पाकिस्तान के जुगनू रिज़वान एक बार फिर चमके
लगातार दूसरे मैच में उनकी बल्लेबाज़ी से पाकिस्तान ने क़रीबी मैच जीतने लायक स्कोर बनाया

लाहौर के गद्दाफ़ी स्टेडियम में शाम ढलते ही आपको सबसे ज़्यादा यहां के जुगनू और फतिंगे नज़र आने लगते हैं।
यह हर सतह पर चिपक जाते हैं और हिलने का नाम नहीं लेते। आप तेज़ और अकस्मात हाथों को हिलाने पर उन्हें एक पल के लिए व्याकुल कर सकते हैं लेकिन यह इतने ज़िद्दी होते हैं कि यह फिर वापस उसी मुद्रा में लौट आते हैं जिसमें वो इससे पहले थे।
बुधवार को जैसे दिन सांयकाल में बदला, वैसे ही मैदान पर जुगनू और अन्य कीटों की संख्या बढ़ती गई और क्रीज़ पर आए मोहम्मद रिज़वान।
रिज़वान पिछले दो साल से टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ओपन करने लगे हैं। ऐसे में उन्होंने पाकिस्तान की दीर्घकालिक प्रसिद्धि को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। पाकिस्तान की टीम को अप्रत्याशित और मनमौजी माना जाता है। आप को कभी पता नहीं होता कि मैच के दिन मैदान पर कौन सा पाकिस्तान उतरने वाला है। लेकिन आपको ठीक पता होता है कि रिज़वान उस दिन क्या करेंगे। टी20 प्रारूप में 53.76 की उनकी औसत अविश्ववसनीय नहीं, अद्वितीय भी है। एशिया कप के शुरुआत से उन्होंने इसे एक अलग ही स्तर पर ला खड़ा किया है। 11 पारियों में से सात में उन्होंने अर्धशतक जड़े हैं और औसत रही है 56.22 की।
लाहौर में उन्हें एक धीमी पिच पर ठीक 100 मिनट की पारी में काफ़ी संघर्ष करना पड़ा। उनका लक्ष्य था पाकिस्तान को ऐसे स्कोर तक पहुंचाना जहां से वह लड़ सकें (और आख़िरकार उन्होंने जीत भी हासिल की) और इसके लिए उन्होंने 18वें ओवर तक बल्लेबाज़ी करते हुए 46 गेंदों पर 63 रन बनाए। उनकी टीम के किसी और खिलाड़ी ने 15 से अधिक रन नहीं बनाए।
रिज़वान ने अपनी पारी में आठ ही गेंदें खेली थी जब एक तेज़ सिंगल लेते हुए डाविड मलान द्वारा फेंकी गेंद सीधे उनकी पीठ पर जा लगी। उन्होंने आगे बल्लेबाज़ी जारी रखी लेकिन इंग्लैंड के चेज़ के दौरान मैदान पर नहीं उतर सकें। 12वीं गेंद पर ऐलेक्स हेल्स ने मिड-ऑन पर उनका कैच छोड़ा और अगली ही गेंद पर उन्होंने जले पर नमक छिड़कते हुए मैच का पहला छक्का जड़ा। जब 10 ओवर हो चुके थे तो पाकिस्तान 66 पर तीन विकट गंवा चुका था और रिज़वान को केवल 23 गेंदें ही मिली थी।
ड्रिंक्स के बाद रिज़वान ने आदिल रशीद की गेंद पर आगे बढ़ते हुए एक और छक्का लगाया, लेकिन दूसरे छोर पर क्रमशः इफ़्तिख़ार अहमद, आसिफ़ अली और मोहम्मद नवाज़ अपना विकेट गंवा बैठे। इस सब के बीच रिज़वान पूरी तरह इंग्लैंड के नाक में दम बनने में लगे रहे। उन्होंने अपनी पारी में केवल आठ डॉट गेंदें खेली। मार्क वुड एक बार फिर गेंद के साथ आग उगल रहे थे लेकिन रिज़वान ने उनकी गेंदबाज़ी पर 20 में से 14 रन ख़ुद ही बनाए। इसमें एक ज़बरदस्त पुल द्वारा बनाए छह रन भी शामिल थे।
