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रेटिंग्स : अर्शदीप, सिराज और पंड्या की तिकड़ी ने बिगाड़ा न्यूज़ीलैंड का खेल

हार्दिक पंड्या की धुआंधार 30 रनों की पारी की बदौलत भारत इस मुक़ाबले को डीएलएस पद्धति से टाई करवाने में सफल रहा

अर्शदीप ने न्यूज़ीलैंड के चार बल्लेबाज़ों को पवेलियन की राह दिखाई  Getty Images

नेपियर में डकवर्थ लुईस स्टर्न की पद्धति ने न्यूज़ीलैंड का खेल बिगाड़ दिया, जिसके फलस्वरूप मुक़ाबला टाई रहा और भारत ने सीरीज़ पर 1-0 से कब्ज़ा कर लिया। हालांकि यह संभव नहीं हो पाता यदि अर्शदीप सिंह और मोहम्मद सिराज ने बड़े स्कोर की ओर अग्रसर न्यूज़ीलैंड को रोका नहीं होता। बल्लेबाज़ी में कप्तान हार्दिक पंड्या ने भी एक छोर से ताबड़तोड़ पारी खेली। ऐसे में एक नज़र डालते हैं कि इस मुक़ाबले में अपने प्रदर्शन के आधार पर भारतीय खिलाड़ियों ने कितने अंक अर्जित किए।

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क्या सही क्या ग़लत?

भारतीय टीम के लिए इस मुक़ाबले में सबसे अच्छा पहलू अर्शदीप और सिराज की गेंदबाज़ी रही। एक समय ग्लेन फ़िलिप्स और डेवन कॉन्वे की जोड़ी न्यूज़ीलैंड को बड़े स्कोर की ओर ले जा रही थी लेकिन सिराज और अर्शदीप ने समय रहते दोनों की पारियों पर ब्रेक लगा दिया।

भारत के लिए इस मुक़ाबले में नकारात्मक पहलू बल्लेबाज़ी ही रही। पावरप्ले में ही भारतीय टीम ने तीन विकेट गंवा दिए। सूर्यकुमार यादव का बल्ला भी आज कमाल नहीं दिखा पाया।

रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)

इशान किशन, 5 : 161 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को अपनी सलामी जोड़ी से एक बेहतर शुरुआत की उम्मीद थी। नेपियर में मौसम को देखते हुए डकवर्थ लुईस स्टर्न पद्धति को भी ज़ेहन में रखना ज़रूरी था। साउदी के पहले ओवर की चौथी गेंद पर जब किशन ने थर्ड मैन सीमा रेखा के ऊपर छक्का जड़कर टीम और अपना खाता खोला तब उनसे एक बड़ी पारी की उम्मीद जग गई। लेकिन इन उम्मीदों पर दूसरा ओवर करने आए ऐडम मिल्न ने पानी फेर दिया। किशन उनकी गेंदों पर लगातार पुल के लिए जा रहे थे और अंतिम गेंद को उन्होंने हवा में तो खेला लेकिन उसे सिर्फ़ डीप स्क्वायर लेग पर ही खेल पाए।

ऋषभ पंत, 7 : किशन के आउट होने के बाद पंत ने साउदी को लगातार दो चौके जड़े। हालांकि वह भी अपनी पारी को आगे नहीं ले जा पाए और पारी के तीसरे ओवर की चौथी गेंद पर ईश सोढ़ी को कैच थमा बैठे। इससे ठीक पिछली गेंद पर ही उन्होंने डीप बैकवर्ड प्वाइंट की तरफ़ स्लाइस किया था लेकिन सोढ़ी गेंद का अनुमान लगा पाने में असफल रहे थे। हालांकि अगली बार जब गेंद हवा में खड़ी हुई तो उन्होंने गेंद को अच्छे से जज करते हुए पंत के पवेलियन लौटने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। पंत भले ही बल्लेबाज़ी में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए लेकिन उन्होंने विकेटकीपिंग के दौरान डैरिल मिचेल और जिमी नीशम के दो महत्वपूर्ण कैच लपके।

सूर्यकुमार यादव, 5 : पिछले मुक़ाबले में शतक बनाकर भारतीय टीम की जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले सूर्यकुमार यादव का बल्ला आज शांत रहा। उन्होंने अपनी पारी में एक छक्का ज़रूर लगाया लेकिन सातवें ओवर में सोढ़ी की गेंद पर उन्होंने डीप स्क्वेयर लेग में फ़िलिप्स को एक आसान सा कैच थमा दिया।

श्रेयस अय्यर, 5 : श्रेयस अय्यर से पहले आपने किस भारतीय बल्लेबाज़ को शॉर्ट पिच गेंदों से जूझते देखा है? संभवतः सुरेश रैना को। हालांकि श्रेयस के लिए शॉर्ट गेंदें अब भी एक अबूझ पहेली बनी हुई हैं। आज एक बार फिर वह अपनी इस कमज़ोरी का शिकार बने और अपनी पहली ही गेंद पर साउदी की गेंद को थर्ड मैन की तरफ़ खेलने के चक्कर में पहली स्लिप में कैच थमा बैठे।

