भारत को अब हरमनप्रीत से आगे सोचना होगा : एडुल्जी
'वह अपने 171* के दम पर ही टीम में नहीं रह सकतीं'

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी का मानना है कि चार साल पहले 2017 विश्व कप में खेली गई नाबाद 171 रन की पारी की बदौलत ही हरमनप्रीत कौर टीम में नहीं रह सकतीं। उनका मानना है कि भारतीय टीम प्रबंधन को अब हरमनप्रीत से आगे सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा, "अगर जेमिमाह रॉड्रिग्स को किसी तर्क के साथ टीम से बाहर किया जा सकता है, तो वह तर्क हरमनप्रीत पर भी लागू होता है। मैं उनके खेल से बहुत निराश हूं। वह मेरी पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं, लेकिन उस एक पारी की बदौलत वह टीम में नहीं रह सकती हैं। वह अपनी फ़ॉर्म से बस एक पारी दूर हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें प्रयास करना होगा। अगर उन्होंने मुझे आगे आने वाले मैचों में ग़लत साबित कर दिया, तो मैं सबसे ज़्यादा ख़ुश होउंगी। मैं बस चाहती हूं कि टीम अगले महीने शुरु हो रहे वनडे विश्व कप को जीते।"
एडुल्जी का मानना है कि कप्तानी में भी अब Smriti Mandhana को आगे आना चाहिए और मिताली राज के बाद उन्हें ही तीनों फ़ॉर्मेट की ज़िम्मेदारी संभालनी चाहिए। उन्होंने तो यहां तक कहा कि हरमन के वर्तमान फ़ॉर्म को देखते हुए उन्हें टीम से बाहर कर देना चाहिए और उनकी जगह स्नेह राणा को खिलाया जाना चाहिए।
हरमनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उस ऐतिहासिक पारी के बाद 32 वनडे में 27.90 की औसत से 614 रन बनाए हैं, जिसमें सिर्फ़ तीन अर्धशतक हैं। इसमें से एक अर्धशतक उसी विश्व कप के फ़ाइनल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ आया था। अगर उनका करियर औसत देखें तो उनका करियर औसत 34.05 है और उन्होंने 109 मैचों में कुल 2588 रन बनाए हैं। हरमनप्रीत ने अपनी अंतिम पांच पारियों में 30 का स्कोर पार नहीं किया है।
हालांकि महिला बीबीएल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था और 12 पारियों में 406 रन बनाने के साथ ही 15 विकेट भी लिए थे। उनके इस हरफ़नमौला खेल के कारण उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुना गया था।
एडुल्जी ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अगले मैच में शेफ़ाली वर्मा को भी बाहर करने की बात की। उन्होंने कहा कि मांधना क्वारंटीन के बाद वापस आ रही हैं, जबकि एस मेघना ने अभी तक की पारियों में प्रभावित किया है। इसलिए उन्हें टीम में बरक़रार रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शेफ़ाली के स्टांस में स्थायित्व नहीं है और वह लगातार स्क्वेयर लेग की दिशा में मूव करती हैं।
उन्होंने कहा, "गेंदबाज़ों को पता चल गया है कि स्ट्रोक खेलने के लिए वह अपना स्टंप छोड़ देती हैं और लेग साइड में चली जाती हैं। आक्रमकता सही है, लेकिन इस स्तर पर आपको गेंदबाज़ों का सम्मान भी करना होगा।"
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