BCCI की नई इंसेंटिव स्कीम में मिलेगा लगातार टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को फ़ायदा
जय शाह ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य वित्तीय विकास और स्थिरता प्रदान करना है

BCCI ने टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम की घोषणा की है जिसमें एक कैलेंडर वर्ष में 75 प्रतिशत या उससे अधिक टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों की फ़ीस में 300 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हो जाएगा।
ESPNcricinfo को पता चला है कि यह कदम अजित अगरकर के नेतृत्व वाली सीनियर चयन समिति की सिफ़ारिश से लिया गया है, जिसमें प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों को प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अहमियत देने के लिए प्रोत्साहन दिया जा सके। यह स्कीम 2022-23 सीज़न में खेले गए सभी टेस्ट मैचों में भी लागू होगी।
उदाहरण के तौर पर चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने 2022-23 सीज़न में नौ में से सात टेस्ट (77.7% प्रतिशत) खेले उन्हें भी 45 लाख का प्रति मैच इसेंटिव दिया जाएगा, जिसमें इस दौरान प्रति मैच 15 लाख रुपये की फ़ीस अलग होगी। इंसेटिंव मिलाकर यह रकम 4.2 करोड़ हो जाती है, जबकि पहले उन्हें 1.05 करोड़ मिलते।
भारत को धर्मशाला में मिली पारी की जीत के बाद इंग्लैंड पर 4-1 से सीरीज़ अपने नाम करने के बाद जय शाह ने X पर पोस्ट करते हुए इस कदम का उद्देश्य वित्तीय विकास और स्थिरता प्रदान करना बताया है।
इंसेंटिव स्कीम के अनुसार, सीज़न में 50 से 75 प्रतिशत टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को 30 लाख प्रति टेस्ट (15 लाख मैच फ़ीस अलग), वहीं जो खिलाड़ी 50 प्रतिशत से कम टेस्ट खेलेंगे वह इस स्कीम में नहीं आएंगे। यह इंसेंटिंव स्कीम BCCI के केंद्रीय अनुबंध पाने वाले खिलाड़ियों से जुड़ी नहीं है।
पिछले महीने 2023-24 के लिए केंद्रीय अनुबंध में 26 की जगह 30 खिलाड़ियों का पूल रखा गया था, बोर्ड ने यह नहीं बताया था कि चार करार कैटगरी में किसको कितना पैसा मिलेगा, लेकिन ESPNcricinfo को पता चला है कि इसमें भी इज़ाफ़ा होने की उम्मीद है। हालांकि शनिवार को शाह ने इसकी घोषणा नहीं की थी। पिछले साल, ए+ कैटगरी को 7 करोड़, ए कैटगरी को 5 करोड़, बी कैटगरी को 3 करोड़ और सी कैटगरी को 1 करोड़ मिले थे।
इसी के साथ बोर्ड ने पांच तेज़ गेंदबाज़ों आकाश दीप, विजयकुमार विशाख, विदवथ कवेरप्पा और यश दयाल के साथ करार की भी घोषणा की थी जिससे उन्हें साल भर BCCI की एनसीए सुविधाएं मिल सकें, इसके साथ ही बोर्ड उनकी सर्जरी और रिहैब का इंश्योरेंस भी होगा।
यह कदम उस समय उठाया गया जब हाल ही में BCCI ने खिलाड़ियों को साफ़ मैसेज भेजा था कि उन्हें घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देनी होगी। सभी अनुबंधित खिलाड़ियों को लिखे पत्र में शाह ने कहा था कि अगर खिलाड़ी देश के लिए खेलना चाहते हैं तो उन्हें खुद को घरेलू क्रिकेट में साबित करना होगा और भाग नहीं लेने पर उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
यह पत्र तब लिखा गया जब इशान किशन और श्रेयस अय्यर ने अपनी टीमों के लिए रणजी ट्रॉफ़ी नहीं खेला था। किशन मानसिक तनाव के कारण दिसंबर में साउथ अफ़्रीका का टेस्ट दौरा बीच में छोड़ आए थे और तब से वह किसी तरह का घरेलू क्रिकेट नहीं खेले हैं।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट में बाहर होने के बाद अय्यर चोट के कारण क्वार्टरफ़ाइनल नहीं खेले जबकि एनसीए की मेडिकल टीम ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। अय्यर इसके बाद सेमीफ़ाइनल खेलने पहुंचे और अभी उन्हें रविवार से विदर्भ के ख़िलाफ़ होने वाले फ़ाइनल में खेलना है।
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