हार्दिक पंड्या, 9 : टी20 में 18 गेंदों पर 30 रनों की पारी अविश्वसनीय नहीं मानी जाती लेकिन हार्दिक ने जिस परिस्थिति में आज यह पारी खेली, वह भारतीय टीम के लिए संजीवनी बन गई। हार्दिक की यदि यह ताबड़तोड़ पारी नहीं होती तो भारत संभवतः ना सिर्फ़ डीएलएस पद्धति के अनुसार न्यूज़ीलैंड से पिछड़ गया होता बल्कि सीरीज़ जीतने से भी वंचित रह जाता। दूसरी तरफ़ गेंदबाज़ी के दौरान भी अर्शदीप और सिराज का हार्दिक ने भरपूर इस्तेमाल किया और अच्छी कप्तानी का प्रदर्शन करते हुए कीवी टीम को एक बड़ा स्कोर बनाने से वंचित कर दिया।

दीपक हुड्डा, 7 : दीपक हुड्डा ने आज मैच की शुरुआत से पहले कहा था कि वह ख़ुद को एक बैटिंग ऑलराउंडर के तौर पर ही स्थापित करना चाहते हैं और वह अपनी गेंदबाज़ी पर काफ़ी काम कर रहे हैं। आज दोनों ही मोर्चे पर दीपक हुड्डा को अपनी प्रतिभा दिखाने का अधिक अवसर नहीं मिला, लेकिन वह अपनी छोटी भूमिकाओं में ही टीम के लिए काफ़ी उपयोगी सिद्ध हुए। हुड्डा ने सिर्फ़ एकमात्र ओवर किया जिसमें उन्होंने महज़ तीन रन दिए और बल्लेबाज़ी में उन्होंने नौ गेंद पर नौ रन बनाए और डीएलएस पद्धति से भारतीय टीम को मुक़ाबले में बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाई।

हर्षल पटेल, 7 : मौसम और मैदान के मिजाज़ को देखते हुए आज भारतीय टीम ने वॉशिंगटन सुंदर की जगह पर हर्षल पटेल को मौक़ा दिया था। हर्षल को भले ही इस मुक़ाबले में जो एक विकेट मिला, वह न्यूज़ीलैंड की पारी का अंतिम विकेट था। लेकिन इसके परे उन्होंने आज 7.63 की इकॉनमी से किफ़ायती गेंदबाज़ी की।

भुवनेश्वर कुमार, 6 : भुवनेश्वर कुमार ने न्यूज़ीलैंड की पारी की शुरुआत में अपनी स्विंग होती गेंदों से बल्लेबाज़ों को परेशान ज़रूर किया लेकिन जल्द ही कीवी बल्लेबाज़ों ने उनकी स्विंग की काट ढूंढ ली और लगातार चहलकदमी करते हुए भूवी के ऊपर धावा बोल दिया। भुवनेश्वर ने अपने कोटे के चारों ओवर किए लेकिन वह एक भी विकेट पाने में असफल रहे।

अर्शदीप सिंह, 8 : अर्शदीप ने न्यूज़ीलैंड पारी के दूसरे और अपने पहले ही ओवर में फ़िन ऐलेन को पगबाधा आउट कर दिया लेकिन इसके बाद भुवनेश्वर की ही तर्ज पर कीवी बल्लेबाज़ों ने उनके ऊपर धावा बोल दिया। हालांकि अर्शदीप जब दूसरी बार गेंदबाज़ी करने आए तब उन्होंने कॉन्वे का महत्वपूर्ण विकेट झटकते हुए कुल चार विकेट अपने नाम किए। सिराज के साथ उनकी गेंदबाज़ी भी न्यूज़ीलैंड को कम स्कोर पर रोकने में एक अहम कड़ी साबित हुई।

मोहम्मद सिराज, 9 : मोहम्मद सिराज आज गेंदबाज़ी में भारतीय टीम के संकटमोचक साबित हुए। पावरप्ले में कीवी बल्लेबाज़ों का आक्रमण जारी था, जिसके बाद अंतिम ओवर के लिए कप्तान हार्दिक ने सिराज का रुख किया। सिराज ने भी अपने कप्तान के फ़ैसले को सही साबित करते हुए दूसरी ही गेंद पर चैपमैन को पवेलियन चलता कर दिया। इसके बाद जब फ़िलिप्स और कॉन्वे एक बड़ी साझेदारी के बाद न्यूज़ीलैंड को एक बड़े स्कोर की ओर ले जा रहे थे तब सिराज ने ही 16वें ओवर में फ़िलिप्स को आउट कर भारत को एक अहम ब्रेकथ्रू दिलाया। सिराज ने अपने चार ओवर में महज़ 17 रन देकर कुल चार विकेट झटके और प्लेयर ऑफ़ द मैच भी रहे।

युज़वेंद्र चहल, 5 : चहल ने मध्य ओवरों में कीवी टीम पर लगाम लगाने का प्रयास ज़रूर किया लेकिन ज़्यादा देर तक फ़िलिप्स और कॉन्वे को शांत नहीं रख पाए। नतीजतन चहल को इस मैच में एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ और वह अपने कोटे के पूरे ओवर भी नहीं डाल पाए।

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