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शमी: अगर मैं चार दिन का मैच खेल सकता हूं तो 50 ओवर भी खेल सकता हूं

भारतीय टीम में चयनित ना होने के सवालों पर शमी ने दी प्रतिक्रिया

मोहम्मद शमी ने मार्च 2025 में भारत के लिए चैंपियंस ट्रॉफ़ी खेला था  PTI

भारत के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने बंगाल के पहले रणजी ट्रॉफ़ी मैच से पहले उनके फ़िटनेस पर उठ रहे किसी भी सवाल को ख़ारिज किया है। उन्होंने कहा कि अगर वे ठीक महसूस नहीं कर रहे होते तो चार दिन का क्रिकेट नहीं खेलते।

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35 साल के शमी ने आख़िरी बार भारत के लिए मार्च 2025 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी में खेला था। टीम इसके बाद इंग्लैंड के टेस्ट दौरे पर गई, एशिया कप जीता और वेस्टइंडीज़ को टेस्ट सीरीज़ में 2-0 से हराकर नए घरेलू सीज़न की शुरुआत की। भारत ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ होने वाले सीमित ओवर सीरीज़ से भी बाहर रखा है। शमी ने इस बाबत कहा, "अगर मैं चार दिन का मैच (रणजी ट्रॉफ़ी) खेल सकता हूं, तो मैं 50 ओवर का क्रिकेट भी खेल सकता हूं।"

मंगलवार को न्यूज़ एजेंसी PTI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "चयन मेरे हाथ में नहीं है। अगर फ़िटनेस में कोई दिक्कत होती, तो मैं यहां बंगाल के लिए नहीं खेल रहा होता। मुझे लगता है कि मुझे इस पर बोलकर कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए। अगर मैं चार दिन का मैं खेल सकता हूं, तो मैं 50 ओवर का क्रिकेट भी खेल सकता हूं।"

टखने और घुटने की चोटों से उबरने के बाद शमी ने अब तक सिर्फ नौ अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने कहा, "अपडेट देने की ज़िम्मेदारी मेरी नहीं है। मेरी ज़िम्मेदारी फिटनेस पर अपडेट देना या किसी से अपडेट मांगना भी नहीं है। मेरा काम है NCA जाना, तैयारी करना और मैच खेलना। किसे अपडेट दिया जाता है या नहीं, यह उनका मामला है। यह मेरी ज़िम्मेदारी नहीं है।"

भारत के मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर ने शमी की टेस्ट से अनुपस्थिति (उनका आख़िरी टेस्ट जून 2023 में था) के बारे में बताया कि उन्होंने पिछले दो-तीन सालों में ज़्यादा प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेले हैं। आगरकर ने कहा, "हम जानते हैं कि वे क्या कर सकते हैं, लेकिन उन्हें थोड़ा खेलना होगा।"

शमी भारतीय टीम के नियमित सदस्य रहे हैं। 2013 में डेब्यू के बाद उन्होंने सभी फ़ॉर्मैट मिलाकर 197 मैच खेले हैं। उन्होंने दो साल पहले भारत को वनडे विश्व कप के फ़ाइनल तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी और अब भी देश के लिए खेलने की उम्मीद बनाए हुए हैं।

उन्होंने कहा, "लड़ते रहो, मैच खेलते रहो। अगर अच्छा प्रदर्शन करोगे तो उसका फ़ायदा तुम्हें ही मिलेगा। चयन मेरे हाथ में नहीं है। मैं बस तैयारी कर सकता हूं और मैच खेल सकता हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं... अगर आप मुझे नहीं चुनते तो मैं यहां बंगाल के लिए खेलूंगा। इसमें मुझे कोई परेशानी नहीं है।

"मैं दर्द में खेलकर टीम को भी परेशानी नहीं देना चाहता। मैं ऑपरेशन के बाद वापस आना चाहता था और मज़बूत वापसी करना चाहता था। मैं वही कोशिश कर रहा हूं। जब भी वे (चयनकर्ता) चाहें, मैं तैयार हूं।"

शमी ने कहा कि वे अब भी घरेलू क्रिकेट को बहुत अहम मानते हैं। "पुराने दिनों में रणजी ट्रॉफ़ी किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ा स्तर हुआ करता था। लेकिन आज, हमारे पास कई प्लेटफ़ॉर्म हैं और लोग सोचते हैं कि रणजी ट्रॉफ़ी जैसे जूनियर क्रिकेट में वापस खेलना 'अपमान' है। मैं ऐसा नहीं मानता। आपको चार दिन का क्रिकेट खेलना चाहिए।"

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