अश्विन : मैं वनडे क्रिकेट देखते हुए टीवी बंद कर देता हूं
भारतीय ऑफ़ स्पिनर का मानना है कि इस प्रारूप को और रोचक बनाने के लिए एक पारी में एक गेंद का उपयोग करना उचित होगा
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इंग्लैंड के लिए करो या मरो का मुक़ाबला - प्रीव्यू वसीम जाफ़र के साथभारतीय स्पिन गेंदबाज़ आर अश्विन ने कहा है कि वह 50 ओवर क्रिकेट देखते हुए "टीवी बंद कर देते हैं"। अश्विन का यह भी मानना है कि वनडे क्रिकेट में गेंदबाज़ों को वापसी करने के और मौक़े देने के लिए पारी में एक ही गेंद का उपयोग करना बेहतर होगा।
2011 के बाद से वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 50 ओवरों की पारी में दोनों छोरों से नई गेंद का इस्तेमाल हो रहा है। फलस्वरूप गेंद ज़्यादा देर तक ठोस रहती है और रिवर्स स्विंग करने के मौक़े कम होने से बल्लेबाज़ों को फ़ायदा मिलता है।
पूर्व इंग्लैंड खिलाड़ी माइकल वॉन और फ़िल टफ़नेल के 'वॉनी एंड टफ़र्स क्रिकेट क्लब' नामक पॉडकास्ट के दौरान अश्विन ने कहा, "मैं क्रिकेट का दीवाना हूं लेकिन वनडे मैच देखते हुए मैं कुछ देर में टीवी बंद कर देता हूं। यह इस प्रारूप के लिए ख़तरे की घंटी है। जब वनडे गेम से उतार-चढ़ाव घट जाते हैं तो यह बस टी20 प्रारूप का एक विस्तारित रूपांतर बन जाता है। मुझे लगता है एक गेंद का प्रयोग होना अच्छा होगा और इससे स्पिन गेंदबाज़ों को भी फ़ायदा मिलेगा।
"आप शायद अधिक स्पिनरों को आख़िर के ओवर्स में गेंदबाज़ी करते हुए देखेंगे और शायद पिच भी थोड़ी धीमी खेलने लगेंगी। ऐसे में रिवर्स स्विंग के आसार भी बढ़ेंगे। वनडे क्रिकेट की विशेषता यही थी कि मैच में कई उतार-चढ़ाव आते थे। अगर गेम आख़िर तक जाती थी तो रिवर्स स्विंग का असर साफ़ दिखता था। ऐसे में 60 गेंदों पर 60 रन के लक्ष्य में अगर बल्लेबाज़ी कर रही टीम के सात विकेट भी बचते तो आप गेंदबाज़ों को मैच से बाहर नहीं मान सकते थे। हालिया समय में ऐसा समीकरण पूरी तरह बल्लेबाज़ के पक्ष में होता है।"
अश्विन से पहले इसी पॉडकास्ट में न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ ट्रेंट बोल्ट ने भी कहा था कि "अच्छे विकेटों पर दो नई गेंदों" ने वनडे क्रिकेट को पूर्वकथनीय बना कर छोड़ दिया था। बोल्ट ने कहा था, "न्यूज़ीलैंड में आजकल रग्बी के मैदानों पर ड्रॉप-इन पिचों पर मैच खेले जाते हैं जहां गेंद टर्न नहीं होती। एक टीम 312 बनाती है तो जवाब में दूसरी टीम 47 ओवर में जीत जाती है और फिर आप सोचते हैं पिछले छह घंटे आख़िर कहां चले गए। मैं चाहूंगा गेंद ज़्यादा लहराए और स्पिन भी ले ताकि हम 250 बनाम 250 जैसे स्कोर भी उतना ही देखें जितना 420 बनाम 390 रन।"
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