मुझे लोगों से अपने प्रदर्शन की मान्यता नहीं चाहिए - मिताली राज
"मुझे मैनेजमेंट ने जो भूमिका दी है उसपर चलना है, आम लोग क्या सोचते हैं मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ता।"
Mithali Raj: When young players like Rodrigues go through bad form, senior players back them
The India Test and ODI captain on the criticism of her strike rate, grooming Rana to be a finisher and Jemimah Rodrigues' formभारतीय महिला टेस्ट और और वनडे टीम की कप्तान मिताली राज मानती हैं कि उन्हें इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता कि उनकी स्ट्राइक रेट को लेकर लोग क्या कह रहे हैं या क्या सोचते हैं, बल्कि वह मैनेजमेंट की दी हुई भूमिका पर अपना ध्यान केंद्रित करती हैं।
"हां मैं अपनी स्ट्राइक रेट पर हो रही आलोचनाओं को पढ़ती हूं लेकिन मैंने पहले भी कहा है कि मुझे लोगों से अपने प्रदर्शन की मान्यता नहीं चाहिए। मैं देश के लिए लंबे समय से खेल रही हूं, और मुझे टीम के लिए अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह से पता है। मैं लोगों को ख़ुश करने के लिए नहीं हूं, मैं अपना खेल खेलती हूं और उस भूमिका को अच्छे से निभाती हूं जो टीम मैनेजमेंट ने मुझपर भरोसा जताते हुए दी है।"
"जब आप लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं तो आप किसी एक गेंदबाज़ को निशाना बनाते हैं, आप लेंथ को पढ़ते हैं और उन जगहों को चुनते हैं जहां आप शॉट खेल सकते हैं। और चूंकि मैं लय में हूं तो मुझे पता है कि मैं बीच में अपना सर्वश्रेष्ठ कैसे दे सकती हूं। एक तरह से टीम की बल्लेबाज़ी मेरे इर्द-गिर्द ही घूमती है, मेरे कोच ने मुझे यही भूमिका दी है।"
इस मल्टी-फ़ॉर्मेट सीरीज़ में लगातार तीन मैचों में अर्धशतक बनाने वाली मिताली ने तीसरे वनडे में टीम को आख़िरी ओवर में जीत दिलाई थी और अंत तक वह नाबाद रहीं थीं। उनका बख़ूबी साथ निभाया था स्नेह राणा ने, जिन्होंने नंबर-7 पर खेलते हुए 22 गेंदों पर 24 रन बनाए थे और इन दोनों के बीच अर्धशतकीय साझेदारी भी देखने को मिली थी।
अपनी 75 रनों की नाबाद पारी के दौरान मिताली ने इंग्लैंड की पूर्व कप्तान शार्लोट एडवर्ड्स (10273 रन) के बड़े रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में मिताली अब सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी हैं।
"मुझे लगता है अब तक का मेरा जो सफ़र रहा है वह आसान नहीं है। मैंने अपने 22 सालों के करियर में काफ़ी उतार-चढ़ाव देखें हैं, मैं हमेशा मानती आई हूं कि बुरा समय हमेशा कुछ अच्छा देकर जाता है। कई बार मैंने सोचा कि मैं अब क्रिकेट छोड़ दूंगी लेकिन कुछ ऐसा था जिसने मुझे रोके रखा। और वह थी देश के लिए खेलने की भूख जो आज तक जारी है।"
"मैं जानती हूं कि वर्ल्ड कप में अब ज़्यादा समय नहीं बचा है और मेरी बल्लेबाज़ी में अभी भी बहुत कुछ ऐसा है जो मैं बेहतर कर सकती हूं। मैं अपनी उन कमियों पर काम कर रही हूं। ज़ाहिर है वर्ल्ड कप से पहले अब इंग्लैंड टूर नहीं होने वाला लेकिन मैंने हमेशा ही इंग्लैंड में खेलना पसंद किया है।"
मिताली ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू भी इंग्लैंड में ही किया था और वह कहती हैं कि इंग्लिश कंडीशन बेशक मुश्किल होते हैं लेकिन मेरे ज़्यादातर रन भी यहीं आए हैं।
"कहा जाता है कि इंग्लिश कंडीशन में खेलना मुश्किल होता है, लेकिन आप देखिए मैंने इस ज़मीन पर काफ़ी रन बनाए हैं। मैं जब यहां आती हूं काफ़ी प्रसन्न होकर लौटती हूं। कई बार मैं ख़राब फ़ॉर्म से गुज़रते हुए भी इंग्लैंड आई लेकिन यहां कर मैंने काफ़ी रन बनाए। मैं हर दौरे से कुछ सकारात्मक चीज़ें लेकर लौटती हूं और मैं आगे भी इसी तरह यहां खेलना चाहती हूं।"
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन (@imsyedhussain) ने किया है।
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