स्टोक्स की 'क्यों नहीं' मनोवृत्ति टेस्ट जीतने के लिए कैसे कर सकती है हदों को पार?
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान ने मुल्तान में मौसम के प्रभाव को टालने के लिए पारी ज़ब्त करवाने की संभावना की बात की

मुल्तान के रमाडा होटल में दोपहर के क़रीब एक बजे इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ी टहल रहे थे। कई तो कोच ब्रेंडन मक्कलम के साथ गॉल्फ़ खेलने भी निकल चुके थे। एक तरफ़ पकिस्तान के कुछ खिलाड़ी अपने बाल कटवाने और स्टाइल करवाने का इंतज़ाम कर रहे थे तो वहीं पत्रकारों के बीच घिरे बेन स्टोक्स अपनी क्रिकेट की सोच को लेकर कुछ काल्पनिक सवालों के जवाब दे रहे थे।
किसी ने उनसे पूछा कि अगर इंग्लैंड को कभी आख़िरी ओवर में 20 रन बनाने की ज़रूरत हो और एक ही विकेट बचते हुए जेम्स एंडरसन स्ट्राइक पर रहें तो क्या स्टोक्स उन्हें जीतने की कोशिश करने की सलाह देंगे? पलक झपकाए बिना स्टोक्स ने कहा कि हां, उनकी ऐसी स्थिति में भी यही उम्मीद रहेगी।
इस बात पर कुछ पत्रकार हंसने लगे। किसी ने ऐसा भी कहा कि एंडरसन अगर पांच लगातार रिवर्स स्वीप मार देते हैं तो शायद यह मुमकिन हो। स्टोक्स ने केवल अपने कंधे उचकाए, मानो वह कह रहे हों, "क्यों नहीं?"
तो क्या स्टोक्स के अनुसार मैच ड्रॉ कराना उनकी योजनाओं का हिस्सा बन ही नहीं सकता? उन्होंने इस पर मुस्कुराते हुए कहा, "क्या इसका जवाब देना ज़रूरी भी है?" इसके कुछ देर बाद उन्होंने एक दिन टेस्ट मैच में गति डालने के लिए एक पारी को फ़ोरफ़िट (ज़ब्त करने) की बात भी की। आख़िर क्यों नहीं?
पकिस्तान पर पहले टेस्ट में इंग्लैंड की जीत के दौरान उनके आक्रामक रवय्ये की ख़ासियत यह थी कि इसने मेज़बान टीम को भी थोड़ा अति आक्रामक होने की पूरी चुनौती पेश की । इंग्लैंड के खेल के हर पहलू - बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी, फ़ील्ड की सजावट, कार्य प्रणाली और अटूट विश्वास - से यह झलका कि ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है। स्टोक्स इस अभियान में किसी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। स्टोक्स की कप्तानी में पहले आठ टेस्ट में सात उन्होंने जीते हैं, जिनमें पांच रोमांचक चेज़, एक पारी की जीत और अब रावलपिंडी का नाटकीय नतीजा शामिल हैं। पाकिस्तान जैसे देश में स्थानीय क्रिकेटरों को हीरो का दर्जा मिलता है लेकिन क्रिकेट की विचारधारा को लेकर समर्थकों में कोई स्पष्टत्ता नहीं रहती। इस देश के फ़ैन भी इंग्लैंड को पसंद करने लगे हैं।
यह याद रखना ज़रूरी है कि लगभग इन्हीं खिलाड़ियों का गुट 2022 के गर्मियों से पहले 17 टेस्ट में केवल एक जीता था। अगर वही खिलाड़ी स्वतंत्रता के साथ रूढ़िवादी सोच को दरकिनार कर ऐसा खेल रहे हैं, तो इसका श्रेय स्टोक्स के नेतृत्व को जाता है। खेल की शैली से लेकर उन्होंने खिलाड़ियों की तैयारी में भी उन्हें व्यक्तिगत आज़ादी दी है। अभ्यास सत्र स्वैच्छिक बनाए गए हैं और खिलाड़ियों को मैदान के लिए रवाना होने के लिए देर के कॉल टाइम मिलते हैं ताकि किसी को ज़्यादा देर बेकार न बैठना पड़े। स्टोक्स लगभग दशक भर से टीम के सीनियर खिलाड़ी रहे हैं। यह चीज़ें उन्होंने पहले क्यों नहीं सुझाए?
