क्या टी20 में बतौर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत से सर्वश्रेष्ठ निकाल पाएगी टीम इंडिया?
टी20 विश्व कप से पहले ही एकादश में जगह बनाने के लिए पंत कार्तिक के साथ संघर्ष कर रहे थे

"आप लोग ऋषभ पंत को खेलते देखना चाहते थे, नहीं? भारत से ही आप लगातार यह कह रहे थे कि ऋषभ पंत कहां हैं? वो यहां हैं, नंबर चार पर।(मुस्कुराते हुए)"
रोहित शर्मा ने यह बात एजबैस्टन में जुलाई 2019 में वनडे विश्व कप के दौरान कही थी, जब उनसे इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मुक़ाबले में 338 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के बल्लेबाज़ी क्रम में पंत को नंबर चार पर भेजे जाने को लेकर सवाल किया गया था। शिखर धवन के चोटिल होने के कारण विकेटकीपर बल्लेबाज़ तब चार दिन पहले ही भारतीय टीम के साथ जुड़े थे।
पंत भारत के वास्तविक विश्व कप दल में नहीं थे, उनको शामिल न किए जाने को लेकर काफ़ी सवाल भी खड़े किए गए थे। दिल्ली कैपिटल्स के उनके कोच रिकी पोंटिंग ने तो यहां तक कह दिया था कि पंत की गैरमौजूदगी के कारण भारतीय टीम ने एक्स फ़ैक्टर खो दिया है। विजय शंकर और दिनेश कार्तिक को पंत से पहले इंग्लैंड ले जाया गया था।
अगर आप यह सोच रहे हैं कि आख़िर हम 2019 की बात की चर्चा नवंबर 2022 में क्यों कर रहे हैं? तो ऐसा इसलिए है क्योंकि सफ़ेद गेंद क्रिकेट में बतौर बल्लेबाज़ पंत को लेकर की जाने वाली चर्चा में इस अवधि में अधिक प्रगति नहीं हुई है। वह भी तब जब वह आईपीएल में दिल्ली की अगुवाई करने के साथ साथ दो विश्व कप में भी भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए टी20 विश्व कप से पहले ही एकादश में जगह बनाने के लिए पंत कार्तिक के साथ संघर्ष कर रहे थे। पंत ने टेस्ट क्रिकेट में ख़ुद को बतौर विकेटकीपर भारतीय टीम की पहली पसंद के तौर पर तो स्थापित कर लिया है लेकिन टी20 में वह ऐसा कर पाने में अब तक असमर्थ रहे हैं।
आंकड़े इस दावे के एकदम के विपरित हैं कि पंत टी20 के विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं। अक्तूबर 2019 से लेकर अब तक टी20 में कम से कम 1000 गेंदें खेलने वाले 122 बल्लेबाज़ों में पंत 129.34 के स्ट्राइक रेट के साथ 94वें स्थान पर हैं। पंत से कम का स्ट्राइक रेट रखने वाले अन्य बल्लेबाज़ भी हैं लेकिन वे पारी के दौरान एंकर का रोल अदा करते हैं जबकि पंत ऐसे बल्लेबाज़ नहीं हैं।
थोड़ी और गहराई में चलते हैं, इससे अधिक स्पष्टता मिलेगी। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के स्मार्ट स्टैट्स इंपैक्ट के अनुसार अक्तूबर 2019 से लेकर अब तक पूर्ण सदस्यों के बीच खेले गए टी20 अंतर्राष्ट्रीय और आईपीएल, पीएसएल, बीबीएल, सीपीएल सहित अन्य टी20 लीग में बल्लेबाज़ी करने वाले 65 बल्लेबाज़ों में पंत 57वें स्थान पर हैं। जबकि टी20 विश्व कप में भारतीय दल में अपनी जगह न बना पाने वाले संजू सैमसन इस सूची में 25वें स्थान पर हैं।
कार्तिक बनाम पंत के इस द्वंद्व को ध्यान में रखते हुए पंत का आईपीएल 2022 का सीज़न इतना भी बुरा नहीं था। उन्होंने 13 पारियों में 151.78 के स्ट्राइक रेट से 340 रन बनाए थे। हालांकि दूसरी तरफ़ आरसीबी के लिए 183.33 के स्ट्राइक रेट से 330 रन बनाने वाले कार्तिक के सिर एक फ़िनिशर का तमगा सज गया और विश्व कप में सुपर 12 के पहले चार मुक़ाबले में वह भारतीय टीम की पहली पसंद बन गए।
कार्तिक ने विश्व कप में एक, छह और सात रनों की पारियां खेली जिसके बाद भारतीय टीम ने अपने प्लान ए से दूरी बनाते हुए ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ अपने अंतिम ग्रुप मैच और सेमीफ़ाइनल में पंत को मौक़ा दिया। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जब वह चार गेंद में छह रन बनाकर रनआउट हुए तब एक बार फिर यह सवाल खड़ा हुआ कि उन्हें अंतिम दो ओवर में बल्लेबाज़ी करने के लिए मैदान में उतारने के बजाय बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर क्यों नहीं भेजा गया?
अब जब भारत 2024 टी20 विश्व कप की ओर देख रहा है तब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आख़िर वह एक टी20 बल्लेबाज़ के तौर पर पंत के भीतर से सर्वश्रेष्ठ कैसे निकालेगा? रोहित, विराट कोहली और के एल राहुल को दिए गए आराम के चलते पंत 18 नवंबर से शुरू होने वाली टी20 सीरीज़ में भारतीय टीम के उपकप्तान हैं। ज़ाहिर है इस श्रृंखला में उनके पास ऊपर बल्लेबाज़ी करने के अवसर होंगे। हालांकि कार्तिक का करियर भले ही समाप्ति की ओर हो लेकिन पंत को टी20 में अपने स्थान को लेकर आश्वस्त होने की कोई ज़रूरत नहीं है। क्योंकि उन्हें चुनौती देने के लिए इशान किशन और संजू सैमसन मौजूद हैं।
लेकिन अगर वास्तव में पंत भारतीय टीम की पहली पसंद हैं, जैसा कि प्रतीत भी हो रहा है तो ऐसी स्थिति में भूमिका को लेकर स्पष्टता काफ़ी ज़रूरी है। पंत के लिए यह जानना आवश्यक है कि वह मध्य क्रम में सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, सैमसन, दीपक हुड्डा और हार्दिक पंड्या का हाथ बंटाएंगे या वह टॉप ऑर्डर में किशन और शुभमन गिल के साथ अपनी जगह बनाने के लिए जाएंगे? और तब क्या होगा जब रोहित, विराट और राहुल कुछ समय बाद वापसी करेंगे?
चूंकि अभी अगले टी20 विश्व कप में दो वर्षों का समय है ऐसे में भारतीय टीम के पास यह निर्णय करने का कि वह किस तरह क्रिकेट खेलना चाहते हैं और इसके लिए ज़रूरी खिलाड़ियों को चिन्हित करने का समय है। इस दौरान सबसे छोटे प्रारूप में पंत के लिए अपनी क्षमता से अवगत होना भी ज़रूरी है। क्योंकि भारत ने अब तक जितने भी प्रयोग किए हैं उनसे उन्हें अच्छे परिणाम नहीं मिले हैं। निकट भविष्य में कई अवसर आने वाले हैं और यह भारतीय टीम प्रबंधन के ऊपर है कि वह कैसे पंत को सफलता पाने के क्रम में एक बेहतर माहौल बना पाते हैं। क्या इसकी शुरुआत न्यूज़ीलैंड से हो सकती है?
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।
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