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परिपक्व श्रेयस गोपाल का ध्यान 'दबाव वाले क्षणों में प्रदर्शन करने' पर

केरल के साथ एक सीजन खेलने के बाद, श्रेयस कर्नाटक की टीम में वापस आ गए हैं और अपना प्रभाव छोड़ने के लिए तैयार है

श्रेयस गोपाल को पिछले साल IPL 2024 में मुंबई की टीम ने चयनित किया था  Associated Press

29 साल की उम्र में श्रेयस गोपाल मानते हैं कि वे अपने गेंदबाज़ी के शिखर पर हैं। पिछले हफ़्ते इसका एक उदाहरण दिखा, जब उन्होंने अकेले ही कर्नाटक को 2024-25 रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न में बिहार के ख़िलाफ़ पहली जीत दिलाई।

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भले ही बिहार की टीम को उतना मज़बूत नहीं माना जाता है, लेकिन मैच के आख़िरी दिन बाबुल कुमार और सकिबुल ग़नी की शतकीय साझेदारी ने कर्नाटक के लिए समय की कमी का संकट खड़ा कर दिया था। लेकिन जब कप्तान मयंक अग्रवाल ने श्रेयस को गेंद सौंपी, तो उन्होंने पूरा खेल ही बदल दिया।

श्रेयस ने उस दौरान जल्दी-जल्दी चार विकेट लिए और बिहार की टीम एक अच्छी स्थिति में होने के बाद भी श्रेयस के इस आक्रामक अंदाज़ के कारण सिर्फ़ 76 रन के अंदर आठ विकेट गंवा बैठी, जिससे कर्नाटक को 69 रनों का लक्ष्य मिला और कम होती रोशनी के बीच कर्नाटक ने इसे प्राप्त कर लिया। श्रेयस ने इस मैच में कुल आठ विकेट लिए।

250 प्रथम श्रेणी विकेट से सात विकेट दूर श्रेयस का ध्यान हमेशा से ही दबाव वाले क्षणों में अच्छा प्रदर्शन करने का रहा है। वह हमेशा मैच पर अपनी छाप छोड़ने के प्रयास में रहते हैं। बिहार के ख़िलाफ़ उनका यह प्रदर्शन इस बात को साफ़-साफ़ प्रदर्शित करती है।

के गौतम की गैरमौजूदगी, विदवत कावेरेप्पा की चोट और प्रसिद्ध कृष्णा के भारत ए टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में होने के कारण श्रेयस का यह प्रदर्शन बिल्कुल सही समय पर आया है।

श्रेयस कहते हैं, "मुझे खु़शी है कि मैं फिर से अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहा। पिछले साल मैं केरल इसलिए गया था क्योंकि मुझे हर फ़ॉर्मेट में खेलने की गारंटी मिली थी। मेरे कर्नाटक के पिछले कार्यकाल के अंत में मुझे हर फ़ॉर्मैट में लगातार मौके़ नहीं मिल रहे थे। मैंने अपना IPL कॉन्ट्रैक्ट भी खो दिया था [2023 में]।"

केरल के लिए भी उन्होंने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया। 2023-24 रणजी सीजन में उन्होंने 6 मैचों में 16 विकेट लिए और लोअर मिडल ऑर्डर में 272 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था।

सफे़द गेंद की क्रिकेट में उनके आंकड़े और भी अच्छे थे। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में उन्होंने 8 मैचों में 12 विकेट लिए, जिसमें उनकी इकॉनमी 4.96 की थी। और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी (T20) में 7 मैचों में 12 विकेट लिए, जहां उनकी इकॉनमी 7.66 की थी।

इन्हीं प्रदर्शनों के आधार पर मुंबई इंडियंस ने उन्हें IPL में चुना, लेकिन पीयूष चावला के बतौर प्रमुख भारतीय स्पिनर चुने जाने के कारण श्रेयस को केवल तीन मैच खेलने का मौक़ा मिला। फिर भी उनके घरेलू सीजन का आत्मविश्वास कायम रहा।

श्रेयस कहते हैं, "इन पारियों और विकेट्स ने मुझे आत्मविश्वास दिया। मैं चाहता हूं कि मैं अपने प्रदर्शन का स्तर इतना ऊंचा लेकर जाऊं कि अगली पीढ़ी उसे आगे लेकर जाए। मेरा उद्देश्य यही है कि कर्नाटक के लिए दोबारा अच्छा प्रदर्शन कर सकूं।"

वर्षों से श्रेयस ने अपने कौशल को संवारने का आनंद लिया है। इस यात्रा में उनका युज़वेंद्र चहल के साथ बातचीत का अनुभव काफ़ी लाभकारी रहा है। श्रेयस कहते हैं, "वे मेरे पसंदीदा गेंदबाज़ों में से एक हैं। उनके वेरिएशन का इस्तेमाल और कब उस वेरिएशन का इस्तेमाल करना है, वह कमाल का है।"

चिन्नास्वामी स्टेडियम में गेंदबाज़ी करना श्रेयस और चहल दोनों को काफ़ी पसंद है, जहां सफलता का रहस्य इस बात में छुपा है कि आपको "बड़े हिट्स के डर को ख़त्म करना" है।

श्रेयस ने कहा, "यहां गेंदबाज़ी हमेशा मुश्किल होती है। लेकिन अगर आप गेंद पकड़ते ही 'मुश्किल, मुश्किल' कहने लगते हैं, तो आप खु़द की मदद नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आपके पास आपके पास कोई विकल्प नहीं होता। आपको यहां निडर हो कर गेंदबाज़ी करनी होती है।"

श्रेयस मानते हैं कि अब वे पहले से अधिक परिपक्व और शांत हैं। IPL सीज़न से चूकना या कर्नाटक के लिए सभी फ़ॉर्मैट में नियमित रूप से मौक़ा न मिलना जैसी चीज़ों से निपटने के लिए वह तैयार हैं।

गेंदबाज़ी के साथ-साथ श्रेयस ने अपनी बल्लेबाज़ी को भी निखारा है। उनके छह प्रथम श्रेणी शतक और लगभग 3500 रन इसका प्रमाण हैं। उन्होंने अधिकांश रन लोअर ऑर्डर में बनाये हैं, जबकि आयु वर्ग के क्रिकेट में वे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ हुआ करते थे।

श्रेयस ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, जब मैं 20 वर्ष की आयु के आस-पास था, तब मैं अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं कर पा रहा था। इससे मेरे आत्मविश्वास में थोड़ी कमी आई। लेकिन फिर आपको यह एहसास होता है कि आपने इतने रन बनाए हैं तो उसके पीछे कोई कारण है।"

आगे की राह के बारे में श्रेयस जानते हैं कि भारतीय टीम के स्पिन आक्रमण जल्द ही परिवर्तन हो सकता है, और वे खु़द को इस कतार में शामिल देखना चाहते हैं, जिसमें पहले से ही अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, वॉशिंगटन सुंदर, सौरभ कुमार और मानव सूथर जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं।

Shreyas GopalYuzvendra ChahalIndiaRanji Trophy