शेफ़ाली : ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलकर ऐसा लगता है लड़कों के साथ खेल रहे हैं
भारतीय ओपनर ने तीसरे मैच में लगाया था ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपना पहला टी20 अंतर्राष्ट्रीय अर्धशतक

शेफ़ाली वर्मा को गेंद को मैदान से बाहर मारना पसंद है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बाउंड्री लगाने की उनकी ख़ुशी बेजोड़ है, क्योंकि भारत की ओपनर बल्लेबाज़ का कहना है यह ऑस्ट्रलियाई टीम उन्हें पुरुषों की ऑस्ट्रेलियाई टीम की याद दिलाती है।
15 साल की उम्र में भारत के लिए पदार्पण करने वाली शेफ़ाली ने लंबा सफ़र तय कर लिया है और वह स्मृति मांधना के साथ महिला क्रिकेट की विस्फोटक जोड़ी बनकर उभरी हैं। कुछ समय तक चूकने के बाद बिग हिटर शेफ़ाली ने इस सप्ताह आख़िरकार ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपना पहला अर्धशतक लगाया जब उन्होंने 41 गेंद में 52 रन की पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में छह चौके और तीन छक्के लगाए।
शेफ़ाली ने चौथे टी20 मैच से पहले कहा, "मुझे ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलना पसंद है। ऐसा लगता है कि लड़कों के साथ ही खेल रहे हैं। जब मैं ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चौका लगाती हूं तो मैं प्रोत्साहित होती हूं, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट में एक बेहतरीन टीम है। मैं हमेशा ख़ुश होती हूं जब भी मैं ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों पर बाउंड्री लगाती हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे इतनी ख़ुशी इंग्लैंड या अन्य टीमों के ख़िलाफ़ बाउंड्री लगाने से नहीं मिलती है।"
अभी 1-2 से पिछड़ रही भारतीय टीम चौथे मैच को जीतकर पांच मैचों की सीरीज़ को जीवंत बनाने उतरेगी और शेफ़ाली जानती हैं कि अब कोई ग़लती नहीं कर सकते क्योंकि ऑस्ट्रेलिया छोटी ग़लतियों का फ़ायदा उठाने में क़ामयाब हो सकती है।
उन्होंने कहा, "जब मैं ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलती हूं तो ऐसा महसूस होता है मैं लड़कों के ख़िलाफ़ खेल रही हूं, क्योंकि उनका खेल ही इस तरह का है। अगर वे देखते हैं कि आप छोटी ग़लतियां कर रहे हो तो वह उसका फ़ायदा उठा लेते हैं। तो हमें उनके ख़िलाफ़ शीर्ष क्रिकेट खेलना पड़ेगा।"
शेफ़ाली ने कहा, "आप उनके ख़िलाफ़ ग़लतियां नहीं कर सकते। आपको अपने सर्वश्रेष्ठ शॉट खेलने होंगे, जिन्हें आप आत्मविश्वास के साथ खेलते हो। मैंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलकर बहुत कुछ सीखा है।"
भारत को पिछले मैच में 21 रन से हार मिली थी। शेफ़ाली और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भारत को मैच में बनाए रखा था लेकिन 18 वर्षीय खिलाड़ी ने ज़रूरी रन रेट को कम करने के चक्कर में बड़े शॉट खेलने के प्रयास में अपना विकेट गंवा दिया।
उन्होंने कहा, "हम अच्छा खेल रहे थे, लेकिन स्थिति ऐसी थी कि हमें जोखिम लेना था। हम 30 रन पीछे थे और वह स्थिति शॉट खेलने की मांग कर रही थी। जो शॉट मैंने खेला वह अक्सर छक्के के लिए जाता है लेकिन उस दिन दुर्भाग्य से मैंने अपना विकेट गंवा दिया।"
पहले दो मैच डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए जबकि तीसरे मैच सहित बाक़ी के दो मैच भी ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेले जाएंगे।
घरेलू टीम के बल्लेबाज़ स्ट्राइक बदलने में जूझते दिखे और सीरीज़ में काफ़ी खाली गेंद खेली। इस पर शेफ़ाली ने कहा, "यह विकेट डीवाई पाटिल स्टेडियम की तरह नहीं है। इस विकेट पर गेंदबाज़ों को स्विंग मिल रही है लेकिन हम कोई बहाना नहीं बना सकते। हम बल्लेबाज़ी कोच के निर्देशन में सिंगल्स पर काम कर रहे हैं। दिन प्रतिदिन हम सुधार कर रहे हैं।"
भारतीय गेंदबाज़ भी जूझते दिख रहे हैं लेकिन शेफ़ाली ने कहा कि सभी गेंदबाज़ सिंगल स्टंप पर गेंदबाज़ी करके मेहनत कर रहे हैं।
शेफ़ाली ने अंत में यह भी बताया कि बल्लेबाज़ी कोच ऋषिकेश कानितकर ने उनको शॉट सेलेक्शन पर फ़ोकस करने को कहा है।
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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