डब्ल्यूपीएल और आईपीएल में अब वाइ़ड और नो बॉल के लिए भी डीआरएस
यह पहली बार होगा जब टी20 लीग में इस तरह के फै़सलों की समीक्षा की जाएगी

टी20 लीग में पहली बार खिलाड़ियों को डीआरएस का इस्तेमाल करते हुए वाइड और नो बॉल के फै़सलों की समीक्षा करने की अनुमति होगी। विमेंस प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) डीआरएस में इस संशोधन को पेश करने वाली पहली प्रतियोगिता है, और इसे आगामी आईपीएल में भी लागू किया जाएगा।
डब्ल्यूपीएल ने यह फ़ैसला लिया है कि "एक खिलाड़ी 'टाइम आउट' (प्लेयर रिव्यू) के अपवाद के साथ, ऑन-फ़ील्ड अंपायरों के द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय की समीक्षा का अनुरोध कर सकता है।"
अब तक खिलाड़ी केवल आउट करार दिए जाने के निर्णयों की समीक्षा कर सकते थे, लेकिन डब्ल्यूपीएल और आईपीएल में ऐसा नहीं होगा। ये समीक्षाएं वाइड और नो बॉल के लिए भी उपलब्ध होंगी। इसके लिए टीमों को अलग से रिव्यू नहीं दिया जाएगा। नियम पहले जैसे ही रहेंगे, जहां टीमों के पास दो बार रिव्यू करने का मौक़ा होता था। साथ ही दो असफल रिव्यू के साथ यह ख़त्म हो जाता था।
डब्ल्यूपीएल के पहले दो मैच में खिलाड़ी इस नई सुविधा का उपयोग कर चुके हैं। मुंबई इंडियंस और गुजरात जायंट्स के बीच टूर्नामेंट के पहले मैच में मुंबई की स्पिनर सायका इशाक की एक गेंद को ऑन फ़ील्ड अंपायर ने वाइड करार दिया था। मुंबई ने डीआरएस का उपयोग करते हुए फ़ैसले की समीक्षा की और इसे पलट दिया गया क्योंकि रिप्ले से पता चला कि गेंद बल्लेबाज़ मोनिका पटेल के दस्ताने को छूते हुए गई थी।
मुंबई की हीदर नाइट ने कहा, "मुझे लगता है कि यह काफ़ी दिलचस्प फ़ैसला है। अक्सर टी20 में आपको समीक्षा करने के लिए ज़्यादा मौक़े नहीं मिलते हैं। इसलिए इसके उपयोग की रणनीति पर बात की जा रही है। पारी के अंत में इसका प्रयोग किया जा सकता है। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा फ़ैसला है। क़रीबी मैचों में इस तरह के फ़ैसले का असर पड़ सकता है।"
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