पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर ऐतिहासिक समझौता
पिछले कुछ महीनों से खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच केंद्रीय अनुबंध को लेकर काफ़ी तनातनी चल रही थी

पीसीबी और पाकिस्तान पुरुष टीम के खिलाड़ी केंद्रीय अनुबंध पर एक ऐतिहासिक समझौते के काफ़ी क़रीब हैं, जिससे कई महीनों की गतिरोध और अनिश्चितता समाप्त हो गई है। पाकिस्तान में पहली बार 12 महीनों के बजाय तीन साल का अनुबंध रखा गया है, साथ ही खिलाड़ियों की कमाई में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ आईसीसी से होने वाली पीसीबी की राजस्व का एक निश्चित हिस्सा भी शामिल है।
यह समझौता सबसे हालिया केंद्रीय अनुबंध 30 जून को समाप्त होने के लगभग तीन महीने बाद हुआ है। तब से पाकिस्तान के खिलाड़ी बिना किसी वित्तीय मुआवजे के खेल रहे थे। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो समझता है कि पीसीबी ने खिलाड़ियों को नया समझौता होने तक पुराने अनुबंधों के भुगतान ढांचे को जारी रखने का विकल्प दिया था, जिसे खिलाड़ियों ने ठुकरा दिया।
श्रीलंका में टेस्ट श्रृंखला, अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ वनडे श्रृंखला और एशिया कप सभी सक्रिय अनुबंध के बिना खिलाड़ियों द्वारा खेले गए थे। ऐसा अपरिहार्य लग रहा था कि पाकिस्तान बिना अनुबंध के विश्व कप भी खेलेगा। कप्तान बाबर आज़म ने अपनी भारत की यात्रा करने से पहले प्रेस वार्ता के दौरान कोई संकेत भी नहीं दिया था कि अनुबंध की बात कहां तक पहुंची है।
पिछले कुछ हफ़्तों से खिलाड़ी और बोर्ड के बीच में अनुबंध को लेकर काफ़ी खींचतान चल रही थी लेकिन कहीं से भी इस मसले का हल नहीं निकल रहा था। अभी जो समझौता हुआ है, वह हाल के इतिहास में किसी अनुंबध की तुलना में खिलाड़ियों के लिए अधिक उदार है। श्रेणी ए के खिलाड़ियों को लगभग 13 लाख रूपए दिए जाने की बात हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना से अधिक की वृद्धि है।
पीसीबी ने शुरू में श्रेणी ए के खिलाड़ियों को पीएसएल के अलावा सिर्फ एक टी20 लीग खेलने का विकल्प दिया था, लेकिन अनुबंध की श्रेणी की परवाह किए बिना सभी केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को अब दो अतिरिक्त लीग खेलने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की गई है।
अब तक बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच सबसे बड़ी बाधा राजस्व बंटवारे के लेकर हाने वाले बातचीत थी। खिलाड़ी आईसीसी द्वारा पीसीबी को सालाना भुगतान किए जाने वाले राजस्व का कुछ हिस्सा मांग रहे थे, जिस पर बोर्ड सहमत होने के लिए अनिच्छुक था। अंत में बोर्ड, खिलाड़ियों को राजस्व का 3% हिस्सा देने पर सहमत हुआ है, जो लगभग 8 करोड़ रूपए के बराबर है। इसका भुगतान खिलाड़ियों को उनके मासिक रिटेनरशिप और मैच फ़ीस के अलावा किया जाएगा।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अपने खिलाड़ियों को आईसीसी से मिलने वाले राजस्व का 27.5 फ़ीसदी हिस्सा देता है। वहीं बीसीसीआई अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के साथ 26 फ़ीसदी राजस्व साझा करता है।
खिलाड़ियों द्वारा पीसीबी को अपनी अधिकांश शर्तों पर सहमत कराने में क़ामयाब होने का मुख्य कारण सामूहिक नेतृत्व था। यह समझा जाता है कि बातचीत का नेतृत्व करने वाले चार खिलाड़ियों बाबर, मोहम्मद रिज़वान, शाहीन शाह अफ़रीदी और शादाब ख़ान ने इस वार्ता के लिए एकजुट मोर्चा बनाया, और सभी की ओर से बातचीत करने के लिए टीम के बाक़ी सदस्यों के भरोसे को बरकरार रखा।
इन अनुबंधों को तीन साल तक बढ़ाने का निर्णय सभी पक्षों को मध्यम से दीर्घकालिक निश्चितता भी प्रदान करता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वर्तमान में प्रस्तावित केंद्रीय अनुबंध वाले सभी खिलाड़ियों को अगले 36 महीनों तक रखा जाएगा या यहां तक कि उन्हें पदावनत नहीं किया जा सकता है। अनुबंध वार्षिक समीक्षा के अधीन होंगे, जिसमें खिलाड़ी संभावित रूप से अंदर आ सकते हैं या बाहर हो सकते हैं, लेकिन अनुबंधों का बुनियादी ढांचा 2026 तक अपरिवर्तित रहेगा।
दन्याल रसूल ESPNcricinfo के पाकिस्तान संवाददाता हैं. @Danny61000
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