टी20 विश्व कप टीम में शामिल ना होने पर तगड़ा झटका लगा : शार्दुल
दीपक चाहर की जगह रिज़र्व खिलाड़ी के तौर पर विश्व कप दल में शामिल होने के लिए तैयार हैं लॉर्ड
शार्दुल : टी20 विश्व कप में नहीं चुने जाने से निराश ज़रूर हूं लेकिन आगे के लिए तैयार भी हूं
'रिप्लेसमेंट के तौर पर कब किसका नाम आ जाए कहा नहीं जा सकता'भारतीय तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर का कहना है कि टी20 विश्व कप टीम में ना होने से उन्हें तगड़ा झटका लगा था, लेकिन वह टीम इंडिया के लिए मिले हर मौक़े पर अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। उनका ध्यान फ़िलहाल साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ वनडे सीरीज़ पर है, जिसके पहले मैच में उन्होंने दो विकेट लेने के साथ-साथ 33 रन भी बनाए थे।
शार्दुल ने भारत के लिए 25 टी20 मैच खेला है, लेकिन उनकी इकॉनमी 9.15 की रही है। इस कारण वनडे और टेस्ट टीम में नियमित होने के बावज़ूद वह टी20 टीम से पिछड़ते गए। उन्होंने अपना आख़िरी टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच फ़रवरी, 2022 में खेला था।
रांची में दूसरे वनडे से पहले उन्होंने कहा, "हां, यह मेरे लिए एक झटका था। कोई भी खिलाड़ी विश्व कप में खेलने का सपना देखता है। ठीक है अगर मेरा चयन नहीं हुआ। अभी बहुत क्रिकेट हो रहा है और अगले साल वनडे विश्व कप भी होना है। मेरा लक्ष्य यही है कि मैं जितना भी मैच खेलूं, टीम की जीत में योगदान दूं।" शार्दुल के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 98 विकेट हो चुके हैं और वह रांची वनडे में 100 विकेटों का आंकड़ा पार कर सकते हैं।
भारत अपने टी20 विश्व कप अभियान में चोटों का सामना कर रहा है। रवींद्र जाडेजा और जसप्रीत बुमराह के बाद टीम के रिज़र्व खिलाड़ी दीपक चाहर भी चोटिल हो गए हैं। इस पर शार्दुल कहते हैं, "चोट, खेल का हिस्सा होते हैं। किसी ना किसी मौक़े पर कोई ख़िलाड़ी ज़रूर चोटिल होता है। लेकिन इस पर भावुक होने की ज़रूरत नहीं होती है।" 30 वर्षीय इस गेंदबाज़ ने कहा कि अगर दीपक चाहर की जगह उन्हें रिज़र्व खिलाड़ी के तौर पर भी ऑस्ट्रेलिया बुलाया जाता है तो वह इसके लिए पूरी तरीक़े से तैयार हैं।
शार्दुल ने लखनऊ के पहले वनडे में संजू सैमसन के साथ 93 रन की साझेदारी शामिल है। शार्दुल ने कहा कि वह बल्ले से इसी तरह का योगदान आगे भी देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "जो टीमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा कर रही हैं, उनकी बल्लेबाज़ी में काफ़ी गहराई होती है। ऑस्ट्रेलिया के लिए पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क नंबर आठ और नौ पर बल्लेबाज़ी करने आते हैं। ठीक इसी तरह का हाल इंग्लैंड का भी है। मैं अपनी बल्लेबाज़ी पर लंबे समय से मेहनत कर रहा हूं। यह किसी भी टीम के लिए अच्छा होता है कि उनका नंबर सात से नंबर नौ का बल्लेबाज़ योगदान दे।"
शार्दुल ने अपने साथी गेंदबाज़ों का भी बचाव किया, जो अच्छी शुरुआत के बावज़ूद भी पहले वनडे में साउथ अफ़्रीका को बड़ा स्कोर खड़ा करने से नहीं रोक पाए थे। उन्होंने कहा, "गेंदबाज़ों की निरंतरता पर सवाल उठाने से पहले हमें यह देखना चाहिए कि विकेट कैसा था। कई बार ऐसी परिस्थितियां होती हैं कि वनडे मैचों में 350 रन बनते हैं। ऐसे मौक़ों पर हर गेंदबाज़ को मार मिलती है। लेकिन हमने कोई भी एकतरफ़ा मैच नहीं दिए हैं, जो दिखाता है कि हम कितने प्रतिस्पर्धी हैं। इसके अलावा हमने लगातार मैच जीतकर अपनी निरंतरता भी दिखाई है।"
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