10/7 के स्कोर से कहीं बड़ी है दिल्ली क्रिकेट की उलझन
टीम के मुख्य चयनकर्ताओं के बीच चयन मीटिंग के दौरान तीखी नोकझोंक की बात आई सामने

दिल्ली का 2022-23 रणजी ट्रॉफ़ी अभियान एक के बाद एक कई समस्याओं का सामना कर रहा है।
पहले मैच में उन्हें महाराष्ट्र के ख़िलाफ़ नौ विकेट से हार मिली थी। इसके बाद दूसरे और तीसरे मैच में उन्हें सिर्फ़ एक-एक अंक मिले। वहीं सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ राजकोट में उन्होंने पहली पारी में सिर्फ़ 133 रन बनाए। इस मैच में दिल्ली की टीम ने सिर्फ़ 10 के स्कोर पर सात विकेट गंवा दिए थे।
अपने ग्रुप में दिल्ली फ़िलहाल सातवें स्थान पर हैं। उनकी टीम के नॉकआउट में पुहंचने की उम्मीदें काफ़ी तेज़ी से ओझल हो रही हैं।
मैदान पर चल रही समस्याओं के अलावा दिल्ली की टीम मैदान के बाहर भी कई तरह के समस्याओं का सामना कर रही है।
दिल्ली और ज़िला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) एक बार फिर विवादों के घेरे में है। मंगलवार को सीनियर और अंडर-25 पुरुष टीमों का चयन करने वाली समिति के सदस्य गगन खोडा और मयंक सिधाना के बीच बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक हुई।
माना गया है कि सी के नायडू ट्रॉफ़ी मैचों के अगले दौर के लिए अंडर-25 टीम का चयन तर्क के केंद्र में रहा है। रणजी टीम में भी असंगत चयनों को लेकर गहमागहमी रही है। डीडीसीए के सचिव सिद्धार्थ वर्मा पर भी आरोप है कि उन्होंने अंडर-25 कोच और भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ पंकज सिंह को चयन बैठक में बैठने नहीं दिया था।
बुधवार को भारत के पूर्व बल्लेबाज़ और एम एस के प्रसाद के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय चयनकर्ता रह चुके खोडा ने आरोप लगाया कि सिधाना ने अंडर -25 टीम में "संदिग्ध उम्मीदवारों" को टीम में शामिल कराने की कोशिश की थी।
मीटिंग करते हुए सिधाना यह कहते हुए बाहर चले गए कि उन्होंने खोडा और चयन पैनल के तीसरे सदस्य अनिल भारद्वाज द्वारा किए गए "कुछ चयनों" के कारण ऐसा किया था। पंजाब के पूर्व खिलाड़ी सिधाना ने पीटीआई से कहा, "सचिव सिद्धार्थ वर्मा ने भी मेरी आपत्ति पर ध्यान नहीं दिया। श्री खोडा ने अंडर-25 ट्रायल का एक भी मैच नहीं देखा है। वहीं श्री भारद्वाज विक्रम सोलंकी को टीम में शामिल करना चाहते थे।"
"मेरा तर्क यह था कि बीसीसीआई अंडर-25 टूर्नामेंट में जब उन्हें पहले मौक़ा दिया गया तो उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था, लेकिन उन्होंने ट्रायल-गेम के परिणामों पर ज़ोर दिया। मैं इस अनुचित व्यवहार का समर्थन नहीं कर सकता।"
बदोनी प्रमुख ओपनर की जगह ओपन कर रहे हैं
दिल्ली की टीम पर इस रणजी ट्रॉफ़ी के दौरान कई सवाल उठाए गए थे। सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ खेले गए मैच के दौरान कोच अभय शर्मा के द्वारा आयुष बदोनी को ओपन करवाने के फ़ैसले की काफ़ी ओलचना हुई है। बदोनी मुख्यतया मध्यक्रम के बल्लेबाज़ हैं। वहीं टीम के प्रमुख ओपनर वैभव शर्मा और सलील मल्होत्रा को टीम के बाहर रखा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह टीम के अंदरूनी राजनीति का नतीजा है। ये दोनों खिलाड़ी राजकोट में होटल में ही रूके रहे और टीम के साथ ग्राउंड पर नहीं थे क्योंकि बीसीसीआई के नियमों के अनुसार ड्रेसिंग रूम में सिर्फ़ 15 खिलाड़ी ही मौजूद रह सकते हैं।
रणजी मैचों के चौथे दौर से पहले बदोनी को एक सलामी बल्लेबाज़ के रूप में रखा गया था। यहां तक कि नियमित उपकप्तान हिम्मत सिंह को हटा दिया गया। सीनियर बल्लेबाज़ नितीश राणा भी टीम से बाहर हैं, जबकि नियमित विकेटकीपर अनुज रावत को अंडर-25 टीम में शामिल किया गया है।
चयन में हुए फेरबदल के बारे में पूछे जाने पर खोडा ने कहा, "देखिए, हम एक टीम चुनते हैं और कोच अंतिम एकादश का चयन करता है। हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।"
चोटिल खिलाड़ियों से भी दिल्ली की टीम हुई है प्रभावित
चयन की समस्याओं के अलावा दिल्ली के टीम अपने चोटिल खिलाड़ियों से भी काफ़ी परेशान हैं। उनके प्रमुख छह तेज़ गेंदबाज़ चोट का सामना कर रहे हैं। उन्हें अपने तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण के लिए रिज़र्व खिलाड़ियों पर निर्भर होना पड़ा है।
इशांत शर्मा साइड स्ट्रेन से उबर रहे हैं, जबकि सिमरजीत सिंह एड़ी की चोट से जूझ रहे हैं। मयंक यादव हैमस्ट्रिंग की समस्या से जूझ रहे हैं, जबकि नवदीप सैनी बांग्लादेश के टेस्ट दौरे पर लगी चोट के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैब कर रहे हैं। वहीं हर्षित राणा पैर की अंगुली की चोट से जूझ रहे हैं।
डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "आपका कोई प्री-सीज़न कैंप नहीं था, कोई उचित प्रशिक्षण सत्र नहीं था और तेज़ गेंदबाज़ों को ठीक से तैयार नहीं किया गया था। कोई योजना नहीं थी और अब जो हुआ है,वह ठीक वैसा ही है जैसा सिस्टम के बिना होना चाहिए था।"
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