स्टोक्स ने कहा, "जो चीज़ें अब हो रही हैं, मैंने हमेशा माना है कि यही सबसे अच्छा तरीक़ा है। लेकिन तब जो [रूट] कप्तान थे और यह उनकी टीम थी। मैंने उस दौरान उनके हर फ़ैसले का सम्मान किया लेकिन जब मुझे कप्तानी का मौक़ा मिला तब मैंने टीम को अपने हिसाब से चलाने का मन बनाया। खिलाड़ियों ने मेरे योजनाओं का पूरा समर्थन किया है। टेस्ट क्रिकेट को सदियों से एक ही सांचे में ढाला जाता रहा है। ऐसा बताया जाता रहा है कि टेस्ट ऐसे खेलते हैं, मैदान और उसके बाहर आपका व्यवहार ऐसा होता है। मेरी टीम में सबने पर्याप्त क्रिकेट खेला है और वह अपनी गेम को समझते हैं। ऐसे में सबको अपनी ज़िम्मेदारी देने में क्या हर्ज? क्यों नहीं?"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने हमेशा यही सोच रखी है और औरों को भी याद दिलाया है कि हमें मैदान पर उतरते समय केवल याद रखना है कि हम वहां क्या कर रहे हैं और किस टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह एक पल में ओझल हो सकता है इसीलिए आपको मैदान पर पूरे मन के साथ ख़ुद को व्यक्त करना चाहिए।"
स्टोक्स मानते हैं कि इंग्लैंड की सफ़ेद गेंद टीमों की सफलता के चलते खिलाड़ियों को सकारात्मक सोच के लिए प्रतिबद्ध करना और आसान बना। पिंडी टेस्ट में इंग्लैंड ने 6.50 की स्ट्राइक रेट से 657 और 7.36 के स्ट्राइक रेट से सात पर 264 पारी घोषित बनाए। इस प्रक्रिया की शुरुआत पहले दिन चार शतकवीरों ने की, जो ख़ुद को हर फ़ॉर्मैट के सक्षम खिलाड़ी मानते हैं। शायद इस टीम के लिए पाकिस्तान भी सबसे मुनासिब दौरा है। पिछले 20 सालों में इतने कम देश यहां खेलने आए हैं कि परिस्थितियों का आकलन करने लायक पर्याप्त हालिया डाटा भी उपलब्ध नहीं है। पिचों का बर्ताव इतना अप्रत्याशित है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अध्यक्ष रमीज़ राजा और कप्तान बाबर आज़म भी हैरान हैं।
पिंडी टेस्ट के बारे में स्टोक्स ने कहा, "मैंने बाबर को कहते सुना कि वह भी पिच से ज़्यादा स्पिन की उम्मीद कर रहे थे, जो हुआ नहीं। आप उपमहाद्वीप में टेस्ट से यही उम्मीद रखते हैं कि समय के साथ स्पिन को ज़्यादा मदद मिलेगी लेकिन यहां हमने पांचवें दिन देखा कि रिवर्स स्विंग का असर बढ़ने वाला था। वैसे आप हमारी पहली पारी के आधार पर देखेंगे हम तैयार थे। हमारे पास तीन सीमर और तीन स्पिन के विकल्प थे।"
मुल्तान में इंग्लैंड को 2-0 की बढ़त लेनी है तो स्टोक्स को कल्पना की कुछ हदों को पार करना पड़ेगा। सर्दी के मौसम में यहां सुबह इतना कोहरा रहता है कि टेस्ट मैच को 10 बजे शुरू करना आशावादी है। इस कोहरे के चलते मंगलवार को इंग्लैंड की टीम भी इस्लामाबाद से साढ़े तीन घंटे के विलंब से पहुंची थी। इसके साथ अगर सूर्यास्त के समय को जोड़ें तो ऐसा लगता है स्टोक्स की कप्तानी का पहला ड्रॉ बहुत दूर नहीं। हालांकि इंग्लैंड के कप्तान उसे टालने के लिए कोई भी क़दम उठाने से कतराएंगे नहीं। भले ही उन्हें एक पारी ज़ब्त भी करवानी पड़े।
स्टोक्स बोले, "एक समय आएगा जब मैच से परिणाम निकलवाना लगभग असंभव दिखेगा। मान लीजिए चार दिनों तक बारिश हो। ऐसे में फिर भी मैं बैज़ [मक्कलम] के साथ यही चर्चा करूंगा कि परिणाम कैसे निकाली जाए। इंग्लैंड में ऐसा हो ही सकता है। तब शायद मैं पहले दिन बिना बल्लेबाज़ी किए ही पारी समाप्त कर दूं।"
"हमें ऐसा कुछ इस टेस्ट में भी देखने को मिल सकता है। अगर मौसम की वजह से 300-350 ओवर का खेल ही हो पाया, तो शायद हमें कुछ अलग करना पड़ेगा।"
विदूशन अहंतराजा ESPNcricinfo में एसोसिएट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।
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