते हैं। इसके बाद चुनौती होती है आप अपने बल्लेबाज़ों या गेंदबाज़ों के साथ सही प्लान साझा करें। आप को हर साथी को यह बताना पड़ता है कि उस पिच पर कैसा स्कोर सही रहेगा। यही बात फिर गेंदबाज़ों के साथ भी करनी पड़ती है।"

इस प्रणाली में डगआउट के साथ लगातार संचार का महत्व बढ़ जाता है। मैदान पर उतरने वाला बल्लेबाज़ किसी साथी से ड्रिंक मंगवाने के बहाने कोई संदेश भेज सकता है। बतौर गेंदबाज़, आप अपने ओवर के बाद अगले गेंदबाज़ को बता देते हैं कि पिच पर क्या हो रहा है। यह चीज़ें न्यूज़ीलैंड बहुत अच्छे से करता है।

विलियमसन ने कहा, "जो खिलाड़ी क्रीज़ पर मौजूद हैं वह बाक़ी बल्लेबाज़ों को बता सकते हैं कि क्या हो रहा है। यह टीम की योजना को बदल सकता है। हमें कहां होना है? हमें वहां कैसे पहुंचना है? यही टूर्नामेंट खेल की चुनौती है लेकिन इस अनुकूलन के सफलता संतोषजनक होता है। इस योगदान को आप आंकड़ों में नहीं देख सकते। यह एक टीम की प्रतिबद्धता को चरितार्थ करता है।"

इस अनुकूलन का अच्छा उदाहरण शुक्रवार को तब देखने को मिला जब आयरलैंड के बल्लेबाज़ों ने मिचेल सैंटनर और इश सोढ़ी पर आक्रमण करते हुए उनके शुरुआती ओवर से 29 रन लूटे। इसके तुरंत बाद सेंटनर ने अपनी गेंदबाज़ी में गति को घटाया और गेंद को आयरलैंड के स्वीप से दूर रखना शुरू किया।

विलियमसन ने कहा, "हमने इस बारे में बात ज़रूर की। हमने देखा कि एक लाइन पर गेंद डालते हुए मारना और कठिन हो रहा था। इस प्रकार का अडजस्टमेंट करना बहुत संतोषजनक था। हमें पता था कि दबाव में रहकर आयरलैंड की गहरी बल्लेबाज़ी क्रम लगातार आक्रमण करेगी। ऐसे में उन्होंने [स्पिनरों ने] ज़बरदस्त तरीक़े से अपनी गेंदबाज़ी की गति को घटाया और लगातार चुनौती पेश किया।"

न्यूज़ीलैंड अपने कप्तान के व्यक्तिगत फ़ॉर्म से भी उत्साहित होगा। उन्होंने 35 गेंदों पर 61 बनाए लेकिन अपने ही अंदाज़ में। उन्होंने पहले 15 गेंदों पर 15 ही बनाए थे लेकिन उसके बाद लय प्राप्त करने के बाद रन गति को बढ़ाया। उन्होंने कहा, "योगदान करना हमेशा अच्छा होता है लेकिन हम हमेशा एक रणनीति के तहत खेलने की कोशिश करते हैं। चाहे वह मेरे बल्लेबाज़ी की बात हो या मेरे साथ साझेदारी निभा रहे बल्लेबाज़ की बात हो। आप हमेशा उस गतिशीलता को जारी रखना चाहते हैं और ऐसे में बड़ा योगदान हो तो बहुत अच्छा अनुभव होता है।"

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सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के प्रमुख देबायन सेन ने किया है