रणजी राउंड अप: सर्विसेज़ और कर्नाटका को मिली रोमांचक जीत, मुंबई ने बंगाल को रौंदा
लगातार दो हार के बाद गुजरात के लिए नॉक आउट में पहुंचना हुआ मुश्किल

रणजी ट्रॉफ़ी के पांचवें दौर में दो बहुत ही रोमांचक मुक़ाबले खेले गए। एक मैच तो ऐसा था, जिसमें टूर्नामेंट के इतिहास में सिर्फ़ दूसरी बार ऐसा हुआ, जहां दो टीमों के बीच हार और जीत का अंतर सिर्फ़ एक रन का था। आइए देखते हैं कि पांचवें राउंड में टीमों का प्रदर्शन कैसा रहा।
ज़बरदस्त वापसी
महाराष्ट्र के ख़िलाफ़ एक क़रीबी जीत हासिल करते हुए डिफ़ेंडिंग चैंपियन सौराष्ट्र ने अपने नॉकआउट में पहुंचने के सपने को ज़िंदा रखा है।
इस मैच में एक समय ऐसा था, जब सौराष्ट्र की टीम सिर्फ़ 69 के स्कोर पर अपना आठवां विकेट गंवा चुकी थी और उनके पास सिर्फ़ 112 रनों की लीड थी। हालांकि इसके बाद उनके कप्तान जयदेव उनादकट और चिराग जानी ने क्रमश: 45 और 43 रनों की पारी खेली। नौवें विकेट के लिए इन दोंनों बल्लेबाज़ों ने 93 रनों की साझेदारी की और महाराष्ट्र के सामने 213 रनों का लक्ष्य रखा। इसके बाद सौराष्ट्र के बाएं हाथ के स्पिनर पार्थ भूत ने 44 रन देकर सात विकेट हासिल करते हुए, टीम को जीत दिला दी। इस जीत के साथ सौराष्ट्र प्वाइंट टेबल में अब टॉप तीन में आने के काफ़ी क़रीब है।
क़रीबी मुक़ाबला
इस रणजी ट्रॉफ़ी के चौथे राउंड तक सर्विसेज़ के खाते में एक भी जीत नहीं थी। पांचवें राउंड में भी उनकी शुरुआत कुछ ख़ास नहीं रही और पहली पारी में वे सिर्फ़ 108 के स्कोर पर आउट हो गए।
हालांकि इसके बाद उन्होंने हरियाणा के ख़िलाफ़ जिस तरह का काउंटर अटैक किया, वहऐतिहासिक बन गया। उन्होंने इस मैच को सिर्फ़ एक रन के अंतर से जीता।
रणजी इतिहास में यह केवल दूसरी बार था, जब कोई टीम एक रन से जीत हासिल करने में सफल रही। आंध्रा यह उपलब्धि हासिल करने वाली एकमात्र अन्य टीम थी, जब उन्होंने 1974-75 में तमिलनाडु को इस अंतर से हराया था।
पुलकित नारंग ने इस जीत की पटकथा लिखने में अहम भागीदारी निभाई। पहली पारी में उनके द्वारा हासिल किए गए तीन विकेटों के कारण ही पहली पारी में सर्विसेज़ की टीम पांच रन की लीड लेने में सफल रही। इसके बाद रजत पलीवाल ने 86 रनों की पारी खेली और हरियाणा के सामने 146 रनों का लक्ष्य रखा। अगर हरियाणा की टीम इस लक्ष्य को हासिल कर लेती तो वह प्वाइंट टेबल में टॉप पर आ जाती। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए हरियाणा की ने काफ़ी अच्छी शुरुआत भी की थी और एक समय पर वे एक विकेट के नुक़सान पर सिर्फ़ 81 रन बना चुके थे। हालांकि इसके बाद पुलकित ने फिर से हरियाणा के बल्लेबाज़ी क्रम को तहस-नहस करते हुए, 55 रन देकर पांच विकेट हासिल किए। इस तरह से हरियाणा की टीम लक्ष्य से एक रन पीछे रह गई।
सूरत में मनीष पांडे ने भी रेलवेज़ के ख़िलाफ़ कमाल की पारी खेलते हुए, कर्नाटका कोएक विकेट से जीत दिलाई।