रिज़वान की बल्लेबाज़ी देख कर कई बार लगता है कि वह कुछ चीज़ों को बेहतर कर सकते हैं। यह सच है कि उन्होंने कुछ पारियों में जमने में काफ़ी गेंदें ज़ाया की हैं और फिर बहुत लंबा नहीं खेल पाए। यह भी सच है कि वह लेग स्पिन के विरुद्ध अधिक आक्रामक बन सकते हैं। साथ ही पावरप्ले के तुरंत बाद भी उनका रवैया और सकारात्मक रह सकता है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि रिज़वान इस शैली से बल्लेबाज़ी इस लिए करते हैं कि यह उनकी अपनी सोच है। पाकिस्तान जब पूरे खिलाड़ियों की उपलब्धि के साथ मैदान पर उतरता है तो उनका गेंदबाज़ी क्रम शायद दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। ऐसे में उन्हें लगता है कि बल्ले से अगर वह एक ठीक-ठाक स्कोर भी खड़ा करेंगे तो उनके लिए पर्याप्त है। यह रणनीति काफ़ी समय से उनके लिए कारगर सिद्ध हुई है।
रिज़वान धीमा खेलते हैं लेकिन उनकी निरंतरता रंग लाती है। वर्तमान सीरीज़ में 2-1 से पिछड़ने के बाद तीन और छह रनों की जीत में उन्होंने 67 गेंदों पर 88 और 46 पर 63 की पारियां खेली हैं। इस सीरीज़ में इंग्लैंड का शीर्ष क्रम अब तक संघर्ष करता आया है और 10 पारियों में उनके लिए किसी ओपनर का इकलौता अर्धशतक हेल्स ने ही पहले मैच में लगाया है। इंग्लैंड की रणनीति कुछ समय से बल्लेबाज़ी की गहराई और शुरुआत से आक्रामक बैटिंग की रही है और इसे सीमित ओवर क्रिकेट की आदर्श सोच बताई जाती है। ऐसे में कप्तान मोईन अली का कहना कि उनके बल्लेबाज़ भी रिज़वान से सीख सकते हैं, उस नीति के विपरीत लगा।
मोईन बोले, "वह एक लाजवाब खिलाड़ी हैं और उन्हें रोकना काफ़ी कठिन। वह हमेशा स्ट्राइक रोटेट करते हैं और कुछ अजीब जगहों पर बाउंड्री मार देते हैं। आज उन्होंने स्थिति को देखा और उस हिसाब से अपने गेम को बदल लिया। वह जोख़िम भी उठाते रहे लेकिन उन्होंने काफ़ी हिस्सा सावधानी से खेला। मुझे लगता है हमें उनकी शैली से काफ़ी कुछ सीखना चाहिए।"
इस सीरीज़ में रिज़वान पांच मैचों में 315 रन बना चुके हैं, जो पुरुष क्रिकेट में किसी भी द्विपक्षीय सीरीज़ में सर्वाधिक योग है। टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियां पाकिस्तान से बिलकुल अलग मिलेंगी और अब तक ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए उनका रिकॉर्ड भी ख़ास नहीं है।
फिर भी एक बात तो तय है। पाकिस्तान के लिए विश्व कप जैसा भी हो, उनकी बल्लेबाज़ी के जुगनू रिज़वान क्रीज़ पर डटे रहेंगे और वहां चिपक कर अर्धशतक बनाते रहेंगे। यह प्रारूप भले ही अनिश्चितता का भंडार हो, रिज़वान की बल्लेबाज़ी में निरंतरता का अभाव आते देखना कठिन है।
मैट रोलर (@mroller98) ESPNcricinfo के असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।
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