पाटीदार : मैं भारत के लिए तीनों फ़ॉर्मेट में खेलना चाहता हूं
मध्यक्रम का यह धाकड़ बल्लेबाज़ अपने ऊपर सीमित ओवर क्रिकेटर का ठप्पा नहीं चाहता है

न्यूज़ीलैंड ए के ख़िलाफ़ पहले अनाधिकृत टेस्ट के तीसरे दिन इंडिया ए के रजत पाटीदार ने 241 गेंदों में नाबाद 170 रन की पारी खेली, जिसमें 14 चौके और चार छक्के शामिल थे। उन्होंने मैदान के चारों तरफ़ शॉट लगाए और युवा तिलक वर्मा (नाबाद 82) के साथ नाबाद 167 रनों की साझेदारी की। इस साझेदारी की बदौलत इंडिया ए पहली पारी में 92 रन की बढ़त लेने में सफल रहा और उनके अभी भी छह विकेट शेष हैं।
दिन के खेल के बाद पाटीदार ने कहा कि वह भारत के लिए तीनों फ़ॉर्मेट में खेलना चाहते हैं और इसके लिए वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, "मेरे पास वह गेम और क्षमता है कि मैं तीनों फ़ॉर्मेट खेल सकता हूं। हां, इसे पहचानना बहुत ज़रूरी है। मुझे भी लंबे समय तक खेलते-खेलते यह एहसास हुआ कि अगर मैं सफ़ेद गेंद में अच्छा कर रहा हूं तो लाल गेंद में भी अच्छा कर सकता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "लाल गेंद की क्रिकेट में आपको मैच की परिस्थितियों को समझना होता है, आपको यह तय करना होता है कि आपको कब और किस गेंदबाज़ पर आक्रमण करना है और कब रक्षात्मक शैली अपनानी है। अब मैं यह सब चीज़े समझने लगा हूं और इस समझ से ही मेरी लाल गेंद की क्रिकेट और बेहतर हुई है।"
इस साल की 10 प्रथम श्रेणी पारियों में यह पाटीदार का आठवां 50+ का स्कोर था। पाटीदार 2021-22 के रणजी सीज़न में कमाल के फ़ॉर्म में थे और उन्होंने छह मैचों की नौ पारियों में दो शतकों और पांच अर्धशतकों की मदद से 658 रन बनाए थे। उन्होंने अपनी इस लय को नए सीज़न में भी बरक़रार रखा है।
पाटीदार कहते हैं, "लाल गेंद की क्रिकेट में तकनीक बहुत ज़रूरी है। आपको यह समझना होगा कि लाल गेंद क्रिकेट में कौन सा शॉट खेलना है और कौन सा नहीं। इन मैचों में आप तेज़ गेंदबाज़ों पर आगे निकलकर 'ऑन द राइज़' शॉट खेलने से बच सकते हैं। मैं कोशिश करता हूं कि ऐसे मैचों में जितना हो सके शरीर से नज़दीक और सीधे बल्ले से खेलूं। टी20 में आप बल्ले को थोड़ा तेज़ घुमाते हैं लेकिन लाल गेंद की क्रिकेट में आपको वह बैट स्पीड कम करने की ज़रूरत होती है।"
हालांकि पाटीदार का मानना है कि सफ़ेद गेंद से लाल गेंद का यह परिवर्तन तकनीक से अधिक मानसिक होता है। वह कहते हैं, "मैं अब ख़ुद से बात (सेल्फ़-टॉक) करता हूं और अब अपने खेल को अच्छे से विश्लेषित (एनलाइज़) कर पाता हूं। मैंने अब सफ़ेद गेंद से लाल गेंद की यह शिफ़्टिंग सीख ली है। मुझे पता है कि लाल गेंद के पैरामीटर क्या हैं और मैं उसी के अनुसार अपनी योजना बनाता हूं। बस आपको अपने फ़्लो को स्विच ऑन और स्विच ऑफ़ करना आना चाहिए।"
मध्य प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफ़ी जीतने से पहले पाटीदार का रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए आईपीएल सीज़न भी अच्छा गया था। उन्होंने चोटिल लवनीत सिसोदिया की जगह टीम में शामिल होने के बाद से 8 पारियों में 55.50 की औसत से 333 रन बनाए, जिसमें एलिमिनेटर मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के ख़िलाफ़ शानदार शतक भी शामिल था। इस पारी के बाद पाटीदार की क़िस्मत बदल गई और उन्हें बड़े मैच के खिलाड़ी के रूप में देखा जाने लगा। इसके बाद उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भी शतक बनाया था।
कोलकाता की उस पारी को याद करते हुए पाटीदार कहते हैं, "आईपीएल की वह पारी मेरे और टीम दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी। हमने कुछ जल्दी विकेट खो दिए थे तो यह मेरा काम था कि मैं टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाऊं। इसके बाद मध्य प्रदेश के लिए ट्रॉफ़ी जीतना भी खिलाड़ियों और टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि यह हमारी पहली ख़िताबी जीत थी।"
29 वर्षीय पाटीदार को इस प्रदर्शन के बाद पहली बार इंडिया ए की टीम में शामिल किया गया। पाटीदार नए घरेलू सीज़न के लिए तो तैयार हैं लेकिन भविष्य के बारे में ज़्यादा सोच भी नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, "मेरे लिए हर सीज़न की तरह यह सीज़न भी महत्वपूर्ण है लेकिन मैं बहुत आगे के बारे में नहीं सोच रहा। मैं मौजूदा समय में बस अपनी बल्लेबाज़ी का लुत्फ़ उठा रहा हूं।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं @dayasagar95
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