226 रनों का पीछा करते हुए कर्नाटका की टीम एक समय पर सिर्फ़ 99 के स्कोर पर अपने छह विकेट गंवा चुकी थी लेकिन नीचले क्रम के बल्लेबाज़ों ने मनीष का बढ़िया साथ दिया और उन्हें एक विकेट से जीत हासिल हुई।
मनीष के अलावा तेज़ गेंदबाज विजयकुमार वैशाख ने 38 रन बनाते हुए, जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हालांकि जब वह आउट हुए तब कर्नाटका को 29 रनों की ज़रूरत थी और सिर्फ़ दो ही विकेट बचे हुए थे। हालांकि विधवत कावरेप्पा और वासुकी कौशिक ने मनीष का अच्छा साथ दिया। इस जीत के साथ अब कर्नाटका की टीम प्वाइंट टेबल में दूसरे स्थान पर पहुंच चुकी है।
उलटफेर
गुजरात की टीम ने दो जीत हासिल करते हुए, इस टूर्नामेंट की ज़बरदस्त शुरुआत की थी। हालांकि इसके बाद उन्हें दो मैचों में लगातार दो हार मिल चुकी है। इसके अलावा उन्होंने एक मैच ड्रॉ किया है। इस तरह के प्रदर्शन के बाद गुजरात की टीम अब ग्रुप सी के अंक तालिका में टॉप तीन में भी नहीं है।
त्रिपुरा के ख़िलाफ़ मिलीहार से अब नॉकआउट में उनके पहुंचने की उम्मीद को भी बड़ा झटका लगा है। त्रिपुरा एक ऐसी टीम है, जिन्होंने अब तक सिर्फ़ नौ रणजी मैच जीते हैं। इन नौ जीत में से दो जीत उन्होंने इसी सीज़न हासिल किया है। इन दो जीतों की बदौलत अब वह नॉकआउट में भी पहुंचने की दौड़ में शामिल हो गई है।
पहली पारी में त्रिपुरा की टीम गुजरात से 26 रन पीछे थी। हालांकि दूसरी पारी में मणिशंकर मूरा सिंह के 72 रनों की पारी ने उन्हें 343 रनों तक पहुंचा दिया।
318 रनों का पीछा करते हुए गुजरात की टीम के पहले पांच विकेट सिर्फ़ 64 के स्कोर पर ही गिर चुके थे और इसके बाद उन्हें वापसी करने का मौक़ा ही नहीं मिला। त्रिपुरा की तरफ़ परवेज़ सुल्तान ने मैच में 116 रन देकर 10 विकेट लिए।
बंगाल को मिली बड़ी हार
मुंबई ने बंगाल को हराते हुए, इस रणीज सीज़न में अपनी चौथी जीत हासिल कर ली है। अपने पांचवें मैच में मुंबई की टीम ने कोलकाता में बंगाल की टीम को एक पारी और चार रन से हराते हुए, बड़ी जीत दर्ज की। पहली पारी में एक वक़्त पर मुंबई की टीम सिर्फ़ 87 के स्कोर पर चार विकेट गंवा कर संघर्ष कर रही थी लेकिन इसके बाद कप्तान a href="https://www.espncricinfo.com/cricketers/shivam-dube-714451">शिवम दुबे और अपना डेब्यू रणजी मैच खेल रहे सूर्यांश शेडगे ने 144 रनों की साझेदारी करते हुए, मुंबई को 412 के स्कोर तक पहुंचा दिया।
इसके बाद बंगाल की टीम पहली पारी में 199 और दूसरी पारी में 209 रनों पर ऑलआउट हो गई। पहली पारी में अनुस्तुप मजूमदार ने शतक लगाते हुए, बंगाल की पारी को संभालने का प्रयास किया था लेकिन उन्हें किसी और बल्लेबाज़ का साथ नहीं मिला। इसके बाद दूसरी पारी में अभिषेक पोरेल ने भी अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन फिर से कोई और बल्लेबाज़ बढ़िया प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो पाया। मुंबई की तरफ़ से मोहित अवस्थी ने 52 रन देकर सात विकेट लिया।
Shashank Kishore is a senior sub-editor at ESPNcricinfo
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.